The Dark Villa,
मेहंदी वाली ने जैसे ही व्योक्षा से उसके दूल्हे का नाम पूछा, व्योक्षा हल्का सा मुस्कुराई और KV का नाम बोलने लगी लेकिन तभी वहां पर कोई आया और वो कोई और नहीं KV ही था जो इस वक्त अपनी गहरी नजरों से व्योक्षा की तरफ देख रहा था!
व्योक्षा मुस्कुराई! अब वो KV का नाम भी नहीं बोल पा रही थी लेकिन KV हल्का सा नीचे की तरफ झुका और उस मेहंदी वाली को बिना देखे बोला "KV…
ये बोलते हुए उसकी नज़रें व्योक्षा पर थी और नजरों ही नजरों में जैसे उसने व्योक्षा पर ना जाने क्या ही जादू कर दिया था कि वो एक पल के लिए बिल्कुल सुन्न हो गई थी! वो KV के ऊपर से नजरे हटा ही नहीं पा रही थी और KV ने अब अपने होठों को गोल कर उस पर हवा का एक झोंका छोड़ा!
व्योक्षा ने हवा की वजह से अपनी पलकें झपकाईं और फिर अपनी आंखों को बंद कर लिया!
तकरीबन 10-15 सेकंड बाद उसने अपनी आंखों को खोला तो वो मेहंदी वाली अभी भी उसकी तरफ देख रही थी और उससे उसके होने वाले पति का नाम पूछ रही थी!
वो जो अभी व्योक्षा के साथ हुआ वो रियल में नहीं बल्कि उसके ख्वाबों की दुनिया में हुआ था, उसने अभी-अभी KV को अपने पास आता हुआ इमेजिन किया था!
अब उसे और भी ज्यादा शर्म आ रही थी, उसका चेहरा एकदम लाल हो रहा था!
वो मेहंदी वाली उसकी तरफ देखते हुए बोली "क्या हुआ? आप इतना लाल क्यों हो रही है? ऐसा लग रहा है जैसे आपके चेहरे पर किसी ने बहुत सारा ब्लश लगा दिया हो!”
व्योक्षा मुस्कुराते हुए ही बोली "पहले मैंने सुना था कि प्यार में ये सब होता है लेकिन फील अब कर रही हूं! खैर ये सब छोड़िए, आप मेरे हाथों पर मेरे होने वाले पति का नाम लिखिए Karam और हां बेहद खूबसूरती से लिखिएगा!”
उसकी बात सुनकर मेहंदी वाली उसके हाथ पर KV का नाम लिखने लगी!
तभी व्योक्षा एक बार फिर से बोली "अरे एक बात कहना तो भूल ही गई, आप ना नाम के नीचे छोटा सा दिल भी बनाइएगा और अच्छा सा बनाइएगा! बिल्कुल खराब नहीं होना चाहिए…
मेहंदी वाली ने अपना चेहरा हां में हिलाया और उसके हाथ पर एक छोटा सा दिल भी बना दिया!
व्योक्षा अब अपने हाथों की तरफ देख रही थी जिस पर KV का नाम लिखा हुआ बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रहा था।
वहीं दूसरी तरफ
कृतिका की गहरी नजरे उस पर ही थी, जिस तरह से व्योक्षा अपने हाथ की तरफ देख रही थी कृतिका को उस पर शक हो रहा था।
वो उसकी तरफ देखते हुए बोली "अपने हाथों की तरफ देख तो ऐसे रही है जैसे ना जाने इसने वहां पर किसका नाम लिखवाया हो! ओबवियसली अगर किसी का नाम लिखवाया होगा तो उसका ही लिखवाया होगा जिससे ये प्यार करती है, हरकतें तो इसकी ऐसी है ही कि कोई ना कोई स्पेशल वन तो इसकी जिंदगी में होगा ही! पर मुझे उसके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा लेकिन अब मैं पता लगा कर आऊंगी! इसके हाथों पर उसका नाम तो मैं देख कर आऊंगी…
ये बोलकर वो अपनी जगह से उठी! वो मेहंदी वाली उसकी तरफ देखते हुए बोली "अरे अभी आपकी मेहंदी पूरी नहीं हुई है, आपके दूल्हे का नाम तो रह गया!”
कृतिका मुंह बनाते हुए बोली “इट्स ओके वैसे भी मुझे इन सब चीजों में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं है!” ये बोलकर वो व्योक्षा की तरफ आ गई जो अभी भी मुस्कुराते हुए अपने हाथों की तरफ देख रही थी!
जैसे ही कृतिका व्योक्षा के सामने आकर खड़ी हुई व्योक्षा ने नजरें उठाकर उसकी तरफ देखा!
कृतिका बिना किसी खास एक्सप्रेशंस के बोली "मुझे अपने हाथ दिखाओ!”
व्योक्षा मुंह बनाते हुए बोली "क्यों दिखाऊं?”
कृतिका तुरंत बोली "क्योंकि मुझे देखना है कि तुमने अपने हाथ पर किसका नाम लिखवाया है?”
व्योक्षा की आईब्रो ऊपर की तरफ उठ गई!
वो भी अब थोड़े एटीट्यूड से बोली "और ये मैं तुम्हें क्यों दिखाऊं?”
कृतिका गुस्से से बोली "मतलब तुम मुझे मना कर रही हो? मुझे अपने हाथ दिखाने से इनकार कर रही हो?”
व्योक्षा ने अपना चेहरा ना में हिलाया और बोली "नहीं मैं ऐसा नहीं कर रही लेकिन मैं अपना हाथ सबसे पहले उसे ही दिखाऊंगी जिसका नाम मैंने अपने हाथों पर लिखवाया है, ये उनके लिए सरप्राइज है तो सबसे पहले उन्हें ही देखना चाहिए ना? वैसे भी वो मेरे लिए भी तो एक सरप्राइज प्लान कर रहे हैं तो मुझे भी उनके लिए कुछ खास करना चाहिए और खास यही है कि मेरे हाथों पर लिखा हुआ उनका नाम सबसे पहले वही देखेंगे!”
कृतिका दांत पीसते हुए बोली "तुम्हारी ये जो अकड़ है ना यही मुझे सबसे ज्यादा बुरी लगती है, वैसे तो तुम भिखारी की तरह यहां पर रह रही हो! ना तो तुम्हारी कोई फैमिली है और ना ही तुम्हें यहां से कोई लेने आ रहा है और ऊपर से तुम मुझे एटीट्यूड दिखा रही हो, इस घर की मालकिन को…
उसकी इस बात पर व्योक्षा की आंखों में आंसू आ गए थे, अब वो अपनी जगह से उठी और अपने हाथों को पीछे की तरफ करते हुए बोली "तुम ना बहुत बुरा बोलती हो! कभी-कभी तो मुझे लगता है कि Little Don का तुम्हारे साथ कोई रिश्ता है ही नहीं वरना वो तो तुम्हारी तरह खडूस बिल्कुल भी नहीं है, तो तुम इतनी खड़ूस कैसे हो? पर तुम जो मर्जी बोलो मैं तुम्हारी बातों का बुरा नहीं मानूंगी और रही बात इस घर में रहने की तो यहां पर रहना अब तो मेरा हक बनता है! तुम बेशक से कुछ भी कहो मैं तो यहां से कहीं नहीं जाने वाली और रही बात इस मेहंदी की तो ये मैं तुम्हें बिल्कुल नहीं दिखाऊंगी!”
कृतिका भी गुस्से से लाल होते हुए बोली "और मैं भी देखती हूं कि तुम मुझे अपनी ये मेहंदी कैसे नहीं दिखाती?”
ये बोलकर उसने अपना हाथ आगे की तरफ बढ़ाया ताकि व्योक्षा का हाथ आगे खींच सके लेकिन व्योक्षा थोड़ा और पीछे की तरफ हो गई!
कृतिका भी उसके साथ धक्का कर रही थी, उसने व्योक्षा की कलाई को कसकर पकड़ लिया था और उसे आगे की तरफ खींच रही थी!
व्योक्षा अपने कदम पीछे ले रही थी और फिर अचानक ही जोरों से उसकी चीख निकली, धक्का लगने की वजह से वो पीछे सोफे पर गिर गई थी और उसके दोनों हाथ सोफे पर दब गए थे! उसके हाथ पर जो KV का नाम लिखा था वो अभी तक पूरी तरह से सूखा भी नहीं था और वो पूरा फैल चुका था….
उसकी चीख की आवाज सुनकर सब लोग वहां पर इकट्ठा होने लगे थे, कसक कसूरी और अश्क तीनों वहां पर पहुंच चुकी थी!
KV कुछ ही कदमों की दूरी पर खड़ा था लेकिन वो वहां पर नहीं आया, अगर वो वहां आता तो व्योक्षा तो तुरंत भागते हुए उसके पास आकर उसके सीने से लग जाती और फिर कृतिका को जवाब देना उसके लिए मुश्किल हो जाता इसलिए वो वहीं पर खड़ा रहा और सामने की तरफ देखने लगा कि आखिर वहां पर तमाशा चल क्या रहा है?
वही व्योक्षा की आंखों में अब बेइंतहा आंसू थे!
कसक उसकी तरफ देखते हुए बोली क्या हुआ बेटा? तुम ऐसे गिर कैसे गई?”
व्योक्षा ने एक नजर अपने हाथों की तरफ देखा जहां उसकी मेहंदी खराब हो चुकी थी और फिर कृतिका की तरफ देखते हुए बोली क्योंकि इन्होंने मुझे धक्का दिया!”
कृतिका गुस्से से बोली "ओह रियली? मैंने तुम्हें कोई धक्का नहीं दिया, मैं तो बस तुम्हारी मेहंदी देखना चाहती थी But You? The Real Attention Seeker अपनी हरकतों से बाज कैसे आओगी? तुम्हें तो अटेंशन लेने की आदत है ना तो अब तुमने ये वाला पैंतरा आजमाया!”
उसकी बात पर कसक जल्दी से बोली "किसी को ऐसे नहीं बोलते हैं कृतिका!”
कृतिका गुस्से से बोली "लेकिन मुझे ये बताइए Pookie कि आखिर मेरी गलती क्या है? मैं तो बस इसकी मेहंदी देखना चाहती थी, क्या ये मुझे अपनी मेहंदी नहीं दिखा सकती? मैं जानना चाहती थी कि इसने अपने हाथों पर किसका नाम लिखवाया है?”
व्योक्षा रोते हुए बोली "लेकिन अगर मैं आपको अपनी मेहंदी नहीं दिखाना चाहती तो क्यों आप जिद कर रही हैं? मैंने कहा ना मैं अपनी मेहंदी सबसे पहले उसी को दिखाऊंगी जिसके लिए मैंने ये मेहंदी लगवाई है तो आप ऐसे जिद नहीं कर सकती!”
कृतिका चिल्ला कर बोली "वही तो मैं जानना चाहती हूं कि आखिर तुमने ये मेहंदी लगवाई किसके लिए है?”
जैसे ही उसने कहा व्योक्षा भी उसे जवाब देने को हुई, वो KV का नाम लेने ही वाली थी कि अचानक से वहां पर लाइट पूरी तरह से ऑफ हो गई!
सब लोग हैरान रह गए थे! वहां पर एकदम से अंधेरा छा गया था, जो डेकोरेशन वाली छोटी-छोटी लाइट थी वो भी एकदम से बंद हो गई थी!
व्योक्षा रोते हुए बोली "Pookie आप यहीं पर है ना? मुझे अंधेरे से बहुत डर लगता है, प्लीज आप यहां से कहीं जाना मत!”
ये बोलते हुए वो अपने हाथ आगे कर रही थी ताकि कसक को पकड़ सके और तभी उसे कसक का हाथ मिल भी गया और फिर कुछ ही पलों में वहां पर एकदम से रोशनी भी हो गई!
सब लोग एक पल के लिए अपनी आंखें बंद कर चुके थे, एकदम से सब की आंखें चौंधिया गई थी और अब सब लोग कृतिका को ढूंढ रहे थे जो वहां से गायब हो चुकी थी!
कसूरी मुंह बनाते हुए बोली "अब ये लड़ाकू विमान कहां गई? अंधेरे में गायब कैसे हो गई?”
कसक कुछ सोचते हुए बोली "शायद गुस्से में अंदर की तरफ चली गई होगी, खैर तुम ये सब छोड़ो बेटा तुम मेरे पास आओ!”
ये बोलकर उसने व्योक्षा के कंधे पर अपना हाथ रखते हुए उसे बिल्कुल अपने सीने से लगा लिया, व्योक्षा जो रो रही थी अब उसका रोना थोड़ा कम होने लगा!
जैसे एक मां अपने बच्चों को शांत करवाती है बिल्कुल वैसे ही कसक फिलहाल व्योक्षा को चुप करवा रही थी!
वहीं दूसरी तरफ
कृतिका इस वक्त दीवार से लगी हुई थी और KV उसके ऊपर झुका हुआ था, वो उसका लाल चेहरा देखते हुए बोला "मुझे नहीं पता था कि तुम्हें इतना गुस्सा भी आता है!”
कृतिका फ्रस्ट्रेशन भरी सांस लेकर बोली "गुस्सा? इस वक्त मेरा मन विस्फोट होने का कर रहा है, यू नो व्हाट मुझे वो लड़की बिल्कुल नहीं पसंद! बस बहुत हुआ ये किडनैपिंग का ड्रामा KV… तुम अभी इसी वक्त उस लड़की को इस घर से बाहर निकालो, मैं अब उसे यहां पर एक सेकंड भी बर्दाश्त नहीं कर सकती! मतलब उसकी हिम्मत भी कैसे हुई मुझ पर इल्जाम लगाने की? अगर मैं उसके हाथ देखना चाहती थी तो वो मुझे अपने हाथ दिखा भी तो सकती थी?”
KV ने अब अपना हाथ उसकी गर्दन पर रखा और बोला "इतना गुस्सा कौन होता है बेबी जितना तुम हो रही हो? प्लीज थोड़ा रिलैक्स हो जाओ, अगर वो अपने हाथ नहीं दिखाना चाहती तो छोड़ो ना और रही बात उसे यहां से निकालने की तो आई प्रॉमिस कल वो तुम्हें यहां पर कहीं दिखाई नहीं देगी! अब रात को उसे कहां घर से बाहर निकालूं?”
कृतिका ने मुंह बनाते हुए कहा “ओके फाइन! बट कल वो लड़की मुझे अपनी शादी के मंडप में नहीं चाहिए, मैं उसे वहां बर्दाश्त नहीं करूंगी… उससे पहले पहले तुम उसे यहां से निकाल देना!”
उसकी बात पर KV ने अपना सर हिला दिया!
तकरीबन आधे घंटे बाद
व्योक्षा बेड पर बैठी थी और अपने हाथों की तरफ देख रही थी, उसने अपने हाथ धो दिए थे लेकिन मेहंदी का रंग काफी गहरा उसके हाथों पर आ चुका था पर KV का नाम? वो काफी हद तक खराब हो गया था और उसे देखकर ही उसे रोना आ रहा था और सबसे ज्यादा इस वक्त वो KV को याद कर रही थी!
वो पिछले आधे घंटे से रो रही थी लेकिन KV वहां पर नहीं आ रहा था, इस बात पर वो KV से नाराज भी हो रही थी और फिर अचानक से रूम का दरवाजा खुला और KV ने अंदर आते हुए दरवाजा बंद भी किया!
जैसे ही व्योक्षा ने उसकी तरफ देखा, उसने मुंह बनाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया!
जैसे ही KV अंदर की तरफ आया व्योक्षा ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घूमा लिया, वो अपने हाथों की तरफ देख रही थी जहां पर उसके हाथों पर मेहंदी का रंग तो आ गया था लेकिन वो नाम जो उसने KV के लिए लिखवाया था, उसका नाम इतना ज्यादा खूबसूरती से लिखा हुआ था कि उस नाम को देखते हुए तो व्योक्षा को KV पर ही और ज्यादा प्यार आ रहा था लेकिन अब वो नाम पूरी तरह से खराब हो चुका था… पर फिर भी वो नाम अपना रंग छोड़ गया था!
KV ने दरवाजा बंद किया और अंदर की तरफ आया! व्योक्षा अब अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमाते हुए खुद भी दूसरी तरफ घूम गई थी!
KV उसके पीछे बैठा और अगले ही पल उसने उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया, जैसे ही उसने व्योक्षा को अपनी बाहों में भरा उसकी धड़कनें तेज हो गई थी! वो अपनी धड़कनों को नोटिस कर रहा था, उसके चेहरे के एक्सप्रेशंस इस वक्त बहुत अजीब थे…
व्योक्षा उसकी बाहों में कसमसाते हुए बोली "मुझे आपसे बात नहीं करनी!”
KV ने तुरंत पूछा “क्यों? क्यों नहीं करनी?”
व्योक्षा झट से बोली "बस नहीं करनी!”
KV अपना हाथ उसके पेट पर लेकर गया और अपनी उंगली उसके पेट पर धीमे-धीमे चलाते हुए बोला "लेकिन मुझे तो करनी है!”
व्योक्षा शिकायती लहजे में बोली "अब तक आप कहां थे? आपको पता है मुझे आपकी कितनी ज्यादा जरूरत थी, मुझे इतना रोना आ रहा था इसलिए आधे घंटे से मैं बस लगातार रोए जा रही हूं! लेकिन आप है कि पता नहीं कहां बिजी थे? आपको पता है कृतिका ने मेरी सारी मेहंदी खराब कर दी, उसने आपका नाम भी खराब कर दिया! मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा…
वो अभी बोल ही रही थी कि KV ने उसे अब कंधों से पकड़कर अपनी तरफ घुमाया और फिर दूसरे ही पल उसने व्योक्षा के हाथों को अपने हाथों में थाम लिया था, व्योक्षा का दिल जोरो से धक-धक करने लगा!
KV उसके हाथों की तरफ देखते हुए बोला "कितनी खूबसूरत मेहंदी है तुम्हारे हाथों में!”
व्योक्षा जल्दी से बोली "लेकिन मेहंदी का रंग तो इतना गहरा नहीं आया ना, मैंने सोचा था कि मेरी मेहंदी का रंग बहुत ज्यादा गहरा आएगा क्योंकि आप मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करते हैं लेकिन कृतिका की वजह से मेरी मेहंदी खराब हो गई! वो चाहती थी कि मैं अपनी मेहंदी में लिखा हुआ आपका नाम पहले उसे दिखाऊं, लेकिन मैं उसे कैसे दिखा सकती थी? आई नो वो आपके लिए बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है लेकिन मेरे लिए तो सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट आप है ना Little Don, मैं अपने हाथों की मेहंदी सबसे पहले आपको दिखाना चाहती थी! आपका नाम जो मेरे हाथों पर मेहंदी से लिखा हुआ था वो मैं सबसे पहले आपको दिखाना चाहती थी, बताइए अब इसमें मेरी क्या गलती है?”
ये बोलते हुए वो अभी भी बुरी तरह से रो रही थी!
KV ने अब उसका चेहरा अपने हाथों में थामा और फिर जैसे व्योक्षा उसे बच्चों की तरह किस करती थी, वैसे ही किस करना शुरू कर दिया! वो कभी उसके गालों को चूम रहा था, कभी उसके माथे को… कभी उसकी आंखों को और कभी उसके नाक को! बस उसके होठों को नहीं चूम रहा था और उसकी इस बात पर व्योक्षा परेशान हो रही थी!
हालांकि जहां-जहां KV उसे किस कर रहा था वहां उसे अच्छा लग रहा था, लेकिन वो उसे लिप्स पर किस नहीं कर रहा इस बात पर वो बेसब्र सी भी हुए जा रही थी और फिर उसकी बेसब्री देखते हुए KV तुरंत बोला “कहीं और भी किस चाहिए क्या?”
व्योक्षा ने तुरंत अपना चेहरा हां में हिलाया, KV पीछे की तरफ हटते हुए बोला "कहां पर?”
दूसरे ही पल व्योक्षा ने अपने होठों पर अपनी उंगली रख दी!
KV तुरंत बोला "ठीक है वहां पर भी किस दे दूंगा, लेकिन उससे पहले तुम्हें चुप होना पड़ेगा और ये खाना पड़ेगा!” ये बोलते हुए उसने अपनी पॉकेट से किंडर जॉय निकाला तो व्योक्षा की आंखें एकदम से चमक उठी!
अभी तक उसकी आंखों में आंसू थे लेकिन अब वो मुस्कुरा रही थी! उसने तुरंत KV के हाथों से वो किंडर जॉय लिया और बोली "आपको पता है मेरा इसे खाने का कितना मन कर रहा था, आधा रोना तो मुझे इसकी वजह से आ रहा था! जब मेरा मूड ऑफ होता है और ये मुझे नहीं मिलता ना तब मेरा मूड और ज्यादा ऑफ हो जाता है, अब मैं कैसे बताऊं इसे कि ये खुद ब खुद मेरे पास आ जाया करें? पर इसे भी बेचारे को कैसे पता चलेगा कि मुझे इसकी क्रेविंग हो रही है लेकिन आपको? आपको तो सब पता चल जाता है Little Don, आप मुझसे इतना प्यार जो करते हैं!”
ये बोलते हुए वो किंडर जॉय को खोल रही थी और अब उसने चम्मच से किंडर जॉय खाना भी शुरू कर दिया था, उसके होठों पर चॉकलेट लग रही थी और साथ ही साथ चॉकलेट खाते हुए वो KV को अट्रैक्टिव भी बहुत लग रही थी!
अभी उसका किंडर जॉय पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ था कि KV ने उसके सिर के पीछे अपना हाथ रखा और फिर उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया!
व्योक्षा की आंखें बड़ी हो गई, KV उसे किस करते हुए ही बिस्तर पर लेटा चुका था और अब वो उस पर पूरी तरह से हावी हो रहा था! उसके होठों को वो बहुत पैशनेटली किस कर रहा था…
व्योक्षा ने किंडर जॉय छोड़कर उसके कंधे पर अपने हाथ रख लिए थे, मेहंदी से भरे हुए हाथ जिनमें अभी चूड़ियां भी थी… वो KV के कंधों पर दबाव बना रहे थे पर KV कहां रुकने वाला था?
वो यूं ही लगातार व्योक्षा को चूमता रहा और फिर जब व्योक्षा की सांस उखड़ने लगी तो उसने व्योक्षा को छोड़ा और उसके चेहरे को निहारने लगा!
व्योक्षा उसकी तरफ देखते हुए बोली "मैं कितनी बेवकूफ हूं ना!”
KV हल्का सा मुस्कुराया और बोला “इतनी भी नहीं!” ये बोलकर वो उसके नाक से अपना नाक रगड़ रहा था!
व्योक्षा एक बार फिर से बोली "अगर कृतिका मेरे हाथों की मेहंदी देखना ही चाहती थी तो देख लेती, मुझे इतना इशू बनाने की क्या जरूरत थी? पर सच में मैं बहुत पागल हूं पर अब ना मैं उससे सॉरी बोल दूंगी… मैं नहीं चाहती कि मेरा यहां पर किसी से भी रिलेशन खराब हो! आपको बुरा तो नहीं लगा ना कि मैंने उनसे लड़ाई की?”
KV अपना चेहरा ना में हिलाते हुए बोला "मुझे उस बात का तो बुरा नहीं लगा, लेकिन इस बात का बुरा जरूर लग रहा है कि तुम मुझे खुद को प्यार नहीं करने दे रही!”
व्योक्षा जल्दी से बोली "लेकिन मैंने आपको मना कब किया?”
KV भी झट से बोला “पर खुद से प्यार किया भी तो नहीं ना?”
जैसे ही उसने कहा व्योक्षा का चेहरा शर्म से लाल हो रहा था और अब उसने KV का चेहरा अपने हाथों में थामा और फिर उसे बार-बार किस करने लगी!
वो भी उसके पूरे चेहरे पर किस करते हुए उसके होठों की तरफ आई, लेकिन किस करने से पहले बोली "यहां पर किस करूं या नहीं?”
KV उसकी आंखों में आंखें डालते हुए बोला "मर्जी है तुम्हारी! करना चाहती हो तो कर सकती हो…
जैसे ही उसने कहा व्योक्षा ने एक पल के लिए अपना लोअर लिप अंदर की तरफ दबाया और फिर दूसरे ही पल KV को चूमना शुरू कर दिया!
KV ना सिर्फ अब उसके होठों को किस किए जा रहा था बल्कि उसके हाथ व्योक्षा के बदन पर भी चल रहे थे और वो उसके कपड़ों को उसके बदन से अलग कर रहा था! व्योक्षा का दिल जोरो से धड़क रहा था…
KV ने उसके ब्लाउस की डोरियां खोल दी थी! जैसे ही वो उसके ब्लाउस को उसके बदन से अलग करने लगा व्योक्षा जल्दी से बोली "अगर कोई आ गया तो?”
KV ने वो ब्लाउज अब उसके बदन से अलग किया और बोला "तुम मेरी होने वाली बीवी हो ना, तो अगर कोई आ भी जाता है तो क्या ही फर्क पड़ेगा? अपनी बीवी को प्यार करना कोई गुनाह तो नहीं और वैसे भी दरवाजा बंद है! कोई सीधा अंदर तो आ नहीं सकता, अब तो इजाजत है ना मुझे तुम्हें प्यार करने की?”
उसकी बात पर व्योक्षा ने बस अपनी पलके झुका ली और दूसरे ही पल KV ने अब अपने होठों को व्योक्षा के नाजुक से बदन पर रख दिया था!
जैसे ही KV के होंठ व्योक्षा को अपने सबसे डेलिकेट पार्ट पर महसूस हुए, उसके होठों से सिसकी निकल गई थी!
KV अब अपना हाथ उसकी पीठ पर भी ले गया था, उसके बदन को चूमते हुए ही उसने उसके लहंगे की डोरियों को खोलना शुरू कर दिया था लेकिन इससे पहले कि वो उसके लहंगे की डोरियों को खोलता व्योक्षा घूमते हुए बिस्तर पर दूसरी तरफ हो गई और दूसरे ही पल उसने ब्लैंकेट से खुद को कवर कर लिया!
KV हैरानी से उसकी तरफ देखने लगा, वो तुरंत उसकी तरफ बढ़ने लगा!
व्योक्षा जल्दी से बोली "प्लीज एक दिन के लिए रुक जाइए ना Little Don, हमारी शादी में सिर्फ एक दिन है! कल शाम को हमारी शादी है… मैं नहीं चाहती कि शादी से पहले हम लिमिट क्रॉस करें, पता नहीं क्यों ऐसा लगता है जैसे अगर आप मुझे प्यार करेंगे तो मैं खुद को रोक नहीं पाऊंगी और आप भी खुद को रोक नहीं सकते इसलिए बस आज की रात!” ये बोलते हुए वो उसकी आंखों में देख रही थी!
KV उसके ऊपर झुका और बोला "तुम मुझे तड़पा रही हो!”
व्योक्षा जल्दी से बोली "कल के बाद नहीं तड़पाऊंगी!”
KV अब अपनी आईब्रो ऊपर की तरफ उठाकर बोला “अगर मैं तुम्हें तड़पाने पर आया तो?”
व्योक्षा भी बड़ी ही गहरी सी आवाज में बोली "पूरी जिंदगी तड़पने के लिए तैयार हूं, लेकिन जानती हूं आप मुझे तड़पाएंगे नहीं! मुझसे ज्यादा तो आप मेरे लिए तड़प रहे हैं तो फिर आप मुझे कैसे ही तड़पा सकते हैं?”
KV ने अब उसकी कमर पर अपना हाथ रखकर उसकी कमर को कसकर दबाया और बोला "कभी-कभी तो मन करता है मैं पूरा खा जाऊं तुम्हें!”
व्योक्षा हंसकर बोली "कल मना नहीं करूंगी! बेशक से जितना मर्जी खा जाईएगा…
KV अब उसकी गर्दन पर झुका और बोला "चलो एक लव बाइट तो देने दो!”
व्योक्षा ने अपना चेहरा हल्का सा ऊपर की तरफ उठाया और बोली "यूं तो मैं पूरी ही आपकी हूं!”
उसकी बात पर KV अपने होंठ पूरी तरह से अब उसकी गर्दन पर रख चुका था और उसे लव बाइट दे रहा था!
व्योक्षा ने अपने दोनों होठों को अंदर की तरफ दबा लिया था, वो जानती थी कि KV उसे जो लव बाइट दे रहा है वो काफी पेनफुल होने वाली है! वो सच में दर्द से तड़पने लगी थी… उसके हाथ KV के कंधे पर कसते चले जा रहे थे!
तकरीबन 5 मिनट KV उसे यूं ही किस करता रहा और जब उसने व्योक्षा की गर्दन को छोड़ा तो वहां पर लाल नहीं बल्कि पूरा नीला निशान बन चुका था!
व्योक्षा ने गहरी सांस ली! KV अब ऊपर की तरफ उठा और बोला "ये पनिशमेंट है तुम्हारी मुझे तड़पाने के लिए!”
ये बोलते हुए उसके चेहरे पर बड़े ही इंटेंस एक्सप्रेशन थे और अब व्योक्षा ने अपनी उंगलियां अपनी गर्दन पर रखी, उसकी सिसकी निकल गई थी और KV उसे अपनी गहरी निगाहों से देखते हुए वहां से चला गया था!
उसके जाने के बाद व्योक्षा ने एक गहरी सांस ली और मुस्कुराने लगी, वो कल रात के लिए ख्वाब देख रही थी! वो ख्वाब जो चकनाचूर होने वाले थे या पूरे होने वाले थे ये तो वक्त ही बताने वाला था…
The Dark Villa,
व्योक्षा इस वक्त आईने के सामने बैठी थी और उसने वाइट और येलो कलर का लहंगा पहना हुआ था! वो अपनी हल्दी के लिए रेडी हो रही थी लेकिन वो ये नहीं जानती थी कि ये हल्दी उसकी नहीं बल्कि KV और कृतिका की है! वो अभी भी यही सोच रही थी कि KV उसके साथ शादी कर रहा है, उसे दूर-दूर तक इस बात की भनक तक नहीं थी कि आज हल्दी के बाद शादी के मंडप में क्या होने वाला है?
फिलहाल वो पूरी तरह से रेडी हो गई थी! तभी एक सर्वेंट उसके पास आई और एक लेटर उसकी तरफ बढ़ाते हुए बोली "ये KV सर ने आपके लिए भेजा है!”
व्योक्षा के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई! उसने तुरंत वो लेटर लिया, वो सर्वेंट वहां से चली गई थी!
व्योक्षा ने अब वो लेटर खोल कर देखा जिस पर लिखा था “आज हम दोनों की हल्दी है लेकिन ये हल्दी मैं तुम्हारे साथ अकेले में मनाना चाहता हूं, मैंने पूरी फैमिली को बोल दिया है! आई नो तुम हल्दी के लिए रेडी भी हो गई होगी लेकिन प्लीज क्या हम ये हल्दी अकेले में मना सकते हैं? मुझे पता है कि तुम्हें डर लग रहा होगा लेकिन आई प्रॉमिस मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करूंगा! बस तुम्हारे साथ ये हल्दी सेलिब्रेट करूंगा, अगर तुम्हारी तरफ से हां है तो प्लीज 15 मिनट बाद टेरिस पर आ जाना!”
वो लेटर पढ़ते हुए व्योक्षा के चेहरे पर हल्दी का पीला रंग तो पता नहीं लेकिन खुशी का लाल और गुलाबी रंग पूरी तरह से बिखर चुका था!
वो उस लेटर को अपने सीने से लगाते हुए बोली "भला मुझे क्या ही प्रॉब्लम होगी? वैसे भी आज रात हमारी शादी तो होने ही वाली है तो अब मुझे आपसे दूर रहने की या फिर आपको खुद से दूर करने की कोई जरूरत ही नहीं है! I love you so much Little Don, आप मुझे ऐसा सरप्राइस देंगे ये तो मैंने सोचा ही नहीं था!”
ये बोलते हुए उसका चेहरा और भी ज्यादा खिल चुका था!
वहीं दूसरी तरफ
KV और कृतिका दोनों इस वक्त गार्डन एरिया में थे और उन्हें दो बड़े बर्तनों में बिठाया गया था जो बहुत ज्यादा बड़े थे और नीचे पूरा दूध वाला पानी था जिसमें गुलाब की पंखुड़ियां फैली हुई थी! आसपास बाकी सब फूलों से भी सजावट की गई थी… पीछे भी हल्दी की थीम के हिसाब से डेकोरेशन की गई थी जहां पर सब लोग अपनी सेल्फी वगैरा ले रहे थे!
कसक अपनी नज़रें इधर-उधर घूमा रही थी, वो व्योक्षा को ढूंढ रही थी लेकिन व्योक्षा उसे कहीं नजर नहीं आ रही थी!
वो खुद से ही बोली "कहीं कल रात के बाद व्योक्षा नाराज तो नहीं हो गई? एक तो वैसे ही वो इतनी मासूम है, छोटी-छोटी बातों को दिल पर लगा लेती है और अब कल कृतिका के साथ उसकी ये लड़ाई… एक बार ये हल्दी हो जाए उसके बाद मैं उससे बात करूंगी!”
अश्क अब वहां पर आई और अपने दोनों हाथों में हल्दी लेकर उसने KV के साथ-साथ कृतिका को हल्दी लगाना चाहा, लेकिन कृतिका के गाल पर तो वो हाथ रख चुकी थी पर जैसे ही उसने KV के गाल पर अपना हाथ रखना चाहा KV ने तुरंत उसकी कलाई पकड़ी और बोला "एक्चुअली मुझे ना हल्दी से थोड़ी एलर्जी है, मैंने थोड़ी देर पहले पैच टेस्ट करके देखा था! उसमें देखो ये कैसा रिएक्शन हो गया…
ये बोलते हुए उसने अपनी गर्दन की तरफ इशारा किया जहां पर सच में काफी रेडनेस नजर आ रही थी! अश्क जल्दी से बोली "आप तो बिल्कुल लड़कियों की तरह सेंसिटिव निकले भाई!”
कृतिका चौंकते हुए बोली “तो अब हम ये हल्दी कैसे सेलिब्रेट करेंगे KV?”
KV हल्का सा मुस्कुराया और बोला "क्या हुआ अगर मेरे हल्दी नहीं लग सकती? तुम्हारे तो लग सकती है ना बेबी! तुम लगाओ… आई मीन आप सब कृतिका को हल्दी लगा सकते हैं, बस मुझे मत लगाइएगा!”
ये बोलते हुए वो बिल्कुल नॉर्मल लग रहा था, ना ही चेहरे पर किसी तरह की बेचैनी ना डर और ना ही घबराहट!
सब उसकी बात पर हल्का सा मुस्कुराए! सामने ही AV खड़ा था जो ये सब कुछ देख रहा था और उसकी नज़रें KV पर बहुत ज्यादा गहरी थी!
तकरीबन 10 मिनट में ही सब ने कृतिका को हल्दी लगा ली थी! कृतिका का चेहरा उतरा हुआ था, उसे भी KV को हल्दी लगानी थी लेकिन वो KV को हल्दी लगा ही नहीं पा रही थी और ना ही KV ने उसे हल्दी लगाई थी ताकि उसके हाथों पर एलर्जी ना हो जाए!
कसक अब उन दोनों की तरफ देखते हुए बोली "तुम एक काम करो कृतिका जाओ और जाकर शॉवर ले लो और KV तुम्हें तो शॉवर लेने की जरूरत ही नहीं है!”
KV अब अपनी जगह से उठा और बोला "येस मॉम मुझे शॉवर तो नहीं लेना लेकिन मुझे एक इंपॉर्टेंट काम है तो मैं बस थोड़ी देर में वापस आता हूं!” ये बोलकर वो तुरंत वहां से चला गया!
जैसे ही वो बाहर की तरफ गया AV के कदम भी उसके पीछे-पीछे चलने लगे थे!
कसक उन दोनों को देख रही थी, उसके चेहरे पर हल्की घबराहट नजर आ रही थी! वैसे तो AV और KV के बीच कभी किसी तरह की कोई लड़ाई कोई बहस बाजी कुछ नहीं होता था लेकिन पता नहीं क्यों अब उसे थोड़ा डर लग रहा था!
कसूरी मुंह बनाते हुए बोली "मैंने पहली बार ऐसी हल्दी देखी है जिसमें दूल्हे के तो हल्दी लगी ही नहीं! कहीं शादी में भी KV ये ना कह दे कि मंडप में बैठने से उसका पेट दर्द होगा, सर दर्द होगा!”
उसकी बात पर कसक उसे घूर रही थी, पीछे ही कृतिका खड़ी थी! वो जानती थी कसूरी ने तो ये बातें मजाक में कही है लेकिन कृतिका ना जाने उसकी इन बातों को कैसे ही लेगी और उसने जो सोचा था बिल्कुल वैसा ही हुआ!
वो अब आगे की तरफ आई और कसूरी की तरफ देखते हुए थोड़े एटीट्यूड में बोली "जैसा आप सोच रही है वैसा कुछ नहीं होने वाला, KV बहुत प्यार करता है मुझसे और इस शादी के लिए मुझसे ज्यादा वो बेसब्र है तो ये शादी होगी! जरूर होगी… किसी को कोई दर्द नहीं होगा, अब मैं अपने रूम में चलती हूं!” ये बोलकर वो अंदर की तरफ बढ़ गई!
कसूरी हैरानी से बोली "ये लड़की मुझे सुना कर गई है क्या? ऐसा मैंने क्या कह दिया दी जो ये मुझे इस तरह से सुना कर गई?”
कसक जल्दी से बोली "छोड़ो ना तुम क्यों गुस्सा हो रही हो? तुम्हारी बातें मजाक में होती है ये बात हम जानते हैं, लेकिन कई बार दूसरों को बुरा लग जाता है तो ठीक है ना! उन्हें जैसा लगता है लगने दो, तुम टेंशन मत लो…
कसूरी मुंह बनाते हुए बोली "इससे अच्छी तो वो व्योक्षा है! कितनी प्यारी है वो, कभी किसी के सामने जुबान नहीं चलाती… कल रात इसने बेचारी के साथ कितना गलत किया लेकिन देखो अब इसका एटीट्यूड और ज्यादा बढ़ गया है! मेरा तो मन कर रहा है अभी इसी वक्त KV की तरफ से ये शादी मैं ही तोड़ दूं!”
कसक ने अब उसे एक बार फिर से घूर कर देखा तो कसूरी मुंह बनाते हुए बोली "अभी तो ये लड़की शादी करके इस घर में नहीं आई है और आप इसकी वजह से मुझे घूर घूर कर देख रही है! पता नहीं जब ये यहां शादी करके आ जाएगी तब क्या ही होगा? काश मुझे भी कोई व्योक्षा की तरह किडनैप कर ले, तब आप लोगों को मेरी वैल्यू पता चलेगी!” ये बोलकर वो मुंह बनाते हुए वहां से चली गई!
अश्क जो कुछ ही कदमों की दूरी पर खड़ी ये ड्रामा देख रही थी, अब उसकी हंसी छूट गई!
कसक उसकी तरफ देखते हुए बोली "अब तुम मत शुरू हो जाना!”
अश्क आगे की तरफ आई और बोली "नहीं मॉम मैं शुरू नहीं हो रही हूं पर कसूरी मासी ने बात तो बिल्कुल ठीक कही है! आप खुद ही देखिए ना कृतिका और व्योक्षा में कितना फर्क है, जहां व्योक्षा इनोसेंट और प्यारी है वही कृतिका आपको थोड़ी अजीब नहीं लगती? वो सामने वाले की बातें तो सुन लेती है लेकिन उनकी इंटेंशन नहीं देखती! अब तो उसे इस घर में आए काफी दिन हो गए है ना तो अब तक तो उसे समझ जाना चाहिए कि कसूरी मासी की बातों को इतना सीरियस नहीं लेना है! खैर अब KV भाई को वो पसंद है तो हम क्या ही कर सकते हैं? पर अगर मुझे पर्सनली KV भाई के लिए किसी को सेलेक्ट करना होता ना तो मैं पक्का व्योक्षा को करती, सच में उसे भाभी बनाकर तो मजा ही आ जाता!”
ये बोलकर वो अभी भी हंस रही थी और उसकी बातों पर कसक भी जैसे ना जाने कौन सी दुनिया में खो गई थी! वो भी व्योक्षा के बारे में सोच रही थी कि काश कृतिका की जगह व्योक्षा की शादी KV से होती…
वहीं दूसरी तरफ
व्योक्षा अपना लहंगा संभालते हुए ऊपर टेरेस पर पहुंची जहां पर सामने की तरफ ही हल्दी की डेकोरेशन की गई थी, वहां ऊपर की तरफ शॉवर भी लगे हुए थे!
वो सब देखकर तो व्योक्षा का दिल जोरो से धक धक करने लगा था कि क्या वो यहां ऊपर टेरेस पर KV के साथ शॉवर लेगी? उसके रोंगटे खड़े हो रहे थे!
वो आगे की तरफ बढ़ते हुए बोली "ये डेकोरेशन तो ठीक है लेकिन Little Don आप कहां पर है? आप तो मुझे कहीं नजर… ये बोलते हुए अचानक से उसकी बोलती बंद हो गई!
पीछे से KV ने उसे अपनी बाहों में भर लिया था, व्योक्षा का सीना ऊपर की तरफ उठ गया!
KV ने उसके कंधे पर अपना चेहरा रखा और अपने गाल से उसका गाल रगड़ते हुए बोला "तुम्हारे बिना मैं कहां ही जाऊंगा Butterfly? जहां-जहां तुम वहां वहां मैं! जैसे अब तुम्हारा दिल मेरे लिए बेचैन होता है मैं भी तो कहां तुम्हारे बिना रह पाता हूं?”
उसकी बातें सुनकर तो जैसे व्योक्षा सच में किसी बटरफ्लाई की तरह उड़ने लगी थी! वो थोड़ा शर्माते हुए बोली "जब हम सबके साथ हल्दी सेलिब्रेट कर सकते थे तो आपने ऐसे अकेले में हल्दी सेलिब्रेट करने के लिए मुझे यहां पर क्यों बुलाया? क्या अब सबको बुरा नहीं लगेगा?”
KV ने उसे अपनी तरफ घुमाया और बोला "लगता है तो लगे! मुझे दूसरों से क्या? मुझे तो बस अब मेरी Butterfly से मतलब है… ये बोलते हुए वो उस पर झुक रहा था!
व्योक्षा का दिल जोरो से धड़क रहा था और अब उसने शर्माते हुए अपना चेहरा नीचे की तरफ झुका लिया था!
KV ने उसकी कमर पर अपना हाथ रखा और उसे पीछे की तरफ ले जाने लगा! कुछ ही कदमों की दूरी पर हल्दी से भरा हुआ कांच का बर्तन पड़ा था!
उसने उसमें से हल्दी ली और फिर व्योक्षा के गाल पर अपना हाथ रखते हुए वो सारी हल्दी उसके गाल पर लगा दी और फिर धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी गर्दन पर लेकर आया!
व्योक्षा का सीना अब और भी ज्यादा तूफान लेने लगा था, वो पूरी तरह से सिहर रही थी! उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके बदन में एक करंट सा दौड़ रहा हो… वो ठंडी हल्दी उसकी जान निकालने पर लगी हुई थी और ऊपर से KV का वो गर्माहट से भरा टच उसे और भी ज्यादा पागल कर रहा था!
उसने KV के कुर्ते को कसकर अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया था और KV अब अपना हल्दी से भरा हुआ हाथ उसकी कमर पर ले गया था!
वहां KV का हाथ महसूस करते ही व्योक्षा की सिसकी निकली “आह्ह्ह्ह!!”
KV बड़ी ही इंटेंस वॉइस में बोला "अभी तो सिर्फ हाथ लगाया है मैंने तुम्हें और अभी से ये हाल? आगे तुम्हारा क्या हाल होगा Butterfly?”
जैसे ही उसने कहा व्योक्षा ने अब तुरंत अपनी बाहों को उसकी गर्दन पर लपेट दिया और बोली "मुझे कुछ कुछ हो रहा है Little Don, प्लीज ये सब मत कीजिए ना!”
KV ने अब अपना हाथ उसकी पीठ पर रखा और उसके ब्लाउज की डोरियों से खेलते हुए बोला "तुम हर बार मुझे रोक देती हो और मैं रुक जाता हूं, लेकिन आज मैं रुकने नहीं वाला! आज मैं तुम्हारे साथ अच्छे से हल्दी सेलिब्रेट करने वाला हूं… ये बोलकर अब उसने अचानक से ही उसे गोल घुमाया!
व्योक्षा की पीठ अब उसके सीने से लगी हुई थी और KV का हाथ आगे व्योक्षा के सीने पर था, वो वहां पर अपने हाथ से पूरी हल्दी फैला रहा था!
व्योक्षा का वाइट कलर का ब्लाउज पूरा पीला हो चुका था.…
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