
जैसे ही व्योक्षा ने नजरे उठाकर राठी हाउस की तरफ देखा उसकी आंखों में नमी तैरने लगी! उसने अब वापस KV की तरफ देखा और बड़ी ही मासूमियत से बोली "आपको पता है कभी-कभी आप मुझे बहुत अच्छे लगते हैं, जब आप मुझसे प्यार करते हैं! जब आप मेरी केयर करते हैं, जब आप मेरे लिए पजेसिव बिहेव करते हैं और जब आपकी बातों से ऐसा लगता है कि हां आपको मेरी फिक्र है लेकिन कभी-कभी आप ऐसी हरकतें करते हैं कि मुझे आप पर बहुत ज्यादा गुस्सा आता है! लेकिन मैं तो आप पर गुस्सा भी नहीं निकाल पाती, सोचती हूं कि कभी आपसे बात नहीं करूंगी लेकिन जब आप मेरे सामने आते हो तो मेरा गुस्सा पता नहीं कहां गायब हो जाता है? और मैं आपसे बातें करने लगती हूं, मैं खुद पर कंट्रोल कर ही नहीं पाती हूं पर आज? आज मुझे आप पर सच में बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा है और मैं अब कभी आपसे बात नहीं करूंगी ये मेरा प्रॉमिस है आपसे!”
KV ने तुरंत अपनी लिटिल फिंगर को आगे की तरफ बढ़ाया! व्योक्षा मुंह बनाते हुए बोली "अब ये क्या है?”

Write a comment ...