
जैसे ही केबिन का दरवाजा खुला और महनूर वापस आई, अयांश की आंखें बड़ी हो गई! अभी-अभी उसने अपने मुंह में वो दवाइयां डाली थी और अभी तो उसने वो ढक्कन भी बंद नहीं किया था, उसका हाथ उस बोतल पर पूरी तरह से कस गया था और महनूर भी हैरानी से उसकी तरफ देख रही थी!
वो धीमे-धीमे कदमों से अंदर की तरफ आई! अयांश को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अगर महनूर ने उन दवाइयों के बारे में पूछ लिया तो वो क्या ही कहेगा? उसने धीरे से अपना हाथ नीचे कर लिया!

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