
सिटी हॉस्पिटल
जब प्रीतम जी ने नीचे झुक कर बरकत के माथे को चूमा तो अधीर ने गुस्से से अपनी मुट्ठियां कस ली थी, उसे इस वक्त कुछ-कुछ हो रहा था! अपनी जाना के करीब किसी और को देखकर वैसे ही उसका तन बदन जलने लगता था और अब तो प्रीतम जी उसके माथे को चुम रहे थे! वो भला कैसे ही बर्दाश्त कर सकता था?

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