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Chapter 20 t0 25

जिंदल मेंशन

जैसे ही अथर्व की गाड़ी पार्किंग एरिया में आकर रुकी, बुलबुल ने सामने मेंशन की तरफ देखा! ऐसे महल तो उसने मूवीस वगैरह में भी नहीं देखे थे जैसा महल फिलहाल उसके सामने खड़ा था! हां उस घर को महल कहना कुछ ज्यादा नहीं होगा क्योंकि सच में वो घर किसी महल की तरह ही लग रहा था!

बाहर पूरी चार दिवारी कांच की बनी हुई थी जिसके अंदर पूरा फर्नीचर और सर्वेंट जो इधर-उधर चल रहे थे वो नजर आ रहे थे! अंदर लाइट्स ऑन होने के बाद अंदर का सब कुछ बाहर दिखाई देता था, लेकिन सिर्फ तब जब कर्टन ना लगे हो और फिलहाल वहां के कर्टेन्स साइड हटाए हुए थे!

बुलबुल अथर्व की तरफ देखकर मुंह बनाते हुए बोली "ये तुम्हारा घर है?”

अथर्व हल्का सा मुस्कुराया और बोला "क्या तुम्हें नहीं पता?”

बुलबुल गुस्से से बोली "अगर पता होता तो तुमसे पूछती क्यों? मुझे डाउट है कि ये घर तुम्हारा है भी या नहीं? क्योंकि जहां तक मैं जानती हूं अमीरों के दिमाग बहुत चलते हैं, तभी उनके पास इतना पैसा होता है लेकिन तुम्हारे पास पैसा तो है पर दिमाग? वो तो शायद चलते-चलते बहुत दूर निकल गया! अब उसका वापस आना भी पॉसिबल नहीं है तो फिर तुम्हारे पास इतना पैसा कहां से? कहीं तुम चोरियां तो नहीं करते? बैंकों में ढाका तो नहीं डालते? एक बार एक प्राइवेट बैंक मेरे भी पैसे लेकर भाग गया था, उन्होंने कहा था कि 2 दिन बाद पैसा डबल हो जाएगा लेकिन साले म####द दो दिन में ही खुद भाग गए! कहीं तुम भी तो ऐसे बैंकों के लिए काम नहीं करते?”

अथर्व ने अजीब सी नजरों से उसे देखा, उसकी बातों से वो पूरी तरह इरिटेट हो गया था इसलिए बिना उसे जवाब दिए ही वो बाहर की तरफ आ गया!

बुलबुल मुंह बनाते हुए बोली "अब मैं यहां पर आकर फंस तो गई हूं, गाड़ी में बैठे रहने से क्या ही होगा? बाहर तो मुझे निकलना ही पड़ेगा… ओह गॉड प्लीज हेल्प मी! एक बार बस मुझे इस अथर्व जिंदल से छुटकारा दिला दो, भाग कर ऐसी जगह पर जाऊंगी कि इसे कभी मेरे बारे में कुछ पता तक नहीं चलेगा कड़वा कहीं का!”

ये बोलकर उसने गहरी सांस ली और फिर गाड़ी से बाहर आई, वो भी अथर्व के पीछे-पीछे घर के अंदर आई!

फिलहाल वहां हॉल में कोई भी नहीं था! अथर्व भी अंदर जाकर सीढ़ियां चढ़ते हुए सीधा अपने रूम की तरफ जा रहा था!

तभी एक लड़की की आवाज उसके कानों में सुनाई दी “भाई!”

जैसे ही उसने वो आवाज सुनी उसके कदम रुक गए, अगले ही पल उसकी नजर सामने से भागते हुए आ रही एक लड़की पर थी जो लगभग से 22-23 साल की थी और वो लड़की अब भागते हुए उसके पास आई और सीधा उसके सीने से लग गई!

वो लड़की सिया थी जो अथर्व की सौतेली बहन मतलब गायत्री जी की बेटी थी! वो अथर्व के सीने से लगते हुए बोली "कैसे है आप भाई? कितने दिनों बाद आप घर आए हैं, आपको पता है मैंने आपको कितना याद किया!”

अथर्व ने उसके सिर पर अपना हाथ रखा और बोला "मैंने भी लेकिन डोंट वरी, अब मैं जिंदल मेंशन में ही रहूंगा!”

बुलबुल हैरानी से अथर्व की तरफ देख रही थी, उसने पहली बार अथर्व को ऐसे मुस्कुराते हुए देखा था वरना वो बस या तो चिढ़ता रहता था या फिर एटीट्यूड भरी बातें करता रहता था! मिहिका के साथ भी उसने कभी अथर्व को प्यार से बात करते हुए नहीं देखा था, हमेशा ऐसा लगता था जैसे वो दिखावा कर रहा हो!

तभी एक आवाज वहां पर और गूंजी “हां हां बस तुझे इस सिया की याद आई होगी, मेरी याद तो आई नहीं होगी ना?”

ये बोलते हुए अब वहां पर एक औरत आई जो लगभग से 70-75 साल की थी! अथर्व उन्हें देखकर हल्का सा मुस्कुराया और बोला "दादी मां आपके लिए ही तो मैं यहां पर आया हूं, आप चाहती थी ना मैं शादी कर लूं तो देखो अब मैं सच में शादी करने जा रहा हूं! सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही तो इतना सब कुछ कर रहा हूं मैं…

यशोदा जी मुस्कुराई और बोली "वो तो ठीक है लेकिन तेरी होने वाली बीवी कौन है? कहां है? हमसे मिला!”

ये बोलते बोलते वो रुक गई जब उनकी नजर बुलबुल पर गई!

बुलबुल तुरंत बोली "मैं वो आइटम नहीं हूं और गलती से मुझे वो आइटम बनना भी नहीं है!”

ये बोलते हुए उसके चेहरे पर एटीट्यूड सा झलक रहा था!

तभी यशोदा जी गुस्से से बोली "तुम यहां पर? तुम्हें यहां अंदर आने की इजाजत किसने दी? अभी इसी वक्त निकलो यहां से वरना ऐसी हालत करूंगी तुम्हारी कि तुम्हारी सात पुश्ते याद रखेंगी, एक बार मेरे अथर्व की जिंदगी में जहर घोलकर तुझे चैन नहीं आया जो तू अब दोबारा मुंह उठा कर यहां पर आ गई? इस बार तो मैं तेरा मुंह तोड़ दूंगी!” ये बोलकर वो तुरंत बुलबुल की तरफ बढ़ गई!

बुलबुल हैरानी से उनकी तरफ देख रही थी! वो जल्दी से बोली "ये क्या बकवास कर रही है आप? मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जैसा आप बोल रही हैं!”

यशोदा जी उसके पास आकर बोली "अच्छा तुझे कुछ याद नहीं? तू रुक मैं तुझे अभी याद करवाती हूं!” ये बोलकर उन्होंने अपना हाथ उठाया और बुलबुल के चेहरे पर थप्पड़ जड़ने लगी लेकिन तभी अचानक से किसी ने उनका हाथ पकड़ लिया!

यशोदा जी ने गुस्से से सामने की तरफ देखा जहां पर अथर्व खड़ा था और उसकी नज़रें बुलबुल पर झुकी हुई थी, बुलबुल ने अपना चेहरा एक तरफ घूमा लिया था और अपना हाथ अपने गाल पर रख लिया था! उसके होठों पर गहरी मुस्कुराहट थी…

यशोदा जी गुस्से से कांपते हुए बोली "छोड़ो मुझे अथर्व! आज मैं इस लड़की को जिंदा नहीं छोडूंगी, इसकी हिम्मत भी कैसे हुई यहां आने की?”

अथर्व ने उनका हाथ बड़े ही प्यार से नीचे किया और मुस्कुरा कर बोला "ये खुद से यहां नहीं आई है दादी मां मैं इसे यहां पर लेकर आया हूं, कुछ हिसाब चुकते जो करने थे!”

बुलबुल की आंखें बड़ी हो गई थी, तभी अथर्व मुस्कुरा कर बोला "हिसाब आई मीन पैसों का हिसाब! अब तुम मेरी वेडिंग प्लानर हो तो पैसों का हिसाब तो होता रहेगा ना? Just Chill…

बुलबुल गुस्से से मुंह बना रही थी, तभी अथर्व यशोदा जी की तरफ देखते हुए बोला "आप इन सब चीजों की टेंशन मत लीजिए दादी मां! मैं जानता हूं आप मुझसे बहुत प्यार करती हैं, बट अभी पुरानी बातों को भूलकर आप बस आगे आने वाली जिंदगी के बारे में सोचिए! मेरी शादी के बारे में सोचिए, मेरी शादी की तैयारियां कीजिए… मैं नहीं चाहता कि मेरी शादी में किसी तरह की कोई कमी रहे!”

यशोदा जी अभी भी गुस्से से बुलबुल की तरफ देख रही थी लेकिन अब उन्होंने खुद को शांत किया और फिर अथर्व से पूछा “लेकिन तुम्हारी शादी हो किससे रही है? तुम हमें उस लड़की से तो मिलवाओ!”

तभी पीछे की तरफ से आवाज आई “वो लड़की मैं हूं दादी मां!” ये बोलते हुए मिहिका आगे आई!

वो जाकर अथर्व के साथ खड़ी हुई और उसकी बाजू से अपनी बाजू उलझाते हुए बोली "मैं अथर्व की होने वाली बीवी हूं!”

यशोदा जी गुस्से से मुंह बनाते हुए बोली "मुझे तो तुम भी ऐसी लग रही हो, मेरे पैर छूकर मेरा आशीर्वाद लेने की बजाय तुम मेरे सामने डांस कर रही हो?”

ये बोलते हुए वो अजीब सी नजरों से मिहिका को देख रही थी जो अपनी जगह पर खड़ी-खड़ी हिल रही थी, उसे एटीट्यूड जो दिखाना था लेकिन यशोदा जी की एक बात ने ही उसका पूरा एटीट्यूड मिट्टी में मिला दिया था!

अथर्व की नजरे अभी भी बुलबुल पर टिकी हुई थी जबकि मिहिका अब तुरंत यशोदा जी के पैरों में गिर गई थी!

यशोदा जी पीछे की तरफ हटते हुए बोली "ठीक है ठीक है! अब तो रहने ही दो तुम, बस हमें इतना बताओ कि कहीं तुम भी इसकी तरह धोखेबाज तो नहीं?” ये बोलते हुए उन्होंने एक नजर बुलबुल पर डाली!

बुलबुल गुस्से से बोली "एक तो मुझे समझ में नहीं आता मैंने अपने कौन से जन्म में आपके इस जहर के प्याले को धोखा दिया जो अब आप सब लोग जहरीले हो गए हैं? आज तक मैंने कभी इतने कड़वे लोग नहीं देखे जितने आप लोग हो! एक बार नहीं हजार बार बोल चुकी हूं मैं कोई रोशनी नहीं हूं, लेकिन आप लोगों के अंधेरे से भरे दिमाग में मेरी बात घुस ही नहीं रही है… मुझे नहीं पता ये रोशनी है कौन? लेकिन कसम से अगर ये रोशनी मेरी आंखों के सामने आ गई ना इसका तो मैं ऐसा बैंगन तलूंगी ना कि ये पूरी जिंदगी याद रखेगी!”

अथर्व उसकी तरफ देखते हुए बोला "तुम्हें जो करना है तुम बाद में करना, पहले फिलहाल तुम मेरे साथ चलो!”

बुलबुल हैरानी से उसकी तरफ देखने लगी लेकिन वो कुछ कहती उससे पहले अथर्व ने उसका हाथ कसकर पकड़ा और उसे लेकर सीढ़ियां चढ़ने लगा!

यशोदा जी मिहिका और सिया तीनों उन्हें जाते हुए देख रही थी, मिहिका का चेहरा गुस्से से कांपने लगा! पहले अथर्व उसे जिंदल फार्म हाउस छोड़कर आ गया और अब यहां भी वो बुलबुल के साथ अपने रूम में चला गया था! वो जितना उन दोनों को दूर रखने की कोशिश कर रही थी अथर्व बुलबुल को उतना ही अपने साथ रखने की कोशिश में लगा हुआ था और ये बात अब मिहिका से बर्दाश्त नहीं हो रही थी…

वहीं दूसरी तरफ

अथर्व बुलबुल को लेकर अपने रूम में पहुंचा! बुलबुल उसकी तरफ देखते हुए बोली "अरे तुम्हारा कोई ढक्कन है या नहीं? जब देखो वहीं पर शुरू हो जाते हो, अब तुम मुझे यहां अपने कमरे में क्यों लेकर आए हो? मैं तुम्हारी वेडिंग प्लानर हूं तुम्हारी बीवी नहीं जो तुम्हारे साथ तुम्हारे कमरे में इस तरह से आऊंगी, मुझे इतना बता दो कि मुझे कहां रहना है? और मुझे दो वक्त की रोटी यहां पर मिलेगी या फिर तुम सब लोगों की कड़वी बातों…

अभी वो बोल ही रही थी कि अथर्व ने उसके होठों पर अपनी उंगली रख दी! बुलबुल की आंखें बड़ी हो गई और अब अथर्व उसके होठों पर थोड़ा प्रेशर बनाते हुए उसे पीछे की तरफ ले जाने लगा और बुलबुल भी अपने कदम पीछे की तरफ लेने लगी थी और फिर अचानक ही उसकी पीठ दीवार से लगी और अथ

र्व ने अपने दोनों हाथ उसके आसपास दीवार पर रख दिए और खुद पूरी तरह से उस पर झुक गया!

अथर्व बुलबुल पर झुका हुआ था और बुलबुल पीछे दीवार से लगी हुई थी, उसकी पीठ उस ठंडी दीवार से लगते ही एकदम जम गई थी और उसके चेहरे को अथर्व की गर्म गहरी सासे छू रही थी!

अथर्व उसके चेहरे पर झुक कर बेहद इंटेंस वॉइस में बोला “मिलेगा दिलरुबा! यहां पर तुम्हें वो सब मिलेगा जो तुम्हें चाहिए!”

बुलबुल उसकी आंखों में देख रही थी, अथर्व की आंखें बिना शराब के भी बेहद लाल होती थी और अब तो उसने ड्रिंक कर रखी थी तो उसकी आंखें और भी ज्यादा गहरी लाल थी।

वो उसकी तरफ देखते हुए बोली "तुम्हारे घर में क्या सब रोशनी से नफरत करते हैं?”

अथर्व तिरछा मुस्कुराया और बोला "बाकी सब का तो पता नहीं लेकिन मैं बहुत करता हूं!”

बुलबुल ने एक बार फिर से पूछा “अच्छा ये बताओ लास्ट बार तुम्हारी रोशनी से क्या बात हुई थी? आई मीन क्या उसने तुम्हें धोखा दिया? ओबवियस सी बात है जिस तरह से तुम उसके बारे में बातें करते हो, उसने तुम्हें धोखा ही दिया होगा लेकिन क्या तुम मुझे बता सकते हो कि तुम्हें क्या लगता है उसने तुम्हें धोखा क्यों दिया होगा?”

अथर्व उसकी बात सुनकर हंसने लगा था, उसे हंसते हुए देख बुलबुल ने मुंह बनाया!

अथर्व हंसते-हंसते रुका और बोला "पहली बार धोखा देने वाला धोखा देने वाले को धोखे का कारण पूछ रहा है, हंसी तो आएगी ना!”

बुलबुल ने गुस्से से अपना माथा पीट लिया! अथर्व उसकी तरफ देखते हुए बोला "वैसे मुझे ये बताओ इतनी अच्छी एक्टिंग करना तुमने सीखा कहां से? आई मीन कोई कॉलेज कोई कोचिंग सेंटर है क्या जहां से तुमने ये एक्टिंग सीखी? बा-कमाल एक्टिंग करती हो!”

बुलबुल अब थोड़ी मायूसी भरी आवाज में बोली "काश मैं तुम्हें बता सकती कि मैं कोई एक्टिंग नहीं कर रही हूं, मैं तुम्हारी दिलरुबा… आई मीन तुम्हारी रोशनी नहीं हूं! मैं बुलबुल हूं बुलबुल, मेरे पास तो मेरे कोई जन्म के सर्टिफिकेट भी नहीं है जो मैं तुम्हें दिखा कर प्रूफ कर सकूं कि मैं कौन हूं और कौन नहीं? ले देकर बस एक आइडेंटिटी कार्ड है और वो भी लगभग से जाली है!”

उसकी बातों पर अथर्व हंसा और बोला "असली हो भी कैसे सकता है? असली तो रोशनी के नाम से होगा ना बट डोंट वरी, इन सब चीजों की जरूरत नहीं है क्योंकि इन सब चीजों की जरूरत तो दुनिया में रहने वाले लोगों के लिए होती है! तुम तो मेरी कैद में रहोगी और मेरी कैद में कोई आइडेंटी कार्ड नहीं चलता है, मेरी दुनिया में सिर्फ एक कार्ड चलता है और वो है नफरत का कार्ड!” ये बोलते हुए अब उसने अपनी दो उंगलियां बुलबुल के गाल पर रखी!

बुलबुल के रोंगटे खड़े होने लगे! अथर्व ने अपनी दोनों उंगलियों को उसकी गर्दन की तरफ सरकाया और बोला "वैसे पहले से खूबसूरत हो गई हो तुम दिलरुबा!”

एक पल के लिए बुलबुल का दिल जोरो से धड़क उठा, पता नहीं क्यों लेकिन उसे अथर्व का ये कहना बहुत अंदर तक हिट हुआ!

उसके होंठ हल्के हल्के फड़फड़ाने लगे थे! अथर्व ने उसके होठों पर अपना अंगूठा रखा और उन्हें थोड़ी जोर से सहलाते हुए बोला "तुम्हारे ये होंठ भी पहले से काफी अट्रैक्टिव हो गए हैं! अच्छा ये बताओ जब से तुम मुझे धोखा देकर गई हो क्या उसके बाद तुमने इन होठों से किसी और के होठों को छुआ? आई मीन किसी को किस किया क्या?”

बुलबुल उसकी आंखों में खोई हुई बोली "मैंने आज तक अपनी पूरी जिंदगी में तुम्हारे अलावा किसी और को किस नहीं किया है!”

अथर्व बड़ी ही इंटेंस वॉइस में बोला "मतलब इन होठों पर सिर्फ मेरे होठों की हुकूमत चली है!”

बुलबुल का दिल अब और भी ज्यादा जोरों से धड़कने लगा, वो अथर्व के सीने पर अपना हाथ रख कर बोली "प्लीज मुझे यहां से जाने दो ना! आई डोंट नो व्हाय लेकिन मुझे बहुत अजीब सा फील हो रहा है!”

अथर्व ने तुरंत पूछा “क्या फील हो रहा है दिलरुबा?”

बुलबुल ने तुरंत अब अपना हाथ अपने सीने पर रखा और बोला "मेरी हार्टबीट बहुत फास्ट चल रही है, इतनी फास्ट तो मेरी हार्टबीट तब भी नहीं होती जब मैं लगातार 6-6 गानों पर आइटम सॉन्ग करती हूं! पर अभी तो ऐसा लग रहा है जैसे मेरा दिल फुदक कर मेरे सीने से बाहर आ जाएगा… ये बोलकर उसने गहरी सांस लेना शुरू किया!

अथर्व हल्का सा मुस्कुराया और बोला “कोई बात नहीं तुम्हारी इन धड़कनों को मैं नॉर्मल कर देता हूं!”

बुलबुल ने जल्दी से पूछा “कैसे?”

अभी उसने ये शब्द ढंग से कहा भी नहीं था कि अथर्व ने अपना हाथ उसके सीने पर रख दिया और कपड़ों के ऊपर से ही उसके सीने को हल्का-हल्का दबाने लगा, बुलबुल के होठों से आह निकल गई!

अथर्व की हरकतें, उसकी बातों और अब उसके छूने भर से बुलबुल को बहुत अजीब सा फील हो रहा था!

अचानक ही उसने अथर्व को जोर से धक्का दिया और बोली "अपनी औकात में रहो तुम! तुम मुझे ऐसे टच नहीं कर सकते, मैं… मैं तुम्हारी सिर्फ वेडिंग प्लानर हूं तुम्हारी बीवी नहीं जो तुम मुझे इस तरह से टच कर रहे हो!”

ये बोलते हुए उसकी नज़रें दरवाजे पर खड़ी मिहिका पर थी और उसकी नजरों का पीछा कर अथर्व ने भी दरवाजे की तरफ देखा, वहां मिहिका को देखकर वो तिरछा मुस्कुराया और बोला "आओ बेबी अंदर आओ! यूं दरवाजे पर क्यों खड़ी हो तुम?”

बुलबुल हैरानी से अथर्व की तरफ देख रही थी, एक पल में अथर्व कैसे बदल जाता था! अभी तक तो वो उसे अपनी दिलरुबा बोल रहा था और अब मिहिका को बेबी बेबी… सच में अथर्व किसी गिरगिट को भी पीछे छोड़ सकता था ये फिलहाल बुलबुल के दिमाग में चल रहा था!

मिहिका अब आगे की तरफ आई और बुलबुल की तरफ देखते हुए बोली "मैं बहुत अच्छी तरह से जानती हूं तुम्हारे और अथर्व के बीच क्या हो रहा था? और कैसे मुझे देखते ही तुमने अथर्व को धक्का दे दिया, पहले तो उसे सेड्यूस कर अपने करीब लाई होगी तुम और अब मेरे सामने ड्रामा शुरु!”

बुलबुल गुस्से से बोली "हां तुम्हारा ये अथर्व तो जैसे 2 साल का दूध पीता बच्चा है जिसे मैं बोतल दिखा कर पुच पुच करूंगी और ये मेरे पीछे-पीछे चला आएगा! संभाल कर रखो अपना ये 2 साल का बच्चा, मुझे नहीं चाहिए… ये बोलकर वो मुंह बनाते हुए वहां से चली गई!

मिहिका अब अथर्व की तरफ देखते हुए बोली "कितना एटीट्यूड दिखाती है ये लड़की मुझे, सीरियसली ये मुझे बिल्कुल पसंद नहीं लेकिन तुम अब इसे हमारी वेडिंग प्लानर के तौर पर यहां लेकर आए हो तो अब मुझे नहीं पता आगे क्या होगा?”

अथर्व हल्का सा मुस्कुरा कर बोला "होगा क्या? तुम्हें जो करना है तुम करो, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है! बेशक से कुछ भी करो यू नो व्हाट आई मीन… ये बोलकर वो वॉशरूम की तरफ चला गया और मिहिका उसकी बातों का मतलब समझने की कोशिश करने लगी!

क्या सच में वो बुलबुल के साथ कुछ भी कर सकती है? उसके दिमाग में तो अब बुलबुल को मारने तक के ख्याल आने लगे थे!

वो जल्दी से खुद को संभालते हुए बोली "नहीं नहीं मुझे ऐसा कुछ नहीं करना है, अभी प्रॉब्लम इतनी भी नहीं बढ़ी है लेकिन अगर आगे चलकर ये प्रॉब्लम सच में बढ़ गई तो? कहीं ये लड़की मेरे और अथर्व के बीच आ गई और इसकी वजह से मेरी अथर्व के साथ शादी ना हुई तो? नो नो मैं इन सब चीजों का वेट नहीं कर सकती! मुझे किसी भी तरह इसे इस घर से बाहर निकालना है और वेडिंग प्लानर तो और भी बहुत मिल जाएंगे, इसकी यहां पर कोई जरूरत नहीं है!”

ये बोलते हुए उसके चेहरे पर तिरछे एक्सप्रेशन थे क्योंकि उसे समझ में आ गया था कि अब उसे क्या करना है?

वहीं दूसरी तरफ

बुलबुल सीढ़ियां उतरते हुए नीचे आई और एक सर्वेंट की तरफ देखते हुए बोली "क्या तुम लोग मुझे बताओगे कि मुझे कहां रहना है? या फिर मैं यहां हॉल में ही अपना बोरिया बिस्तर लगा लूं?”

वो सर्वेंट जल्दी से बोली "आपको ये सब करने की जरूरत नहीं है मैडम, आप मेरे साथ आइए मैं आपको गेस्ट रूम में ले चलती हूं!”

ये बोलकर वो उसे नीचे बने हुए गेस्ट रूम की तरफ लेकर जाने लगी, तभी अचानक से पीछे से गायत्री जी ने आवाज लगाकर सर्वेंट को रोका!

वो सर्वेंट तुरंत रुक गई, बुलबुल भी मुंह बनाते हुए गायत्री जी की तरफ देख रही थी! वो उन्हें पहले भी मिल चुकी थी और उस वक्त उसका एक्सपीरियंस बिल्कुल भी अच्छा नहीं था इसलिए अब तो वो उन्हें देखते ही चिढ़ गई थी!

वहीं गायत्री जी उस सर्वेंट की तरफ देखते हुए बोली "लगता है अपनी औकात भूल गई हो तुम, अपनी मर्जी से कुछ भी करने लगी हो! क्या तुम्हें किसी ने कहा कि इसे गेस्ट रूम में लेकर जाओ? नहीं ना?”

उनकी बात पर उस सर्वेंट के चेहरे का रंग उड़ गया! वो जल्दी से बोली "एम सो सॉरी मैडम लेकिन मुझे लगा ये हमारी गेस्ट है तो…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही गायत्री जी बोली "गेस्ट वो होते हैं जो मेहमान हो और ये अथर्व और मिहिका की शादी की वेडिंग प्लानर है, इट मींस ये हमारी सर्वेंट है और सर्वेंट को गेस्ट रूम में कब से रखवाया जाने लगा? जाओ जाकर इसे सर्वेंट रूम में छोड़ो, तुम सब लोगों के सर्वेंट रूम तो बैकयार्ड एरिया में है लेकिन एक रूम इस घर में भी है तो इसे वहीं पर शिफ्ट कर दो!”

उनकी बात सुनते हुए बुलबुल को गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन फिलहाल वो बहुत ज्यादा थक गई थी, उसे बस सोने के लिए जगह चाहिए थी और सोने से पहले अच्छा सा खाना इसलिए उसने कोई ड्रामा नहीं किया और उस सर्वेंट की तरफ देखते हुए बोली "अगर तुम मुझे फिलहाल वॉशरूम में भी जगह दोगी ना तो मेरे लिए उतना ही काफी होगा क्योंकि मैं सामने वाले की औकात के हिसाब से एक्सपेक्ट करती हूं, ना कि अपनी औकात के हिसाब से! अब मैं चोर से हीरा थोड़ी ना मांगने जाऊंगी… हीरा तो जौहरी के पास होगा चोर के पास तो सिर्फ कंगाली होती है!”

ये बोलते हुए उसके होठों पर व्यंग भरी मुस्कराहट थी और गायत्री जी का चेहरा गुस्से से कांपने लगा था।

बुलबुल उस सर्वेंट के साथ सर्वेंट रूम की तरफ बढ़ गई और गायत्री जी ने मुट्ठियां कस ली!

तभी अथर्व उनके बिल्कुल साथ में आकर खड़ा हुआ, उसने अपनी पॉकेट में अपने दोनों हाथ डाले हुए थे!

चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट लिए वो बड़ी अदा से बोला "Tch…. Tch… ये तो आपकी बेइज्जती हो गई, क्या ही किस्मत है ना आपकी मिसेज जिंदल? आप जाती दूसरों को बेइज्जत करने हैं लेकिन हो खुद जाती है! लगता है बेइज्जती और आपका काफी गहरा रिश्ता है, खैर जल्दी से खाना लगाइए मुझे भूख लगी है! तब तक मैं आता हूं… ये बोलकर वो बाहर की तरफ बढ़ गया और अब गायत्री जी का गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया!

वो बेहद गुस्से से अथर्व की तरफ देख रही थी।

वही अथर्व बाहर गार्डन में आया और आकर स्मोक करने लगा, तभी उसकी नजर सामने बालकनी की तरफ गई जो सर्वेंट रूम की बालकनी थी और वहां बुलबुल आकर खड़ी हुई!

अभी तक बुलबुल ने अथर्व को नहीं देखा था क्योंकि उसकी नज़रें तो ऊपर आसमान की तरफ थी, जहां चांद चमक रहा था और बु

लबुल बस चांद की तरफ देखे जा रही थी जैसे अंदर ही अंदर ना जाने चांद से क्या कुछ बातें कर रही हो!

जिंदल मेंशन

बुलबुल बालकनी में खड़ी थी और चांद की तरफ देख रही थी!

वहीं दूसरी तरफ

अथर्व भी गार्डन में खड़ा था और स्मोक कर रहा था, अथर्व बुलबुल को देख रहा था लेकिन बुलबुल की नजर अभी तक अथर्व पर नहीं गई थी!

वो यूं ही बस चांद की तरफ देख रही थी, लोगों से अपने दिल की बातें तो वो हमेशा से ही कम किया करती थी! मधु कितनी बार कहती थी उससे कि वो उससे अपनी बातें शेयर करें लेकिन बुलबुल हमेशा चुप रहती थी और जो लोगों से अपने दिल की बातें जाहिर नहीं करते वो यूं ही बस चांद तारों से कर लिया करते हैं और यही काम बुलबुल भी करती थी।

वो चांद को देखते हुए कुछ कुछ बोले जा रही थी और अथर्व उसका बोलना तो नहीं सुन सकता था लेकिन उसे इतना जरूर समझ में आ गया था कि हां बुलबुल चांद से कुछ तो बात कर रही है।

अगले ही पल उसने जलती हुई सिगरेट को नीचे फेका और फिर हल्का सा पैर से मसलकर अंदर की तरफ आ गया!

अंदर जाकर वो सीधा सर्वेंट रूम की तरफ बढ़ गया जहां पर बुलबुल के रहने का इंतजाम किया गया था।

अथर्व ने दरवाजा खोला और अंदर की तरफ आया, सामने एक बेड लगा हुआ था जो सिंगल बेड था और ज्यादा कुछ खास नहीं था! सामने एक छोटी सी अलमारी थी, रूम में AC नहीं था बस एक पंखा था और इसके अलावा बस एक वॉशरूम और कुछ नहीं!

बुलबुल चांद के साथ बातें करने में इतनी ज्यादा खोई हुई थी कि उसे अथर्व के आने का पता ही नहीं चला और अब अथर्व ने बालकनी में जाकर पीछे से उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया, उसका हाथ बुलबुल के पेट पर था!

जैसे ही अथर्व ने बुलबुल के पेट पर अपना हाथ रखा अब बुलबुल हैरान नहीं हुई क्योंकि अब तक तो उसे अथर्व की हरकतों की आदत हो चुकी थी! वो उसे समझ गई थी…

अथर्व ने उसके पेट पर रखा अपना हाथ थोड़ा सा दबाते हुए कहा “क्या बातें कर रही हो तुम दिलरुबा और वो भी इस चांद से? अगर बातें करने का इतना ही मन कर रहा है तो मुझसे करो ना!” ये बोलते हुए उसने उसे अपनी तरफ घुमाया और अगले ही पल उसकी नज़रें बुलबुल की आंखों पर थी जिसमें बेइंतहा आंसू भरे हुए थे और वो आंसू उसके गालों से भी लुढ़क रहे थे!

वो रोने वाली लड़कियों में से नहीं थी लेकिन आज वो खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाई और अथर्व भी उसके आंसू देखकर हैरान था क्योंकि अब तक उसने बुलबुल को ऐसे रोते हुए नहीं देखा था!

बुलबुल उसे देखकर बोली "क्या बातें करूं मैं तुमसे? बातें करने के लिए कुछ होना भी तो चाहिए ना, तुम्हारी तरफ से सिर्फ इल्जाम है और मेरी तरफ से सिर्फ इनकार! तुम कहते हो मैं तुम्हारी रोशनी हूं और तुम मुझसे नफरत करते हो और मैं सिर्फ इतना कह रही हूं कि मैं कोई रोशनी नहीं हूं! इसके अलावा हम दोनों के बीच बातें करने के लिए है ही क्या? ना तुम मुझे समझ रहे हो और ना ही मैं तुम्हें समझ पा रही हूं!”

उसकी बातें आज बेहद अलग थी! अथर्व कुछ पल खामोश रहा और फिर अचानक ही उसके चेहरे के एक्सप्रेशंस बदले और वो व्यंग्य से बोला "एक बार फिर से धोखा देने के मोड में आ गई हो तुम, पहले भी अपने इन्हीं आंसुओं से अपने जाल में फंसाती थी और अब…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही बुलबुल ने अपना हाथ दिखाकर उसे चुप कराया और बोली “तुमने मुझ पर इल्जाम लगाए मैंने वो इल्जाम सुन लिए, तुमने मुझे झूठी कहा मैंने तुमसे कुछ नहीं कहा! लेकिन खबरदार अगर तुमने मेरे आंसुओं को झूठ कहा तो… मैं सिर्फ इसलिए नहीं रोती क्योंकि रोना कमजोर लोगों की निशानी होती है पर अगर आज मेरी आंखों में आंसू है तो सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी वजह से और तुम सच में मुझे तकलीफ दे रहे हो! सच में मैं परेशान हो गई हूं तुमसे, मेरा मन तो कर रहा है कि मैं यहां से दूर चली जाऊं… इतना दूर कि कभी तुम्हारे सामने भी ना आऊं, एक पल के लिए किसी की नफरत बर्दाश्त की जा सकती है लेकिन पता तो हो ना कि वो इंसान हमसे नफरत करता क्यों है? कुछ किया भी नहीं और फिर भी सामने वाले की नफरत झेलनी पड़े, भला ये भी कोई बात होती है क्या?” ये बोलते हुए अब उसके चेहरे पर मासूमियत झलकने लगी थी!

अथर्व कुछ पल उसकी तरफ देखता रह गया!  आज पहली बार उसे बुलबुल के साथ अजीब सा फील हो रहा था!

तभी बाहर दरवाजा नॉक हुआ और एक सर्वेंट अंदर की तरफ आते हुए बोली "बाहर डिनर के लिए आपको बुलाया जा रहा है!” ये बोलते हुए वो तो बुलबुल को ढूंढ रही थी लेकिन वो दोनों बालकनी में खड़े थे तो उस सर्वेंट को नजर नहीं आया कि बुलबुल के साथ अथर्व भी वहां पर है!

अपनी बात कहने के बाद वो सर्वेंट वहां से चली गई और अब बुलबुल भी बाहर की तरफ जाने लगी! अचानक ही अथर्व ने उसके पेट पर अपना हाथ रखते हुए उसे रोक लिया!

बुलबुल ने बिना उसकी बात सुने उसका हाथ अपने पेट से हटाया और थोड़े सख्त लहजे में बोली "मुझे भूख लगी है, सिर्फ दो ही बातें नहीं बर्दाश्त मुझे! एक कोई मुझे झूठा कहे और दूसरा कोई मुझे भूखा रखे, मेरे साथ बस ये दो चीजें मत करो बाकी बेशक से कुछ भी कर लेना!”

ये बोलकर वो तुरंत वहां से बाहर चली गई, अथर्व अब अपनी जगह पर अकेला खड़ा था!

अगले ही पल वो खुद से बोला "कहीं सच में मैं कुछ गलत तो नहीं कर रहा? कहीं ये लड़की सच में रोशनी हो ही ना?”

ये बोलकर अगले ही पल अब उसने अपना सर झटकाया और बोला "नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता, रोशनी को पहचानने में मैं कोई गलती नहीं कर सकता! ये लड़की रोशनी ही है… बस ड्रामा कर रही है और अगर इसके मुंह से मैंने सारा सच नहीं निकलवा दिया तो मैं भी अथर्व जिंदल नहीं! इसे क्या लगता है कि ये अथर्व जिंदल को धोखा देगी और आसानी से बच जाएगी? नहीं बिल्कुल भी नहीं!” ये बोलते हुए अब उसके चेहरे पर फिर से बुलबुल के लिए गुस्सा और नफरत नजर आ रही थी!

वो भी अब बाहर की तरफ आया, डाइनिंग टेबल पर खाना लग चुका था! यशोदा जी सिया और गायत्री तीनों ही डाइनिंग टेबल पर बैठी थी और अब मिहिका भी वहां पर आकर बैठ चुकी थी!

बुलबुल जैसे ही वहां पर आई सिया को छोड़कर बाकी तीनों के मुंह बने हुए थे, सिया के चेहरे पर कुछ खास एक्सप्रेशंस नहीं थे!

वहीं बुलबुल अब बिना उन लोगों की तरफ देखे ही चुपचाप एक चेयर पर बैठ गई और अगले ही पल अथर्व भी आकर हेड चेयर पर बैठा!

उसकी नज़रें बुलबुल पर टिकी हुई थी, सर्वेंट खाना सर्व कर रहे थे।

गायत्री जी अथर्व की तरफ देखते हुए बोली "वैसे शादी कब की फिक्स की है तुमने? आई मीन दुल्हन यहां है और तुम्हारी वेडिंग प्लानर भी यहां पर है लेकिन शादी की डेट? वो तो तुमने हमें बताई ही नहीं!”

अथर्व तिरछा मुस्कुराया और बोला "मुझे लगता है मेरी शादी की सबसे ज्यादा एक्साइटमेंट आपको ही है मिसेज जिंदल!”

गायत्री जी अब व्यंग से मुस्कुराई और बोली "बेटे की शादी होगी तो एक्साइटमेंट तो होगी ही!”

अथर्व तुरंत बोला “शौर्य की शादी नहीं है जो आप इतनी ज्यादा एक्साइटेड हो रही है और मैं? मैं आपका बेटा नहीं हूं!”

गायत्री जी कुछ बोलने लगी, तभी एक शख्स बाहर से अंदर की तरफ आया और हल्का सा मुस्कुरा कर बोला "शौर्य की शादी जब होगी तब तो सब एक्साइटेड होंगे ही लेकिन आपकी शादी की सबसे ज्यादा एक्साइटमेंट तो मुझे है भाई! फाइनली मुझे मेरी भाभी मिलने वाली है… ये बोलते बोलते वो एकदम से चुप हो गया जब उसकी नजर सामने बुलबुल पर गई!

वो भी एकदम हक्का-बक्का रह गया था! वो धीमी सी आवाज में बोला "भाभी?”

मिहिका झट से बोली "तुम्हारी भाभी मैं हूं!” ये बोलते हुए वो अपनी जगह से हल्का सा उठ गई और अब शौर्य की नजर मिहिका पर गई, उसका दिमाग घूम गया था।

शौर्य ने अब अथर्व की तरफ देखा! अथर्व हल्का सा मुस्कुरा कर बोला "तुम्हारी एक्साइटमेंट तो मुझे समझ में आती है, लेकिन फालतू के लोगों की एक्साइटमेंट ना मुझे समझ में आती है और ना ही मुझे चाहिए! खैर तुम ये बताओ कहां थे तुम? आई मीन कई दिनों से ना ही तुम्हारी कोई कंप्लेंट आई है और ना ही तुमने मुझे कॉल किया!”

शौर्य अब एक चेयर पर बैठा और बोला "अब मैं बड़ा हो गया हूं भाई! अब मैं आपको बार-बार कॉल थोड़ी ना करता रहूंगा, अब तो मुझे अपने पैरों पर खड़ा होना है इसलिए सोच रहा हूं कि आपसे कॉल कर पैसे मांगना छोड़कर अब मैं अपनी कोई जॉब करूं!”

उसकी बात पर अथर्व तुरंत बोला "बिल्कुल भी नहीं! अथर्व जिंदल का भाई जॉब बिल्कुल नहीं करेगा, अगर तुम अपने पैरों पर खड़ा होना ही चाहते हो तो जिंदल इंडस्ट्रीज में तुम्हारा वेलकम है लेकिन ये जॉब वगैरा का ख्याल छोड़ दो! अपनी स्टडीज कंप्लीट करो और मुझे बिजनेस में ज्वाइन करो!”

उसकी बातें सुनते हुए शौर्य मुस्कुराया और बोला "मुझे समझ में नहीं आता मैं आपको कैसे शुक्रिया कहूं भाई? आई मीन बेशक से आपकी मॉम के साथ नहीं बनती लेकिन मैं और सिया आपके सौतेले भाई-बहन है, लेकिन फिर भी आप हमें इतना ज्यादा प्यार देते हैं!”

उसकी बात सुनते हुए सिया भी मुस्कुरा रही थी जबकि गायत्री जी के चेहरे पर चिढ़ भरे एक्सप्रेशन थे!

वही बुलबुल हैरान थी! उसे तो समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अथर्व की तरह उसकी फैमिली भी इतनी ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड क्यों है? अपनी सौतेली मां से प्रॉब्लम थी लेकिन सौतेले भाई बहनों से कोई प्रॉब्लम नहीं थी और दूसरा वो पता नहीं अंधों की तरह कौन सी रोशनी को ढूंढ रहा था? ये सब सोचते हुए बुलबुल को ऐसा लग रहा था जैसे अब उसकी भूख ही मर गई हो!

वहीं अथर्व अब गहरी मुस्कुराहट के साथ बोला "तुम तो जानते ही हो शौर्य मुझे! जिससे मैं प्यार करता हूं बेहद करता हूं और जिससे मैं नफरत करता हूं तब तो बेहद शब्द भी बहुत छोटा है!” ये बोलते हुए उसकी निगाहें बुलबुल पर आ गई थी और उसकी नजरों की तपिश से ही बुलबुल के रोंगटे खड़े हो रहे थे!

अथर्व ने उसे देखते हुए पूछा “खाओगी?”

बुलबुल ने तुरंत जवाब दिया “क्या?”

अथर्व हंस कर बोला "खाना ही खाने के लिए पूछ रहा हूं, धोखे तो तुम खाती

नहीं हो बल्कि देती हो!”

उसकी बात पर एक पल के लिए बुलबुल की हार्टबीट स्किप हो गई थी!

अथर्व की बात सुनकर बुलबुल उसे घूरते हुए देख रही थी! अब वो अचानक ही अपनी जगह से उठी और बोली "ऐसी जिल्लत की रोटी खाने से बढ़िया है मैं भूखी रह जाऊं, आप लोगों को मुबारक हो आपका ये खाना! मुझे कुछ नहीं खाना… ये बोलकर वो अपने रूम की तरफ बढ़ गई जो कि सर्वेंट रूम था!

अथर्व बस उसे जाते हुए देख रहा था! मिहिका जल्दी से बोली "एटीट्यूड तो देखो इसका, जरा सा कुछ कह दो तो ऐसे मुंह बना लेती है जैसे महारानी हो! पहले खुद लोगों को धोखा देती है और फिर जब लोग इसकी सच्चाई इसके मुंह पर बोले तो बुरा भी मान जाती है!”

अथर्व उसे देखते हुए बोला "बेहतर होगा अगर तुम अपना ध्यान खाना खाने पर लगाओ तो!”

सबके सामने इस तरह से बोलने पर मिहिका को बुरा तो लगा लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया!

वही गायत्री जी अथर्व की तरफ देखते हुए बोली “अब तुम भी खाना खाओगे या फिर बुलबुल ने खाना नहीं खाया तो तुम्हें भी अब खाना पसंद नहीं आने वाला?”

अथर्व अपना चम्मच अपनी प्लेट में घूमाते हुए बोला "अगर मुझे लोगों से इतना ही फर्क पड़ता तो अब तक तो ये अथर्व जिंदल शायद जिंदा ही नहीं होता!” ये बोलकर उसने चावल से भरा हुआ चम्मच अपने मुंह में डाल लिया और अपना खाना खाने लगा!

शौर्य और सिया एक दूसरे की तरफ देख रहे थे और अब उन दोनों ने भी चुपचाप खाना खाया, यशोदा जी की नजरे सर्वेंट रूम की तरफ थी जहां पर अभी-अभी बुलबुल गई थी।

वहीं दूसरी तरफ

बुलबुल अपने रूम में आई और आकर बेड पर बैठ गई, एक तो उसके पास उसका फोन भी नहीं था जो वो किसी तरह टाइम पास कर ले! ना तो उस रूम में कोई एलईडी लगा था और ना ही एंटरटेनमेंट की कोई और चीज… भूख की वजह से पहले ही उसकी जान निकल रही थी और अब हद दर्जे की बोरियत से वो और भी ज्यादा परेशान होने लगी!

लगभग से आधा घंटा यूं ही बीत गया! वो दिन में इतना ज्यादा सोई थी कि अब रात में उसको नींद ही नहीं आ रही थी!

वो एक बार फिर से बालकनी की तरफ बढ़ने लगी, तभी अचानक से किसी ने दरवाजा नॉक किया!

बुलबुल ने तुरंत दरवाजा खोला, सामने एक सर्वेंट खड़ी थी जिसके हाथों में खाने की ट्रे थी! वो सर्वेंट खाना बुलबुल की तरफ बढ़ाते हुए बोली "ये आपके लिए भेजा गया है!”

बुलबुल चौंकते हुए बोली "किसने भेजा है? जहां तक मैं जानती हूं इस घर में ढंग के दिमाग वाला एक भी इंसान नहीं है, सबके दिमाग घूम हुए हैं! कोई किसी और के बारे में तो सोचता ही नहीं… बस अपनी ही दुनिया में गुम है और ना जाने क्या-क्या करते रहते हैं?”

वो सर्वेंट उसकी बात सुनकर बोली "बेशक से यहां के लोग थोड़े अजीब है लेकिन दादी मां इतनी बुरी नहीं है, वो गुस्सा करती है लेकिन अंदर से बहुत नर्म दिल है और किसी भूखे को तो वो बिल्कुल भी नहीं देख सकती इसीलिए उन्होंने ये खाना तुम्हारे लिए भिजवाया है!”

जैसे ही उसने कहा वो दंग रह गई क्योंकि जब वो इस घर में आई थी तो यशोदा जी उसे थप्पड़ लगाने तक गई थी, ऐसा लग रहा था जैसे वो बुलबुल की पिटाई कर देंगी और वो भी अच्छी वाली लेकिन अब उन्होंने बुलबुल के लिए खाना भेजा है ये जानकर बुलबुल का उनके लिए गुस्सा शांत हो गया था।

वो हल्का सा मुस्कुरा कर बोली "थैंक गॉड इस घर में एक तो दिमाग वाला इंसान है, या यूं कहूं दिल वाला इंसान!” ये बोलकर उसने एक गहरी सांस ली!

उसने खाना अपने हाथ में लिया और फिर अंदर जाकर आराम से खाना खाने लगी! जैसे ही उसका खाना फिनिश हुआ वो बड़बड़ाते हुए बोली "दादी मां का दिमाग और दिल तो चलता है, लेकिन इस निकम्मी का दिमाग बिल्कुल नहीं चलता! खाना देकर गई लेकिन साथ में पानी तो देकर ही नहीं गई और ऊपर से खाने में मिर्ची भी कितनी है!”

ये बोलकर वो अब ट्रे अपने हाथ में लेकर बाहर की तरफ आई और सीधा किचन की तरफ बढ़ गई!

वहीं दूसरी तरफ

अथर्व बाहर से अंदर की तरफ आया और अपने रूम की तरफ जाने लगा, तभी उसकी नजर बुलबुल पर गई जो अभी-अभी किचन में एंटर ही हो रही थी!

उसके होठों पर तिरछी मुस्कुराहट आ गई! वो तुरंत किचन की तरफ आया, अगले ही पल उसकी नजर बुलबुल पर गई जो वहां साइड में बर्तन रख रही थी और अब वो फ्रिज की तरफ आ गई!

उसने फ्रिज खोला और उसमें से पानी की बोतल निकाल कर यूं ही ढक्कन खोलकर सीधा बोतल से पानी पीने लगी, लेकिन जैसे ही उसने बोतल को ऊपर की तरफ उठाया पीछे से अथर्व ने उसके पेट पर अपना हाथ रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया तो वो पानी उसके सीने पर गिरा!

बुलबुल जोरों से चिल्लाई, लेकिन उसका चिल्लाना किसी और को सुनाई देता उसे पहले ही अथर्व ने उसे अपनी तरफ घूमा कर उसके होठों पर अपना हाथ रख दिया था!

बुलबुल अपनी गहरी निगाहों से उसकी तरफ देख रही थी!

अथर्व भी उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोला "क्या हुआ अब तुम्हारी सेल्फ रिस्पेक्ट को? डाइनिंग टेबल पर तो बड़े एटीट्यूड से सुना कर गई थी कि जिल्लत की रोटी से बेहतर है तुम खाना खाओ ही ना! अब कैसे खाना खा लिया तुमने?”

बुलबुल ने उसे ज़ोर से धक्का दिया और गुस्से से मुंह बनाते हुए बोली "मैंने खुद से नहीं खाया है, तुम्हारी दादी मां ने मेरे लिए मेरे रूम में भेजा था तब जाकर खाया है! पर तुम्हें इतनी क्यों प्रॉब्लम हो रही है? जब मैं तुम्हारी शादी उस चुड़ैल से करवाने के बाद यहां से बाहर जाऊंगी और जाकर काम करूंगी तो तुम्हारे सारे पैसे चुका दूंगी!”

अथर्व ने व्यंग्य से पूछा “क्या बात है? अभी तुम्हारे पास ऐसा कुछ नहीं है क्या जिससे तुम मेरे ये खाने के पैसे चुका सको?”

बुलबुल गुस्से से मुंह बनाते हुए बोली "पैसों के नाम पर मेरे पास एक चवन्नी नहीं है!”

अगले ही पल अथर्व ने उसकी कमर पर अपना हाथ रखकर उसे पीछे फ्रिज से लगाया और उसके ऊपर झुकते हुए बोला "जरूरी तो नहीं हर हिसाब पैसों से ही होता हो!” ये बोलते हुए अब वो उसके सीने की तरफ देखने लगा था!

पहले तो बुलबुल को अथर्व की बातों का मतलब समझ नहीं आया लेकिन अब उसे अपने सीने की तरफ देखते हुए देख वो उसकी बातों का मतलब बहुत अच्छी तरह से समझ गई थी!

अब उसने उसे दोबारा जोर से धक्का दिया और बोली "कितनी वाहियात सोच है तुम्हारी, पर तुम जैसे आदमी की सोच अच्छी हो भी कैसे सकती है? लेकिन बुलबुल उन लड़कियों में से नहीं जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने जिस्म को दांव पर लगाए! तुम्हारी वो चुड़ैल जिससे तुम शादी कर रहे हो वो इस तरह की हरकतें करती होगी, तुमसे दो ड्रेसेस के बदले अपनी बॉडी को तुम्हें सौंप देती होगी लेकिन मैं उसकी तरह बिल्कुल नहीं हूं और मुझे उसकी तरह समझना भी मत वरना मुंह तोड़ दूंगी मैं तुम्हारा!” ये बोलकर वो तुरंत वहां से चली गई और अगले ही पल अथर्व के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट थी….

वो बेहद गहरी आवाज में बोला "ये तो मैं भी जानता हूं तुम्हारे लिए पैसे इंपॉर्टेंट नहीं है, अगर पैसे इंपॉर्टेंट होते तो तुम मुझे धोखा देकर मेरी प्रॉपर्टी लेकर भागती या फिर सामने से मुझे चैलेंज करती! लेकिन तुमने मुझसे पैसे तो लिए ही नहीं तुमने तो मुझसे मेरा दिल लिया था और मेरा दिल मेरे लिए सबसे ज्यादा कीमती है जिसे तुमने तोड़ा… उसकी कीमत तो तुम्हारी ये इज्जत भी नहीं भर सकती!”

दूसरी तरफ

बुलबुल अपने रूम में आई, इस वक्त वो गुस्से से कांप रही थी! उसका मन तो कर रहा था कि वो अथर्व का सिर फोड़ दे…

वो सीधा बालकनी की तरफ आई और कुछ पल यूं ही बालकनी में खड़ी रही, अब उसे थोड़ी बहुत नींद आने लगी थी तो लगभग से 15-20 मिनट बाद वो आकर बिस्तर पर लेट गई!

फाइनली उसे नींद भी आ गई लेकिन अथर्व? उसकी आंखों से नींद कोसों दूर थी! वो अपने रूम में था और सोफे पर आराम से बैठे हुए ड्रिंक कर रहा था! उसकी आंखों के सामने सिर्फ एक चेहरा घूम रहा था और वो किसी और का नहीं बुलबुल का ही था और साथ ही साथ बुलबुल की कही बातें भी उसके कानों में गूंज रही थी लेकिन फिर अचानक ही उसने खुद से सवाल किया “अगर तुम्हें पैसे नहीं चाहिए थे, तुमने मुझे धोखा दिया ही क्यों? आखिर चाहिए क्या था तुम्हें? तुमने मुझे धोखा दिया तो मेरा सुकून मुझसे छीन गया लेकिन मेरा सुकू

न मुझसे छीन कर तुम्हें क्या मिला?”

ये सवाल उसके जहन में घूम रहा था!

सुबह का वक्त

जिंदल मेंशन

बुलबुल आराम से बिस्तर पर सोई हुई थी, लेकिन फिर अचानक ही किसी ने उसे अपनी गोद में उठाया! बुलबुल की नींद हल्की सी टूट गई थी लेकिन उसने अपनी आंखों को नहीं खोला था! वो अभी भी कच्ची नींद में थी, रात को इतनी देर से तो वो सोई थी इसलिए अब इतनी आसानी से उसकी नींद पूरी तरह से खुलने नहीं वाली थी लेकिन फिर अचानक ही जिस शख्स ने उसे अपनी गोद में उठाया हुआ था उसने उसे एक झटके के साथ स्विमिंग पूल में फेक दिया तो बुलबुल जोरों से चिल्लाई और छपाक की आवाज के साथ स्विमिंग पूल में डूब गई!

उसकी आंखें अब पूरी तरह से खुल चुकी थी और वो पानी में स्ट्रगल करने लगी थी, उसे तैरना नहीं आता था! उसे पानी से इतना ज्यादा डर लगता था कि कभी-कभी तो वो नहाना भी स्किप कर देती थी और अपने ऊपर ढेर सारा परफ्यूम लगा लेती थी ताकि किसी को पता चले ही ना कि वो नहाई है या नहीं और यहां तो अथर्व ने सीधा उसे स्विमिंग पूल में धक्का दे दिया था!

वो अथर्व की तरफ देखते हुए बोली "ये क्या बदतमीजी है? आपकी हिम्मत भी कैसे हुई मुझे यहां पर फेंकने की?” ये बोलते हुए वो पानी में ऊपर आने की कोशिश कर रही थी लेकिन लगातार उसके पैर नीचे की तरफ जा रहे थे!

अथर्व गहरी मुस्कुराहट के साथ बोला "मैंने तुम्हें उठाने के लिए सर्वेंट को तुम्हारे रूम में भेजा था, लेकिन तुम उठी नहीं तो मैंने सोचा क्यों ना मैं खुद ही तुम्हें उठा दूं? क्यों मेरा तरीका तुम्हें पसंद नहीं आया क्या?” ये बोलते हुए उसकी नज़रें बुलबुल पर ही थी जो पानी में डूबती हुई नजर आ रही थी।

बुलबुल का चेहरा भी अब बार-बार पानी के अंदर जा रहा था लेकिन फिर लगातार वो अपना पूरा जोर लगाते हुए खुद को ऊपर उठने की कोशिश भी कर रही थी! वो बड़ी मुश्किल से बोली "पहले मुझे यहां से बाहर…. बाहर निकालो, तभी… तभी तो मैं तुम्हें…. तुम्हें बता… बता पाऊंगी कि मुझे… मुझे तुम्हारा तरीका… ये बोलते बोलते वो चुप हो गई थी और अब पानी में गुड़गुड़ की आवाज आने लगी थी!

अथर्व के चेहरे पर व्यंग भरी मुस्कराहट थी! वो अपनी पॉकेट में हाथ डाले बड़ी ही अदा से बोला “कुछ लोगों के खून में ड्रामेबाजी किस हद तक बसी होती है ना कि अपने ड्रामा के चलते वो अपनी जान की फिक्र भी नहीं करते! ऐसा नहीं कि चुपचाप स्विमिंग पूल से बाहर आ जाओ लेकिन नहीं पहले तो मैडम को ड्रामा करना है!”

वहीं दूसरी तरफ

बुलबुल ने अपना चेहरा वापस पानी से बाहर निकाला और लगभग से गिड़गिड़ाते हुए बोली "प्लीज मुझे बचाओ! मुझे… मुझे तैरना नहीं आता, प्लीज आई रिक्वेस्ट यू!” ये बोलकर अब वो दोबारा पानी के अंदर चली गई थी और एक बार फिर से गुड़ गुड़ की आवाज सुनाई देने लगी थी!

तभी अचानक से एक शख्स पानी के अंदर कूदा और उसने तुरंत बुलबुल को अपनी बाहों में भर लिया, अथर्व जो सामने ही खड़ा था उसके चेहरे पर गुस्सा झलकने लगा! वो खुद पानी में नहीं कूदा था बल्कि पानी में कूदने वाला इंसान शौर्य था जो अथर्व का सौतेला भाई था लेकिन अथर्व उससे काफी प्यार करता था और अब शौर्य ने बुलबुल को संभालते हुए उससे पूछा “तुम… तुम ठीक तो हो ना? क्या तुम्हें सच में तैरना नहीं आता? लेकिन तुम्हें तो पहले तैरना आता था, आई मीन मैंने खुद तुम्हें स्विमिंग…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही बुलबुल गहरी सांस लेते हुए बोली "अगर मुझे तैरना आता तो मैं पागल हूं क्या जो मैं पानी में डूबती?” ये बोलते हुए उसे ऐसा लग रहा था जैसे अभी भी उसकी सांसे चौक हो रही है!

अथर्व की नजरे उस पर और ज्यादा गहरी हो गई थी! शौर्य उसे संभाल कर बाहर की तरफ लेकर आया और फिर उसे किनारे पर लेटाया!

अथर्व बिल्कुल उनके पास ही खड़ा था, लगभग से उसके पैरों के पास ही तो बुलबुल जमीन पर लेटी हुई थी और अब शौर्य अथर्व की तरफ देखते हुए बोला "मुझे लगता है रोशनी भाभी… ये बोलते बोलते वो चुप हो गया था क्योंकि अथर्व की गहरी निगाहें उस पर आ गई थी!

वो जल्दी से अपनी बात संभालते हुए बोला "आई मीन बुलबुल को सच में तैरना नहीं आता, आई नो ये पॉसिबल नहीं हो सकता क्योंकि हमने खुद उनकी स्विमिंग देखी है! लेकिन हो सकता है ना भाई सच में कोई मिस अंडरस्टैंडिंग हो? आप बुलबुल की हालत देखिए वो कैसे बुरी तरह से हांफ रही है! अगर उसे सच में तैरना आता तो वो खुद को ऐसी सिचुएशन में कैसे आने देती?”

अथर्व गुस्से से बोला “अंदर जाओ तुम!”

शौर्य ने कुछ कहने की कोशिश की लेकिन अथर्व ने अब उसे बेहद गुस्से से देखा तो वो तुरंत अंदर की तरफ चला गया!

वहीं अथर्व अब पंजों के बल नीचे बैठा और बुलबुल की तरफ देखते हुए बोला "इन फ्यूचर अगर मेरा कभी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री ज्वाइन करने का मन किया तो मैं डायरेक्टर बनूंगा, क्या तुम मेरी मूवी में काम करना चाहोगी? आई मीन इतनी बेस्ट एक्ट्रेस को मैं कैसे ही अपने हाथों से जाने दे सकता हूं जो अपनी एक्टिंग के चलते अपनी जान को ही दाव पर लगा दे?”

बुलबुल पूरी तरह पानी से भीगी हुई थी और हल्का-हल्का कांप भी रही थी, सुबह की ठंड की वजह से पानी बहुत ज्यादा ठंडा था! अब तक उसके चेहरे पर डर झलक रहा था, एक पल के लिए तो उसे ऐसा ही लगा जैसे आज उसका आखिरी दिन है लेकिन अब वो बेहद गुस्से से बोली "किसी को इतना भी परेशान नहीं करना चाहिए कि सामने वाला तुमसे नफरत करने लगे! मुझे नहीं पता मिस्टर जिंदल कि आप कौन सी रोशनी को मेरे अंदर देख रहे हैं? लेकिन अगर आपकी वजह से आज मेरी जिंदगी में अंधेरा आ जाता ना तो आई प्रॉमिस मैं चुड़ैल बनकर आपकी #### मार लेती!”

अथर्व की नज़रे उस पर और भी ज्यादा गहरी हो गई!

बुलबुल ने अब एक गहरी सांस ली और अपनी जगह पर उठ कर बैठने की कोशिश की लेकिन फिलहाल उसमें इतनी भी हिम्मत नहीं हो रही थी!

अथर्व कुछ पल उसे यूं ही स्ट्रगल करते हुए देखता रहा और फिर उसने बुलबुल को अपनी गोद में उठाया और उसे लेकर अंदर की तरफ आ गया!

बुलबुल उसकी गोद में सिमटी हुई थी, वो गुस्से से बोली "अब मुझे कहां पर फेंकने जा रहे हैं आप?”

अथर्व तिरछा मुस्कुराया और बोला "मतलब तुम ये तो एक्सेप्ट करती हो कि तुम हो तो फेकने के लायक?”

बुलबुल गुस्से से बोली "नहीं मैं ये कभी एक्सेप्ट नहीं कर सकती, लेकिन आपके बारे में इस बात पर यकीन है मुझे कि आप कभी किसी का अच्छा तो कर ही नहीं सकते! सिर्फ दूसरों को तकलीफ दे सकते हैं तो बताइए अब क्या करने जा रहे हैं आप मेरे साथ?”

अभी वो ये बोल ही रही थी कि अथर्व उसे लेकर उसके रूम यानी सर्वेंट रूम में पहुंचा और फिर उसे सीधा वॉशरूम में ले गया!

बुलबुल गुस्से से बोली "मेरे साथ वॉशरूम में अंदर आने की हिम्मत कैसे हुई आपकी? छोड़िए मुझे और निकलिए यहां से!” ये बोलते हुए वो अथर्व के कंधों पर दबाव बनाते हुए खुद को उसकी पकड़ से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन अब अथर्व ने उसे नीचे जमीन पर उतारा और फिर अगले ही पल उसकी नाजुक सी कलाइयों को अपने हाथ में कसकर पकड़ते हुए उसने उसे पीछे दीवार से लगाया और फिर पूरी तरह से उसके चेहरे पर झुक गया!

बुलबुल की हार्टबीट एक पल के लिए स्किप हो गई, उन दोनों के चेहरे इस वक्त बेहद करीब थे! बुलबुल के तो होठ हल्के हल्के फड़फड़ा रहे थे, उसे अभी तक ठंड लग रही थी और अथर्व अब बेहद इंटेंस वॉइस में बोला "जब तुम्हें स्विमिंग आती है तो तुम डूबने का नाटक क्यों कर रही थी? क्यों तुम खुद स्विमिंग पूल से बाहर नहीं आई?”

बुलबुल ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया! अथर्व ने उसकी कलाइयों पर दबाव बनाया और बोला "मुझे जवाब दो!”

बुलबुल बेहद तकलीफ भरी आवाज में बोली "क्या जवाब दूं मैं आपको? अगर मैं आपको कुछ भी कहूंगी तो आपको झूठ ही लगेगा तो मेरे बोलने का कोई मतलब ही नहीं बनता, लेकिन सच यही है मिस्टर अथर्व जिंदल कि मुझे स्विमिंग नहीं आती! अगर मुझे सच में स्विमिंग आती तो आप जैसे इंसान के सामने मैं अपनी जिंदगी के लिए कभी नहीं गिड़गिड़ाती!”

उसकी इस बात पर अथर्व का हाथ उसकी कलाइयों पर से ढीला हो गया था, लेकिन वो अभी भी उसे बेहद गहरी निगाहों से देख रहा था।

अब वो वहां से जाने लगा लेकिन अचानक ही बुलबुल ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया, उसने पलट कर बुलबुल की तरफ देखा!

बुलबुल भी उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोली "आपने तो मुझसे जितने सवाल करने थे कर लिए, लेकिन क्या अब आप मुझे मेरे एक सवाल का जवाब देंगे?”

अथर्व थोड़े एटीट्यूड से बोला "तुम्हारे सवालों का जवाब देने के लिए नहीं बैठा मैं यहां पर!” ये बोलकर वो दोबारा वहां से जाने लगा!

बुलबुल तुरंत बोली "तो सीधा-सीधा कहिए ना कि आपके अंदर मुझे जवाब देने की हिम्मत नहीं है!”

अथर्व जो वहां से जा रहा था अब उसके कदम रुक गए और उसने वापस पलट कर बुलबुल की तरफ देखा और फिर दूसरे ही पल वो उसके ऊपर झुक भी चुका था!

बुलबुल ने अब एक बार फिर से उसकी आंखों में आंखें डालते हुए पूछा “अगर शौर्य मुझे बचाने के लिए वहां पर नहीं आता तो क्या आप भी मुझे नहीं बचाते? क्या आप सच में मुझे डूब कर म

र जाने देते?”

उसके सवाल पर अथर्व की धड़कने एक पल के लिए तेज हो गई थी।

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