
अद्वय की बात सुनकर इबादत हैरानी से उसकी तरफ देख रही थी और अब उसके होठों पर तिरछी मुस्कराहट तैर गई थी! बेशक से अद्वय ने कुछ भी कहा लेकिन उसने इन बातों में ये तो पूरी तरह से कंफर्म कर दिया कि सुहानी से इंपॉर्टेंट शायद अभी फिलहाल उसकी लाइफ में और कुछ भी नहीं और सुहानी के लिए वो कुछ भी कर सकता है! किसी भी हद तक जा सकता है, अगर वो सुहानी से नफरत करता तो वो ऐसा कुछ भी नहीं करता क्योंकि नफरत इंसान को इतना भी पागल नहीं करती लेकिन इश्क? इश्क तो इंसान को पूरी तरह से बर्बाद करने का दम रखता है!
उसके होंठो पर तिरछी मुस्कुराहट देखकर अद्वय की आईब्रो ऊपर की तरफ उठ गई और वो थोड़े गुस्से भरे लहजे से बोला "आपको मेरी बातों पर हंसी आ रही है?”





















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