
पूरा दिन यूं ही बीत गया था! व्योक्षा को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था कि उसने क्यों KV को नाराज किया? उसने क्यों उसे एटीट्यूड दिखाया? अगर वो उसे एटीट्यूड नहीं दिखाती तो अब वो उसके पास होती, बेशक से दिन-दिन के लिए ही सही लेकिन वो KV के साथ रहकर कम से कम खुश तो रहती! यहां राठी हाउस में तो वो पूरी तरह से बोर हो रही थी, ऐसा नहीं था कि वो हमेशा से राठी हाउस में बोर होती थी! पहले उसने कभी इन सब चीजों पर ध्यान नहीं दिया… उसका दिन अच्छे से बीत जाता था लेकिन जब से वो KV से मिली थी तब से तो ना उसके बिना उसका दिन बीतता था और ना ही रात, हर वक्त बस उसका मन करता था कि वो KV के आसपास रहे! उसी के साथ पूरा दिन बताएं, रात भर भी उसी के साथ ही रहे लेकिन KV उसे कहां ही रात को अपने पास रखता था? और यहां तो अब उसने दिन में भी उसे खुद से दूर भेज दिया था!

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