
अधीर अपनी बात बोलकर वार्ड से बाहर चला गया था और बरकत अपनी जगह पर खड़ी रह गई थी। उसके कानों में अधीर की कही हुई बात गूंज रही थी।
वो अपना चेहरा ना में हिलाकर बोली "नहीं… अधीर ऐसा नहीं बोल सकते! वो मुझसे ऐसी बात नहीं कर सकते… हम दोनों के बीच कोई फिजिकल रिलेशन वाला प्यार नहीं था!! वो मुझसे प्यार भी करते हैं और हम दोनों की शादी भी हुई है! मानती हूं बाबा ने इस शादी को अपनी मंजूरी नहीं दी लेकिन शादी तो हुई है ना… मैं बाबा को मनाऊंगी… जब तक बाबा नहीं मानेंगे.. तब तक अधीर से अलग रहूंगी लेकिन ये शादी तो हुई है ना!”

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