
राणावत मेंशन
अपने बड़ों का आशीर्वाद लेने के लिए अधीर और बरकत अब प्रीतम जी के सामने आकर खड़े हुए थे, इस वक्त बरकत का दिल जोरो से धक धक कर रहा था ये सोचकर कि आज के दिन तो अधीर अपना एटीट्यूड साइड में रख दे और हल्का सा नीचे झुककर वो उसके साथ प्रीतम जी का आशीर्वाद ले! वो सच्चे दिल से अपने बाबा का आशीर्वाद लेना चाहती थी ताकि अब अच्छे से अपनी जिंदगी में आगे बढ़ सके, अधीर के साथ अपनी शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत कर सके और तभी उसकी आंखें बड़ी हो गई!

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