
अधीर की बातें सुनकर बरकत का चेहरा एक बार फिर से मायूस हो गया था, अभी अधीर उसके बिल्कुल करीब था और उन दोनों के बीच इंटेंस मोमेंट चल रहे थे लेकिन अब अचानक से ही अधीर पीछे हट गया था और उसने एक बार फिर से बरकत को उसके बाबा के बारे में सुनाया था। वो उसे सीधा-सीधा फैसला लेने को बोल रहा था कि या फिर उसके बाबा और या वो… बरकत को इन दोनों में से एक डिसाइड करना ही पड़ेगा और वो भी पूरी लाइफ के लिए! अगर उसे अधीर चाहिए तो उसे अपने बाबा से अपने रिश्ते तोड़ने होंगे, वो भी पूरी जिंदगी के लिए… ये सब सुनकर बरकत को कितना बुरा लग रहा था वो उसके चेहरे के एक्सप्रेशन ही बता रहे थे लेकिन अधीर के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन थे।
अब उसने वापस अपने कपड़े पहनने शुरू लिए और बोला "अपने कपड़े पहन लो, बाद में ये मत कह देना कि मैं तुम्हें यूं ही यहां पर छोड़ कर गया क्योंकि अब मैं यहां पर और वक्त नहीं बीताने वाला, मुझे और भी काम है… सारा दिन तुम्हें लेकर यहां पर नहीं बैठा रह सकता!”

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