
शिवा की गाड़ी एक होटल के बाहर आकर रुकी जो कि काफी सस्ता सा होटल नजर आ रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे वहां पर कमरा 2-400 में भी मिल जाता होगा लेकिन वहां पर लोग कोई छुट्टियां मनाने या फिर काम के लिए नहीं आते थे बल्कि मौज मनाने आते थे!
एक लड़की वहां बिस्तर पर लेटी हुई थी और उसके नीचे एक आदमी था, वो पूरी तरह से उस आदमी के ऊपर झुकी हुई थी और उसकी तरफ देखते हुए बोली "जो मजा मैं तुम्हें दूंगी वो तो तुमने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा! आज का दिन तो तुम हमेशा के लिए याद रखोगे… ऐसे ही मुझे रूपा नहीं कहते, मेरे रूप का जादू हर जगह चलता है!”

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