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Chapter 13,14,15

अश्क NGO!!

KV व्योक्षा को अपनी बात कह कर अब बाहर की तरफ आ गया था जहां पर मैनेजमेंट ऑफिस था, वो ऑफिस के अंदर आया और आते ही उसकी नजर सामने चेयर पर बैठी हुई एक औरत पर गई जिनका नाम सुहासिनी जी था।

वो आकर उनके सामने खड़ा हुआ तो सुहासिनी जी तुरंत अपनी जगह से उठी और बोली "KV बेटा आप यहां पर? आपको कोई काम था क्या? अगर कोई काम था तो मुझे बता देते, मैं खुद डार्क विला आ जाती… खैर आप खड़े क्यों है बैठिए ना!”

KV बिना किसी खास एक्सप्रेशंस के बोला “व्योक्षा राठी यहां पर पढ़ाती है?”

उसकी बात सुनकर सुहासिनी जी के चेहरे पर हल्की परेशानी झलकने लगी, KV एक बार फिर से बोला "मैंने आपसे कोई सवाल किया है!”

सुहासिनी जी थोड़ा नॉर्मल होकर बोली "वो एक्चुअली व्योक्षा अभी खुद अपनी स्टडी कंटिन्यू कर रही है, हालांकि उसने फिलहाल ब्रेक लिया हुआ है लेकिन वो अपनी स्टडी जल्दी ही कंटिन्यू करेगी! उसे NGO में आना बहुत अच्छा लगता था, वो यहां के बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करने के लिए यहां आती थी… एक दिन यहां की एक टीचर एब्सेंट थी तो व्योक्षा बेटा ने कहा कि वो उनकी जगह पर क्लास लेना चाहती है तो मैंने परमिशन दे दी लेकिन उनका पढ़ाना बच्चों को इतना ज्यादा पसंद आया कि उन्होंने व्योक्षा से पढ़ने की जिद्द की! व्योक्षा है ही इतनी प्यारी कि मैं उसे मना नहीं कर पाई और वैसे भी उसकी बात में कुछ गलत नहीं था, मैंने इस बारे में कसक मैडम से बात भी की थी… उन्होंने परमिशन दी तो ही मैंने आगे व्योक्षा को क्लास 10th को पढ़ाने की परमिशन दी, Math और science छोड़कर वो उन्हें सब कुछ पढ़ाती है!”

KV की आईब्रो ऊपर की तरफ उठ गई! उसने तुरंत पूछा “क्यों ये दोनों सब्जेक्ट वो क्यों नहीं पढ़ाती?”

खुद सुहासिनी जी को समझ नहीं आ रहा था कि वो KV के इस सवाल का क्या ही जवाब दे? लेकिन जो सच था उन्हें तो वही बोलना था!

वो थोड़ा हिचकिचाकर बोली "वो उसका खुद का इन दोनों सब्जेक्ट में हाथ थोड़ा तंग है, पर बाकी सब्जेक्ट वो अच्छे से पढ़ा लेती है!”

KV सारकास्टिकली मुस्कुराया और बोला "सिर्फ इन दो सब्जेक्ट में ही नहीं, उसका हाथ काफी चीजों में तंग है… स्पेशली दिमाग तो कुछ ज्यादा ही तंग है!”

सुहासिनी जी मुस्कुराते हुए बोली "नहीं बेटा ऐसी कोई बात नहीं है, वो थोड़ी मासूम है लेकिन बच्ची प्यारी है!”

KV तुरंत बोला "अगर वो इतनी ही प्यारी है तो उसे छोटे बच्चों की क्लास देनी चाहिए थी ना, जहां पर उसका प्यार छोटे-छोटे बच्चों को भी मिल सके… बड़े बच्चों को प्यार तो कहीं से भी मिल जाता है लेकिन ज्यादा प्यार और ज्यादा केयर तो छोटे बच्चों को चाहिए होती है या नहीं मुझे ही कोई गलतफहमी हो रही है?”

सुहासिनी जी को उसका मतलब कुछ खास समझ में नहीं आया, KV उसके एक्सप्रेशंस देखकर एक बार फिर से बोला "मैंने सुना है यहां पर क्रैच सेक्शन की टीचर के लिए वैकेंसी निकली हुई है, आप लोगों को छोटे बच्चों के लिए एक टीचर की जरूरत है जो उन्हें संभाल सके और उसके लिए व्योक्षा से परफेक्ट और कोई नहीं हो सकता! जरा इस बात पर ध्यान दीजिए और एक्शन उससे भी ज्यादा जल्दी लीजिएगा क्योंकि देरी KV को पसंद नहीं!”

ये बोलते हुए अब उसकी आवाज थोड़ी सख्त हो गई थी, अपनी बात कह कर वो तुरंत वहां से चला गया था और सुहासिनी जी पहले तो चेयर पर बैठी और उन्होंने अपने माथे पर अपना हाथ रख लिया!

व्योक्षा और छोटे बच्चों को संभाले ऐसा पॉसिबल भी कैसे था? वो तो खुद छोटी बच्ची थी, अगर बच्चों को कोई चॉकलेट देगा तो वो तो खुद उनसे छीन कर खा जाएगी! ऐसे में उसे छोटे बच्चों के पास कैसे ही छोड़ा जा सकता था? लेकिन अब KV ने कहा था तो उन्हें KV की बात तो माननी ही थी।

वो तुरंत ऑफिस से बाहर निकली और क्लासेस एरिया की तरफ चली गई! वो NGO एक आश्रम की तरह था जहां पर काफी सारे स्टूडेंट पढ़ते थे, कुछ स्टूडेंट्स तो इस आश्रम के थे जो अपनी पढ़ाई के बाद ऊपर चले जाते जहां पर उनके रहने का सारा इंतजाम था! वो बच्चे शुरू से उस आश्रम ही रहते आए थे, उनके पेरेंट्स नहीं थे और कुछ बच्चे बाहर से पढ़ने आते थे… जो पेरेंट्स अपने बच्चों की स्कूल की फीस वगैरा अफोर्ड नहीं कर पाते थे उन्हें उस NGO में एडमिशन मिल जाता था लेकिन उसके लिए उन्हें कुछ टेस्ट क्लियर करने पड़ते थे!

अब सुहासिनी जी क्लास 10th में आई जहां पर व्योक्षा एक टेबल पर बैठी थी और सारे बच्चे उसके साथ बातें कर रहे थे, व्योक्षा उन्हें बता रही थी कि कैसे उसकी शादी में एक गैंगस्टर आया और उसने उसे किडनैप कर लिया और फिर उसकी शादी बीच में ही टूट गई!

उसने बच्चों की तरह देखते हुए अपने हाथों की गन बनाई और फिर एकदम शूट करते हुए अपना हाथ ऊपर की तरफ उठाया और फिर अपने होठों को गोल कर धुआं छोड़ने की एक्टिंग करते हुए बोली "डिशक्याऊं गोली चली और मेरा होने वाला दूल्हा एक सेकंड में खत्म और उन लोगों ने मुझे किडनैप भी किया, मुझे अपने ठिकाने पर ले गए लेकिन तुम लोगों को पता है वो ठिकाना कोई पुरानी फैक्ट्री या फिर कोई बंद गोडाउन नहीं था बल्कि बहुत खूबसूरत सा विला था! वहां पर हर एक चीज थी, पहले तो थोड़ा टाइम मुझे वहां गंदी सी जगह पर रखा गया लेकिन फिर बाद में ऊपर लेकर आया गया जहां पर बिल्कुल वैसा ही माहौल था जैसा मेरे घर पर होता है! वहां हर एक चीज मौजूद थी और सबसे इंटरेस्टिंग पता है क्या है? मैंने अपने ही किडनैपर के साथ मैगी खाई, लेकिन फिर मैगी खाते-खाते अचानक ही मेरे किडनैपर ने मुझे किस….

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही सुहासिनी जी अंदर की तरफ आते हुए बोली "1 मिनट व्योक्षा मुझे तुमसे कुछ बात करनी है!”

व्योक्षा ने क्यूट सा मुंह बनाते हुए उनकी तरफ देखा, वो अपनी पलके झपका रही थी और अपने लोअर लिप को हल्का-हल्का बाइट कर रही थी!

सुहासिनी जी उसे क्लास से बाहर लेकर आई और बोली "वो एक्चुअली तुम्हें तो पता है ना कि यहां पर छोटे बच्चों को संभालना कितना मुश्किल है और उनकी क्लास में तो टीचर भी नहीं है इसलिए तुम प्लीज आज उनकी क्लास संभाल लो, तुम्हें ज्यादा कुछ नहीं करना बस छोटे बच्चों को संभालना है!”

व्योक्षा जल्दी से बोली "क्या मुझे उन्हें खाना भी खिलाना होगा?”

सुहासिनी जी उसका सवाल सुनकर सोच में पड़ गई लेकिन अगले ही पल उन्होंने अपने मन में कहा “इसे चॉकलेट का लालच देती हूं फिर ये पक्का मान जाएगी!”

वो व्योक्षा की तरफ देखते हुए बोली "हां तुम्हें उन्हें खाना भी खिलाना होगा और बाद में किंडर जॉय भी खिलाना होगा, आज ही वोहरा फैमिली ने छोटे-छोटे बच्चों के लिए किंडर जॉय के बॉक्स भिजवाए हैं तो उनमें से दो-तीन किंडर जॉय तुम भी ले लेना!”

व्योक्षा मुस्कुराई और बोली "फिर ठीक है मैं उन्हें संभालने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं पूरे पांच किंडर जॉय लूंगी! इतना तो बनता है ना? मैं तो यहां पर कोई सैलरी भी नहीं लेती तो आप अब इतना तो मेरे लिए कर सकती है ना? वैसे भी उस किडनैपर ने मेरा दिमाग खराब किया हुआ है, उसने ना मुझे कल से कुछ खाने को दिया है और ना ही पीने को… किंडर जॉय तो एक भी नहीं दिया!”

ये बोलते हुए उसने एक बार फिर से मासूम सा मुंह बनाया हुआ था, कोई भी उसकी बात सुनकर उस बात को सच मान ले लेकिन सच तो ये था कि उसने पूरे पांच किंडर जॉय खाए थे और अब वो एक बार फिर से पांच किंडर जॉय की डिमांड कर रही थी।

सुहासिनी जी ने उसके गाल पर अपना हाथ रखा और बोली "पांच के भी तुम बेशक से छ किंडर जॉय ले लेना, पर तुम प्लीज उन बच्चों को जाकर संभाल लो! मैं तुम्हारे साथ एक लड़की को और भेज देती हूं क्योंकि बच्चों के डायपर वगैरा भी बदलने होते हैं ना तो… ये बोलते हुए उन्हें थोड़ा सा डर लग रहा था कि कहीं इन सब चीजों के बारे में सुनकर व्योक्षा छोटे बच्चों के पास जाने से मना ही ना कर दे? लेकिन व्योक्षा को तो फिलहाल अपनी आंखों के सामने किंडर जॉय नजर आ रहे थे!

उसने कुछ नहीं कहा और अब सुहासिनी जी ने एक लड़की रूबी को व्योक्षा के साथ जूनियर सेक्शन में भेजा जहां पर उन्हें सबसे छोटे बच्चों को संभालना था जो मुश्किल से डेढ़ साल या 2 साल के होते थे, कइयों के तो डायपर लगे हुए थे और कई छोटे-छोटे बच्चे बता देते हैं कि उन्हें सुसु आया है या फिर उससे भी ऊपर वाला मामला!

व्योक्षा ने क्लास में पहुंचते ही सामने की तरफ देखा जहां एक रैक पर काफी सारे किंडर जॉय रखे हुए थे, जो उन बच्चों को तब दिए जाने वाले थे जब उनका लंच ब्रेक हो जाए!

रूबी व्योक्षा की तरफ देखते हुए बोली "मुझे अभी इन बच्चों के लिए खाना भी बनाना है, तो मैं एक काम करती हूं मैं पहले खाना बना लेती हूं! तुम तब तक इनको संभाल लेना…

व्योक्षा मुस्कुराई और बोली "इनको संभालना कौन सा मुश्किल है? तुम फिक्र मत करो मैं संभाल लूंगी!”

उसकी बात पर रूबी मुस्कुराते हुए बाहर की तरफ चली गई और अब व्योक्षा की नजरे उन किंडर जॉय की तरफ आ गई जो सामने की तरफ पड़े थे, वो तुरंत उनके पास आई और उसने एक किंडर उठाकर तुरंत उसे खोला और अपनी उंगली से लिक करते हुए खाने लगी और एक बार जो उन किंडर जॉयस का नशा उसके सिर पर चढ़ा उसके बाद तो जैसे उससे रुका ही नहीं गया! एक के बाद एक तकरीबन 4-5 किंडर जॉय उसने खा लिए थे…

तभी एक बच्चा उसके पास आया और आकर उसके कपड़ों को खींचने लगा!

व्योक्षा ने उसे बच्चे की तरफ देखा और बोली "बस 1 मिनट, पहले इसे खत्म कर दूं!” ये बोलकर वो एक बार फिर से वो किंडर जॉय खाने लगी थी!

उस बच्चे ने अब एक बार फिर से व्योक्षा के कपड़ों को खींचा तो व्योक्षा ने गुस्से से मुंह बनाया और बोली "लो पहले तुम ही खा लो!”

उस बच्चे ने तुरंत व्योक्षा के हाथों से वो किंडर जॉय लिया और अपनी छोटी सी उंगली से वो किंडर जॉय लिक करने लगा!

वही व्योक्षा ने अब दूसरा किंडर जॉय उठा लिया था, उसे खत्म करने के बाद अब उसने एक और किंडर एंजॉय उठाया और उसे खोलने लगी लेकिन अचानक ही उसे अजीब सी स्मैल आई…

वो तुरंत बोली "ये मेल किस चीज की है?” ये बोलते हुए उसने अपनी नज़रें इधर-उधर घुमाई और फिर उसकी नजर नीचे की तरफ गई जहां पर वो बच्चा खड़ा था और अब वो बच्चा नॉर्मली वहां पर नहीं खड़ा था बल्कि कांड करके खड़ा था जिसकी स्मेल व्योक्षा को आ रही थी!

चॉकलेट का तो पता नहीं लेकिन नीचे येलो कलर का काफी कुछ फैला हुआ था, व्योक्षा उसकी तरफ देखते हुए बोली "ये चॉकलेट येलो कैसे हो गई? और इसमें से इतनी गंदी स्मेल क्यों आ रही है?”

ये बोलते हुए वो नीचे की तरफ झुकी, उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया ताकि देख सके कि वो चॉकलेट सच में येलो कैसे हो गई? उसे दूर-दूर तक अंदाजा नहीं था कि जिसे वो चॉकलेट समझ रही है वो कुछ और है लेकिन वो अपना हाथ उस येलो कलर पर लगाती उससे पहले ही पीछे से रूबी की आवाज आई “ये तुम क्या कर रही हो व्योक्षा? कम से कम कोई कपड़ा तो ले लो और पहले इस बच्चे को तो साइड करो वरना ये अपने हाथ खराब कर लेगा!”

ये बोलते हुए वो आगे की तरफ आई, व्योक्षा ने अपने हाथ में पकड़ा हुआ किंडर जॉय तुरंत पीछे की तरफ किया जिसे वो अभी-अभी खोलकर खाने वाली थी!

रूबी ने जल्दी से उस बच्चे को उठाया और उसे वहां से ले गई, व्योक्षा ने तुरंत उस किंडर जॉय के साथ-साथ दो-तीन और किंडर जॉय अपनी बॉटम वेयर की पॉकेट में डाल लिए!

वही रूबी के बाहर निकलते ही एक औरत और वहां पर आई और नीचे फैला हुआ सारा Mess साफ करने लगी, अब तक व्योक्षा को समझ आ गया था कि वो सब क्या है? और वो तरह-तरह के मुंह बनाते हुए बाहर की तरफ आई और सीधा मैनेजमेंट ऑफिस की तरफ बढ़ गई!

तकरीबन 5 मिनट बाद सुहासिनी जी ने अपने सिर पर अपना हाथ रखा हुआ था क्योंकि व्योक्षा की बातें उनके सिर के ऊपर से जा रही थी, उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर व्योक्षा कौन से किडनैपर के बारे में बात कर रही है?

वही व्योक्षा उनकी तरफ देखते हुए बोली “मैंने आपसे कहा ना मैं ऐसे अपने घर नहीं जा सकती, मैं किडनैप हो रखी हूं… मेरे किडनैपर का नाम Little Don है जो मैंने ही रखा है लेकिन उनका असली नाम क्या है वो मुझे नहीं पता! प्लीज आप मेरे किडनैपर को कॉल कर दीजिए ताकि वो मुझे यहां से ले जाए…

सुहासिनी जी चौंकते हुए उसकी तरफ देख रही थी और अब उन्हें रिलाइज हो रहा था कि व्योक्षा को 10th क्लास देकर उन्होंने कितनी बड़ी गलती की थी, क्या ही फ्यूचर होगा उन बच्चों का जिन्हें व्योक्षा पढ़ा रही होगी?

व्योक्षा मासूमियत से बोली “आप मुझे ऐसे क्यों देख रही हैं? एक तो आपकी वजह से मेरा इतना सिर दर्द हो रहा है, उस गंदी सी स्मैल की वजह से मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मुझे अभी भी चक्कर आ रहे हैं और ऊपर से आप मेरे किडनैपर को भी कॉल नहीं कर रही है!”

अभी वो बोल ही रही थी कि दरवाजे की तरफ से आवाज आई “Butterfly…

बटरफ्लाई सुनकर व्योक्षा की आंखें बड़ी हो गई, उसने तुरंत दरवाजे की तरफ देखा जहां पर KV खड़ा था।

जैसे ही KV की आवाज व्योक्षा के कानों में आई, व्योक्षा की आंखें बड़ी हो गई! उसने तुरंत दरवाजे की तरफ देखा और अपने सामने KV को देखकर वो बता नहीं सकती थी कि इस वक्त उसे कितना अच्छा फील हो रहा था!

छोटे बच्चों को संभालने के चक्कर में उसका छोटा सा दिमाग पूरी तरह से खराब हो चुका था, वो तुरंत अपनी जगह से उठी और जाकर सीधा KV के सीने से लग गई!

KV की हार्टबीट एक पल के लिए रुक गई, उसके हाथ हवा में थे और सामने बैठी सुहासिनी जी ये सब कुछ देख रही थी! जहां तक वो KV को जानती थी KV की लाइफ में सिर्फ एक ही लड़की थी जिसका नाम था कृतिका, सुना था वो कृतिका के लिए काफी ज्यादा सीरियस है और वही उसकी होने वाली बीवी भी है और अब जिस तरह से व्योक्षा KV के सीने से लगी हुई थी, वो तो कुछ अलग ही लग रहा था।

KV ने अब अपना हाथ धीरे से व्योक्षा की पीठ पर रखा और बोला "ऐसे इतना परेशान क्यों हो रही हो?”

व्योक्षा ने अब खुद को पीछे की तरफ किया और फिर बिना आंखों में आंसू लिए सुबक कर बोली "आपको पता भी है आपकी वजह से मेरा कितना दिमाग खराब हुआ है, मुझे चक्कर आ रहे हैं… मेरा सिर दर्द हो रहा है! मुझे रोना भी आ रहा है और आपको पता है मैं छोटे-छोटे बच्चों को संभाल रही थी, पहले तो मुझे बच्चे थोड़े क्यूट लगते थे लेकिन आज मुझे समझ में आया कि छोटे बच्चे क्यूट बिल्कुल नहीं होते! कितने शरारती होते हैं वो, मैं तो कभी बच्चे पैदा नहीं करूंगी…

उसकी बात सुनकर KV हैरानी से उसकी तरफ देख रहा था, व्योक्षा पर तो उसे हंसी आ रही थी लेकिन उस इंसान पर तरस आ रहा था जिसकी बीवी व्योक्षा बनेगी! अगर व्योक्षा किसी की बीवी बनेगी तो उस बेचारे को तो समझ नहीं आएगा कि वो बच्चे पैदा करें या फिर बच्चों से भी ज्यादा छोटी मासूम व्योक्षा को संभाले?

व्योक्षा एक बार फिर से सुबककर बोली "और आपको पता है उसने अपना डायपर भी गंदा कर दिया था और मुझे तो पता भी नहीं चला कि उसने ऐसा कुछ किया है, मुझे तो लगा कि नीचे किंडर जॉय फैला हुआ है! वो काफी अजीब था येलो येलो डर्टी कलर… छी छी मुझे तो अब वो सब कुछ सोच कर ही बहुत गंदा लग रहा है, मुझे नहीं छोटे बच्चों के साथ रहना!”

ये बोलकर अब उसने वापस सुहासिनी जी की तरफ देखा और बोली "मैं यहां पर बड़े बच्चों को पढ़ाती थी क्योंकि मुझे उनके साथ वक्त बिताना अच्छा लगता था वरना आपको तो पता ही है, मैं तो खुद अभी स्टडी कर रही हूं पर ये छोटे बच्चे मैं नहीं संभाल पाऊंगी! इन्हें आप खुद ही संभाल लीजिएगा… अगर बड़े बच्चों को पढ़ाना होगा तो आप Little Don के नंबर पर फोन कर दीजिएगा, अगर आपके पास उनका फोन नंबर नहीं है तो आप उनसे ले लीजिए! यही है मेरे Little Don… ये बोलते हुए उसने एक नजर वापस KV की तरफ देखा!

व्योक्षा के मुंह से KV के लिए Little Don सुनकर सुहासिनी जी व्योक्षा के लिए खैर मांग रही थी, इतने बड़े गैंगस्टर को भला कोई Little Don कैसे बुला सकता है?

व्योक्षा अब वापस से KV की तरफ घूमी और बोली "प्लीज मुझे यहां से ले जाइए, अभी भी मुझे चक्कर आ रहे हैं!” ये बोलते हुए उसने अपना हाथ अपने सिर पर रखा…

KV ने सुहासिनी जी की तरफ देखते हुए कहा “मुझे नहीं पता था कि यहां पर ऐसे टीचर्स अप्वॉइंट किए हुए हैं आपने, अगर आपको टीचर्स की कमी हो रही थी तो आप मॉम को कॉल कर देती या फिर दादी को… आपको ऐसे टीचर्स रखने की क्या नौबत पड़ गई?”

ये बोलते हुए उसने एक नजर व्योक्षा की तरफ देखा, व्योक्षा तुनक कर बोली "क्यों मुझ में क्या कमी है? इतनी सुंदर तो हूं!”

KV सारकास्टिकली बोला "मुझे नहीं पता था कि पढ़ाने के लिए सुंदर होना जरूरी होता है!”

व्योक्षा भी जल्दी से बोली "और नहीं तो क्या, तभी तो बच्चों का दिल लगेगा!”

KV एक बार फिर से बोला "मुझे तो लगा बच्चों को पढ़ाई में दिल लगाना होता है, यहां तो दिल कहीं और ही लग रहे हैं और शायद इसीलिए अब तुम्हें चक्कर भी आ रहे हैं! अगर दिल इधर-उधर नहीं लगता तो आज तुम्हारी आखिरी क्लास नहीं होती Butterfly… अब चलो यहां से!”

उसकी बात का मतलब व्योक्षा को बिल्कुल भी समझ नहीं आया, लेकिन उसने अपने सिर पर अपना हाथ रखा और अपना चेहरा हां में हिला दिया! वो वापस सुहासिनी जी की तरफ देखते हुए बोली "बाय… और हां मैंने ज्यादा किंडर जॉय नहीं खाए, बस एक दो ही खाए थे! क्या मुझे उन बच्चों को संभालने के बदले थोड़े से किंडर जॉय मिल सकते हैं?”

उसकी बात सुनकर KV जो बाहर की तरफ बढ़ रहा था उसके कदम एकदम से रुक गए, वो हैरानी से व्योक्षा की तरफ देख रहा था! अगर कोई व्योक्षा से पूछे कि वो उसे चार किंडर जॉय देगा लेकिन बदले में उसे अपनी किडनी निकाल कर देनी होगी तो व्योक्षा शायद उस इंसान को भी हां बोल दे!

सुहासिनी जी व्योक्षा की बात का कोई जवाब देती, उससे पहले ही KV ने उसकी कलाई पकड़ी और बोला "चलो मेरे साथ! तुम्हें तुम्हारे किंडर जॉय मिल जाएंगे…

व्योक्षा ने तुरंत पूछा “कितने?”

KV ने गुस्से से उसकी तरफ देखा, व्योक्षा मुंह बनाते हुए बोली "सिर्फ इतना ही तो पूछा है कितने दोगे? अगर आपने कम दिए और सुहासिनी जी ज्यादा दे रही होंगी तो मेरा तो नुकसान हो जाएगा ना?”

KV का मन कर रहा था कि वो अपना माथा पीट ले, उसने व्योक्षा का हाथ पकड़ कर आगे की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया और व्योक्षा पीछे सुहासिनी जी की तरफ देख रही थी जैसे नजरों ही नजरों में वो उसे किंडर जॉय पकड़ा देंगी!

KV व्योक्षा को लेकर बाहर आया और उसे गाड़ी में बिठाकर वो खुद भी ड्राइविंग सीट पर बैठा और उनकी गाड़ी वहां से निकल गई!

वहीं दूसरी तरफ

सुहासिनी जी राहत की सांस लेते हुए अपनी चेयर पर बैठी, लेकिन अब उनके चेहरे पर एक बार फिर से परेशानी झलकने लगी थी! KV और व्योक्षा को तो किसी तरह उन्होंने संभाल लिया था लेकिन अब किसी और के बारे में सोचकर ही उन्हें डर लग रहा था और फिर अपने कांपते हुए हाथ से ही उन्होंने अपना फोन उठाया और एक नंबर डायल किया!

वहीं दूसरी तरफ

The Dark Villa,

कसक गुस्से से मुंह बनाते हुए AV की तरफ देख रही थी, AV फ्रस्ट्रेटेड होकर बोला "यार ये तो बता दो कि आखिर तुम्हें मुझ पर गुस्सा आ क्यों रहा है? तुम सुबह से ही तरह-तरह के मुंह बनाए जा रही हो लेकिन ये तो बताओ कि आखिर ये मुंह बना क्यों रही हो?”

कसक ने अपना नाक सिकोड़ लिया और बोली "यही प्यार है आपका! अब आपको ये बात भी समझ में नहीं आती कि मैं आपसे क्यों गुस्सा हूं? अब ये भी मैं आपको बताऊं? आप खुद से पता नहीं लगा सकते? वैसे तो बड़ा कहते थे आप कि आप मुझसे प्यार करते हैं, मैं आपकी जान हूं ये वो… अब क्या हुआ? जवानी में तो आप मेरे दिल और दिमाग दोनों को अच्छी तरह से समझ जाते थे और अब आपसे एक छोटी सी बात नहीं पता लगवाई जा रही?”

उसकी बात सुनकर AV तुरंत अपनी जगह से उठा और उसके करीब होकर बोला "तुम बूढ़ा किसे कह रही हो?”

कसक मुंह बनाते हुए बोली "वही जो बूढ़ा हो चुका है!”

AV ने उसे तिरछी नजरों से देखा और बोला "तुम्हारी तो… ये बोलते हुए उसने उसकी कमर को कसकर पकड़ा और फिर अगले ही पल उसे अपनी गोद में उठाकर सीधा बेड पर पटक दिया!

कसक की दर्द से आह निकल गई, AV अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए बोला "अब तो तुम्हें समझ में आ गया होगा कि बूढ़ा कौन हो गया है? और रही बात मेरी तो मैं अभी प्रूफ कर देता हूं कि मैं बूढ़ा हुआ या नहीं?”

ये बोलकर अब उसने अपनी शर्ट साइड में फेंक दी! उसे अपनी शर्ट उतारते हुए देख कसक के चेहरे पर मुस्कुराहट तैर रही थी जैसे वो यही तो चाहती हो…

वो AV से नाराज नहीं थी, AV उसे नाराज होने का मौका दे तो वो उससे नाराज हो… AV तो उसे पलकों पर बिठाकर रखता था लेकिन बात ये थी कि कल रात कसक को AV का प्यार नहीं मिला था!

AV अपने काम की वजह से कल रात घर नहीं आया था, वो आज सुबह लगभग से 6 बजे घर वापस लौटा था और उस वक्त कसक सो रही थी और अब जब AV उठकर रेडी हो रहा था तो कसक भी रेड कलर की साड़ी पहनकर उसके सामने घूम रही थी! उसे तरह-तरह के सिग्नल दे रही थी लेकिन AV को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था, तो आखिर में उसे गुस्से से ही मुंह बनाने पड़े पर अब उसने अपनी बांहे AV की गर्दन पर लपेट दी थी।

AV उसकी तरफ देखते हुए बोला "वैसे तुम मुझे बोलकर भी बता सकती थी Pookie कि तुम्हें क्या चाहिए? तुम्हें ये तरह-तरह के मुंह बनाने की जरूरत नहीं थी!”

कसक मुंह बनाकर बोली "लेकिन फिर भी आप मुझे वो चीज दे नहीं रहे हैं, और कितना तड़पाने का इरादा है Mr Xyz?”

ये बोलते हुए अब उसने अपने हाथ AV की चेस्ट पर रखे, AV ने उसकी दोनों कलाइयों को ऊपर की तरफ लगाया और फिर अपने एक हाथ से पकड़कर उसके क्लीवेज पर झुक गया और बोला "तड़पाने का इरादा तो है लेकिन क्या करूं? तुम्हें तड़पता हुआ देखकर मुझे खुद को ही कुछ-कुछ होता है!”

ये बोलकर अब उसने कसक को लव बाइट देना शुरू किया तो कसक की आह निकल गई, उसके क्लीवेज ऊपर की तरफ उभर रहे थे और वो ब्लाउज थोड़ा टाइट था तो ऐसा लग रहा था जैसे AV ने अगर थोड़ा सा और जोर लगाया तो वो बॉल जो इस वक्त कसकर दबी हुई है वो बाहर निकल जाएगी!

लेकिन अब इसके आगे AV कुछ और करता उससे पहले ही साइड में रखा हुआ फोन बजा, AV ने फोन की तरफ देखा जहां पर सुहासिनी जी का कॉल आ रहा था लेकिन कसक बिना सुहासिनी जी के बारे में जाने ही बोली "इग्नोर कीजिए ना Mr Xyz, पक्का किसी इंश्योरेंस वाले का फोन होगा! अब उन्हें क्या बताऊं कि मुझे प्रोटेक्ट करने के लिए आप हैं… मुझे किसी इंश्योरेंस की जरूरत नहीं!”

AV हंसकर बोला "सुहासिनी जी का कॉल आ रहा है, उन्हें भी इग्नोर करना है क्या?”

उसकी बात सुनकर कसक हैरान रह गई, अगले ही पल उसने AV को धक्का दिया और खुद बिस्तर पर उठकर बैठ गई!

उसने सुहासिनी जी का कॉल रिसीव किया और बोली "जी सुहासिनी जी, आपने कॉल किया?”

सुहासिनी जी थोड़ा डरते हुए बोली "वो मुझे आपको कुछ बताना था कसक जी, वो आप व्योक्षा को जानती है ना?”

सुहासिनी जी की बात पर कसक सोच में पड़ गई थी, उसे व्योक्षा के बारे में कुछ याद नहीं आ रहा था!

तभी वो अचानक से कुछ याद करते हुए बोली "वही लड़की ना जो बात-बात पर किंडर जॉय मांगती है? जिसे आश्रम के बच्चों के साथ वक्त बिताना अच्छा लगता था, तो हमने उसे As A टीचर ही अप्वॉइंट कर लिया था?”

सुहासिनी जी जल्दी से बोली "हां हां वही व्योक्षा!”

कसक हैरानी से बोली “लेकिन उसके बारे में क्या बताना है? उसने कोई बेवकूफी की क्या? देखिए सुहासिनी जी वो थोड़ी नादान है, अगर उसने कोई गलती की है तो इग्नोर कीजिए….

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही सुहासिनी जी बोली "नहीं ऐसा कुछ नहीं है! वो मुझे बताना ये था कि आज व्योक्षा KV बेटे के साथ आश्रम में आई थी और वो वापस भी KV बेटे के साथ ही गई है और तो और वो KV को Little Don कहकर बुला रही थी और बोल रही थी कि KV ने उसकी किडनैपिंग की है, मुझे तो समझ में नहीं आया कि उन दोनों के बीच चल क्या रहा है? इसलिए मैंने आपको कॉल कर दिया!”

सुहासिनी जी की बात सुनते हुए अब कसक के होश भी उड़े हुए थे और उसे देखते हुए AV की आईब्रो ऊपर की तरफ उठी हुई थी!

उसने तुरंत अपनी पॉकेट से फोन निकाला और एक मैसेज टाइप किया "कोई कांड किया क्या?" और KV के नंबर पर सेंड कर दिया!

सामने से KV का रिप्लाई आया “मैं पैदा ही कांड करने के लिए हुआ हूं डैड, आप ये बताइए आपको कौन से वाला पता चला?”

सामने से AV ने बस एक शब्द लिखा “किंडर जॉय!” और उधर KV की आंखें बड़ी हो गई!

AV का मैसेज पढ़ कर KV की आंखें बड़ी हो गई थी, भला किंडर जॉय के बारे में AV को कैसे पता चला? और फिर अगले ही पल उसके दिमाग में सुहासिनी जी का ख्याल आया!

वो गुस्से से दांत पीसते हुए बोला "कुछ लोगों का दिमाग कुछ ज्यादा ही चलता है, शायद वो ये भूल जाते हैं कि अगर सामने वाला उड़ने पर आया तो सिर्फ उनका दिमाग ही नहीं उन्हें भी उड़ा देगा!”

गाड़ी में बैठी व्योक्षा जो अपने हाथ में पकड़े हुए किंडर जॉय की तरफ देख रही थी और सोच रही थी कि उसके पास ये आखिरी किंडर जॉय है, या तो वो अभी इसे खा ले या फिर खाना खाने के बाद क्योंकि खाना खाने के बाद तो उसे बहुत ज्यादा क्रेविंग होती है! उस वक्त वो खुद को कैसे रोक पाएगी?

अब KV की बात सुनकर वो तुरंत उसकी तरफ देखते हुए बोली "आप पतंग उड़ाने की बात कर रहे हैं क्या?”

KV ने गहरी नजरों से उसकी तरफ देखा, वो काफी वक्त से व्योक्षा के साथ बहुत नॉर्मल पेश आ रहा था! अब इसके पीछे उसके कुछ खतरनाक इरादे थे या फिर उसका दिल पिघल रहा था कुछ कहा नहीं जा सकता था, लेकिन अब वो उसे एकदम डेविल नजरों से देखते हुए बोला "इंसान उड़ाने की बात कर रहा हूं मैं, अगर तुम कहो तो तुम्हें उड़ा कर दिखाऊं?”

उसकी वो डेविल वॉइस सुनकर ही व्योक्षा का गला सूखने लगा था, वो जल्दी से बोली "मेरे डैड जल्दी आ जाएंगे मुझे लेने के लिए, फिर मैं चली जाऊंगी तो आपको परेशान नहीं करूंगी! तब तक आप मुझे जमीन पर ही रहने दीजिए… मुझे उड़ाने की क्या ही जरूरत है?”

KV ने अब उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और गाड़ी की स्पीड थोड़ी और तेज कर दी!

वहीं दूसरी तरफ

कसक AV की तरफ देखते हुए बोली "भला KV व्योक्षा को किडनैप क्यों करेगा? उसे व्योक्षा को किडनैप करने की क्या जरूरत है? मैंने पहले ही कहा था आपको कि मुझे अपना बेटा गैंगस्टर नहीं बनाना, आप उसे इन सब चीजों से दूर रखिए लेकिन नहीं आपको तो मेरी बात नहीं माननी थी! अब देखिए वो कैसे किडनैपिंग जैसी चीज करने लगा है…

AV हैरानी से उसकी तरफ देखते हुए बोला "लेकिन मैंने कब उसे कहा कि वो गैंगस्टर बने? बचपन में अगर तुम उसके सामने दूध की बोतल और मैं पिस्टल रखता था तो वो पिस्टल उठाता था, अब इसमें मेरी तो कोई गलती नहीं!”

कसक मुंह बनाते हुए बोली "सारी गलती आपकी है लेकिन अब आपकी गलतियों को मैं सुधारुंगी, आप अभी इसी वक्त मुझे वोहरा विला लेकर चलिए! मैं जाकर देखती हूं कि उसने व्योक्षा को किडनैप क्यों किया? बिचारी कितनी मासूम है… उसे तो किडनैपिंग का मतलब भी नहीं पता होगा, इतनी प्यारी है वो! अगर KV ने गुस्से में उसका दिल दुखा दिया तो? नहीं नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं होने दूंगी, आप अभी इसी वक्त मुझे वोहरा विला लेकर चलिए!”

ये बोलते हुए वो बिस्तर से उठ चुकी थी और बाहर की तरफ बढ़ने लगी थी।

AV ने तुरंत उसका हाथ पकड़ कर उसे रोका और बोला "सॉरी Pookie लेकिन हम वोहरा विला नहीं जा सकते!”

कसक मुंह बनाते हुए बोली "क्यों? आपके पैरों में दर्द है? अब तक तो आप जवान थे, अब आप फिर से बूढ़े हो गए? आपके पैरों में दर्द होने लगा?”

AV ने एक गहरी सांस ली और बोला "वो जगह KV की प्राइवेट स्पेस है, हम लोग उसमें इंटरफेयर नहीं कर सकते! तुम्हें पता है ना उसे हम सब लोगों का वोहरा विला में जाना पसंद नहीं इसीलिए तो वो हमारे साथ डार्क विला नहीं रहता, उसे किसी भी तरह की इंटरफ़ेरेंस पसंद नहीं!”

कसक गुस्से से बोली "अच्छा उसके प्राइवेट विला में व्योक्षा जा सकती है, लेकिन मैं जो उसे इस दुनिया में लेकर आई हूं वो नहीं जा सकती?”

AV ने अपनी दो उंगलियों से अपना माथा रगड़ते हुए कहा “इमोशनल ब्लैकमेल करने से कुछ नहीं होगा! जब मैंने एक बार कह दिया ना हम लोग वहां नहीं जा सकते इट मींस वहां नहीं जा सकते और रही बात व्योक्षा की तो मैं खुद देख लूंगा… KV उसे किडनैप करके लेकर आया है या फिर बात कोई और है? तुम्हें इन सब चीजों में पड़ने की जरूरत नहीं है, कल तुम्हारा बर्थडे है ना तो जाओ तुम अपने बर्थडे की शॉपिंग करो! कसूरी या रहनुमा के साथ चली जाना, मुझे भी एक इंपॉर्टेंट काम है तो मैं जा रहा हूं… ये बोलकर वो तुरंत वहां से बाहर की तरफ चला गया और कसक उसे जाते देखती रह गई!

वो भी अब खुद से बोली "ऐसे कैसे मैं वोहरा विला नहीं जा सकती? मैं भी देखती हूं कि मुझे वहां जाने से कौन रोकता है? और अब तो आपने खुद कह दिया है कि मैं शॉपिंग पर जाऊं, शॉपिंग पर से आते हुए अगर मेरा वोहरा विला जाने का मन करे तो ये कोई गलत बात तो नहीं होगी Mr Xyz… ये बोलते हुए उसके चेहरे पर नॉटी एक्सप्रेशन थे!

वहीं दूसरी तरफ,

AV अपनी गाड़ी में बैठा, लेकिन गाड़ी विला से बाहर निकालने से पहले उसने अपना फोन अपनी पॉकेट से बाहर निकाला और उस पर एक मैसेज टाइप किया “Pookie वोहरा विला आने की बात कर रही थी, फिलहाल के लिए उसे रोक दिया लेकिन तुम भी जानते हो तुम्हारी Pookie को? आज तक वो किसी के रोकने से रुकी है जो मेरे रोकने से रुकेगी? इसलिए अपना किंडर जॉय संभाल कर रखना! अगर वो खा गई तो इसमें गलती मेरी नहीं होगी…

वहीं दूसरी तरफ

KV जो अपनी गाड़ी से बाहर निकल रहा था, अपना फोन वाइब्रेट होते हुए देख उसने स्क्रीन को अनलॉक किया और ऊपर AV का मैसेज देखकर उसने एक गहरी सांस ली!

वही व्योक्षा भी गाड़ी से बाहर निकली और KV की तरफ देखते हुए बोली "सुबह मैंने ढंग से ब्रेकफास्ट नहीं किया था तो क्या अब मुझे लंच मिल सकता है? मैं अपने पापा से कह कर फिरौती के पैसों में अपने खाने-पीने के पैसे भी ऐड करवा दूंगी!”

KV जो पहले उसे गुस्से से बात कर रहा था, अब अचानक ही वो बड़े प्यार से बोला "Butterfly तुम्हें इतनी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है, मैं हूं ना तो तुम्हें अपने डैड से अपने खर्चे उठवाने की क्या ही जरूरत है? तुम बताओ तुम्हें क्या खाना है? अगर तुम कहो तो मैं खुद बनाकर खिला दूं?”

उसे यूं एकदम से बदलते हुए देख व्योक्षा हैरान रह गई, अभी तो वो इतने गुस्से में था और अब अचानक से ही वो उससे प्यार से बात करने लगा!

वो अपना चेहरा हां में हिला कर बोली "जैसे आपकी मर्जी!”

KV मुस्कुराया और उसके करीब आकर उसका हाथ पकड़ कर उसे अंदर की तरफ ले जाते हुए बोला "अगर कोई तुमसे पूछे कि क्या तुम अपने इस किडनैपर को छोड़कर अपने डैड के पास जाना चाहती हो तो तुम क्या जवाब दोगी Butterfly?”

व्योक्षा जल्दी से बोली "मैं तो यही कहूंगी कि मुझे मेरे डैड के पास जाना है!”

KV हल्का सा मुस्कुराया और बोला "लेकिन अगर मैं कहूं कि अगर तुम ये जवाब दोगी कि तुम्हें मेरे पास रहना है, तो मैं पूरी तुम्हें किंडर जॉय शॉप लेकर दूंगा तो?”

उसकी बात पर व्योक्षा की आंखें बड़ी हो गई, आज तक उसके चेहरे पर इतनी लंबी स्माइल कभी नहीं आई थी।

वो तुरंत बोली "तो मैं आपका नाम लूंगी!”

KV उसके गाल पर अपना हाथ रखकर बड़े ही प्यार से बोला “परफेक्ट! अब तुम ये बात भूल तो नहीं जाओगी ना?”

व्योक्षा ने तुरंत अपना चेहरा ना में हिलाया और बोली "नहीं मैं बातें भूलती नहीं हूं और किंडर जॉय की तो बिल्कुल भी नहीं, पर आप तो नहीं भूल जाओगे ना? आप मुझे पक्का पुरी शॉप दिलाओगे ना?”

KV हल्का सा मुस्कुराया और फिर उसके बिल्कुल करीब आकर अचानक ही उसने उसका माथा चूम लिया!

एक पल के लिए व्योक्षा की हार्टबीट तेज हो गई, वो चुपचाप KV की तरफ देख रही थी! KV के करीब आने पर उसे जो फील होता था वो अब उसे रिलाइज होने लगा था कि कैसे KV उसके पास आता है तो उसकी धड़कनें तेज हो जाती है।

KV उसकी तरफ देखते हुए बोला "तुमसे किया हुआ प्रॉमिस मैं कभी नहीं भूलूंगा Butterfly…

व्योक्षा एक बार फिर से मुस्कुराई और बोली "तो पहले मैं ये वाला खत्म कर देती हूं!” ये बोलकर उसने तुरंत अपने हाथ में पकड़े हुए किंडर जॉय की तरफ देखा!

KV ने मुस्कुराते हुए कहा “लेकिन ये तुम खाना खाने के बाद खाना, आई मीन अब तक तो खाना बन गया होगा इसलिए पहले तुम खाना खाओ और फिर ये खाना ओके?”

व्योक्षा ने अपना चेहरा हां में हिलाया और KV के साथ आगे की तरफ आ गई!

KV उसकी तरफ देखते हुए बोला "जाओ पहले जाकर अपने कपड़े चेंज कर लो!”

व्योक्षा तुरंत डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ते हुए बोली "लेकिन मुझे पहले खाना खाना है!”

KV ने कुछ नहीं कहा, बस सर्वेंट को इशारा किया तो उस सर्वेंट ने तुरंत अपना चेहरा हां में हिलाया और व्योक्षा को खाना सर्व करने लगे!

व्योक्षा KV की तरफ देखते हुए बोली "क्या आप मेरे साथ लंच नहीं करोगे?”

KV ने हल्का सा मुस्कुरा कर कहा “मुझे अभी इंपॉर्टेंट काम है तो पहले मैं वो काम खत्म करूंगा, फिर लंच करुंगा! तुम अपना लंच करो और फिर जाकर अपने कपड़े चेंज कर लेना और आराम से सो भी जाना…

व्योक्षा ने अपना चेहरा हां में हिलाया और फिर जल्दी से अपना लंच फिनिश करने लगी!

KV उसे अपने गहरी नजरों से देखते हुए स्टडी रूम में चला गया, उसके चेहरे के एक्सप्रेशंस अब एकदम से चेंज हो चुके थे!

वो बिल्कुल डेविल वॉइस में बोला "KV की दुनिया में ऐसा कुछ नहीं हो सकता जो KV ना चाहे, अगर यहां हवा भी चलती है तो KV की मर्जी और उसकी इजाजत से… ये बोलते हुए उसकी आंखें बेहद गहरी लग रही थी!

व्योक्षा ने अपना किंडर जॉय और अपना खाना दोनों चीज खत्म कर ली थी और अब वो KV के रूम में आई क्योंकि उसके हिसाब से तो वही उसका रूम था, वहीं पर तो उसने अपने कपड़े चेंज किए थे! वहीं पर वो कल रात सोई थी…

अब उसने बैग में से अपने लिए कपड़े निकाले और उन्हें लेकर वॉशरूम में चली गई!

वहीं दूसरी तरफ

KV स्टडी रूम में बैठा लैपटॉप पर कुछ कर रहा था और अब उसका काम खत्म हुआ, वो स्टडी रूम से बाहर निकला और सीधा अपने रूम में आ गया!

रूम में आते ही उसे कुछ अजीब सा फील हुआ और फिर पानी की आवाज आई तो वो सीधा वॉशरूम की तरफ आ गया!

उसने जैसे ही दरवाजा खोला उसकी नजर सीधा व्योक्षा पर गई जो शॉवर से थोड़ा हटकर खड़ी थी, उसने अपने ऊपर के कपड़े तो उतार दिए थे लेकिन अभी अंडरवियर उतरना बाकी था और अब वो अपना हाथ अपनी पीठ पर ले जाते हुए अपने हुक को खोलने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उससे वो हुक खुल ही नहीं रही थी!

पहले तो व्योक्षा को वहां पर देखकर KV के चेहरे पर गुस्सा झलक रहा था, लेकिन अगले ही पल उसके एक्सप्रेशंस चेंज हो गए थे और अब वो अपनी इंटेंस नजरों से व्योक्षा की तरफ देख रहा था।

उसका चेहरा दूसरी तरफ था इसलिए वो KV को नहीं देख पा रही थी और अब KV अपने कदम आगे की तरफ बढ़ाने लगा!

शॉवर से गिरते हुए पानी

की आवाज की वजह से व्योक्षा को KV के कदमों की आहट सुनाई ही नहीं दी और अब अचानक से उसे अपनी पीठ पर KV का हाथ महसूस हुआ!

उसकी धड़कनों ने एक बार फिर से तेज होना शुरू कर दिया और वो तुरंत KV की तरफ घूमी और अब KV की नजरे उसके क्लीवेज पर थी!

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