21

Chapter 26 to 30

बुलबुल के सवाल पर अथर्व की हार्टबीट एक पल के लिए स्किप हो गई थी! अब वो भी सोच रहा था कि क्या अगर शौर्य बुलबुल को नहीं बचाता तो वो बुलबुल को मरने देता? और वो सब सोचते हुए वो उस पल को याद करने लगा था जब शौर्य बुलबुल को बचाने के लिए स्विमिंग पूल में कूदा लेकिन उस वक्त अथर्व के पैर भी स्विमिंग पूल की तरफ बढ़ गए थे! अगर दो-तीन सेकंड शौर्य पानी के अंदर नहीं जाता तो शायद अथर्व भी खुद को कंट्रोल नहीं रख पाता और बुलबुल को बचाने के लिए स्विमिंग पूल में कूद जाता, लेकिन ऐसा हुआ तो हुआ क्यों? वो तो खुद बुलबुल की जान लेना चाहता था तो वो भला बुलबुल को कैसे ही बचा सकता है? उसके चेहरे के रंग अब उड़े हुए थे!

बुलबुल ने एक बार फिर से पूछा “मुझे जवाब दीजिए ना मिस्टर अथर्व जिंदल कि क्या अगर आपका सौतेला भाई मुझे बचाने के लिए पानी में नहीं आता तो आप मुझे डूब जाने देते?”

उसके सवाल पर अब अथर्व ने उससे अपना हाथ छुड़ाया और गहरी निगाहों से उसे देखते हुए बोला "तुम्हारे इन सवालों का जवाब देने में मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है, अपने सवाल जवाब अपने पास रखो! अगर तुम जिंदा हो तो मुझे तुम्हें मारने की इतनी जल्दी भी नहीं है… लेकिन अगर तुम मर भी जाती तो भी मुझे फर्क नहीं पड़ता!” ये बोलकर वो अब तुरंत वहां से चला गया और बुलबुल अपनी जगह पर खड़ी रह गई!

उसकी आंखों में नमी तैर रही थी, पता नहीं क्यों लेकिन अथर्व की ये सारी बातें उसे हर्ट कर रही थी पर अगले ही पल उसने अपने आंसुओं को साफ किया और बोली "एक तो साला मुझे ये समझ में नहीं आता कि ये इंसान मुझे इतना इफेक्ट क्यों करता है? ये इतनी नफरत करता है मुझसे कि ये मुझे अपनी आंखों के सामने मरने देता और मैं इस बात पर रो रही हूं? ओह गॉड मैं ऐसा कैसे कर सकती हूं? मैं कैसे इन सब बातों पर इमोशनल फील कर सकती हूं? जबकि मुझे तो घंटा इमोशन फील नहीं होते थे पर अब बस बहुत हुआ, अब मुझे इन सब बातों के बारे में नहीं सोचना! इसकी उस कुति#या से शादी करवा दूं उसके बाद मैं तुरंत यहां से चली जाऊंगी और पूरी जिंदगी इस कड़वे की शक्ल नहीं देखूंगी, कभी ये कड़वा मेरे सामने आया और मर रहा होगा ना तो भी मैं इसे नहीं बचाऊंगी!”

ये बोलते हुए अब उसके चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशंस आ गए जो साफ बता रहे थे कि वो बोल तो कुछ भी रही है लेकिन उसका दिल और दिमाग इस वक्त उसके कंट्रोल में है नहीं, वो बस यूं ही बोले जा रही है!

वहीं दूसरी तरफ

अथर्व अब सीधा अपने रूम में आया! अभी वो अपने रूम में पहुंचा ही था कि पीछे से दरवाजा बंद होने की आवाज आई!

वो तुरंत बोला "तुम्हारे सवालों के सारे जवाब मैंने दे दिए हैं, अब यहां पर कौन सा जवाब…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही उसकी नजर दरवाजे पर खड़ी मिहिका पर जा चुकी थी, वो अब अजीब सा फील करने लगा! वो जानता था कि मिहिका उसे इस बात पर सुनाएगी… हां वो हर वक्त अब बुलबुल के बारे में ही सोचता रहता है!

वही मिहिका व्यंग्य से मुस्कुराते हुए उसके पास आई और बोली "क्या हो गया है तुम्हें अधर्व? मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक लड़की जिससे तुम इतनी ज्यादा नफरत करते हो, वही तुम्हें इतनी ज्यादा इफेक्ट भी करेगी! मैंने देखा अभी बाहर स्विमिंग पूल एरिया में क्या ही हुआ? अगर वो लड़की मर रही थी तो मर जाने देते, तुमने शौर्य को भी उसे क्यों बचाने दिया? तुम चाहते तो तुम शौर्य को भी रोक सकते थे और फिर उसके बाद तुमने उसे गोद में उठाया, सीरियसली तुम्हें ये सब करने की क्या ही जरूरत थी?”

अथर्व गुस्से से बोला "पहली बात तो तुम्हें मेरे मामलों में इंटरफेयर करने की जरूरत नहीं है और दूसरी बात तुम्हें जो करना है तुम बेशक से करो, मैं तुम्हें रोक नहीं रहा लेकिन तुम मुझे ये नहीं बता सकती कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं?” ये बोलते हुए उसके चेहरे पर हद दर्जे की फ्रस्ट्रेशन नजर आ रही थी!

अब मिहिका उसके बिल्कुल करीब आई और उसके चेहरे पर अपनी उंगली रखकर गोल-गोल घूमाते हुए बोली "मुझे ऐसा क्यों लग रहा है जैसे तुम अपने कंट्रोल में नहीं हो अथर्व? वो लड़की तुम्हें बहुत ज्यादा इफेक्ट कर रही है, तुम्हारा मूड अब उस लड़की के कंट्रोल में रहने लगा है! वरना आज से पहले इतने चिड़चिड़े…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही अथर्व ने उसकी कलाई को कसकर पकड़ लिया और बोला "अभी फिलहाल मेरा तुम्हारे इन फालतू सवालों का जवाब देने का कोई मूड नहीं है इसलिए दफा हो जाओ यहां से, मैं तुम्हें कुछ कहता नहीं हूं बिकॉज़ हमारी शादी होने वाली है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मैं तुम्हारी बकवास बर्दाश्त करूंगा!”

मिहिका गहरी निगाहों से उसे देखते हुए बोली "तुम अपना गुस्सा उस पर तो उतार नहीं पाए इसलिए मुझ पर…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही अथर्व चिल्ला कर बोला "तुम यहां से जा रही हो या मैं धक्के मार कर बाहर निकालू?”

मिहिका उसका वो चिल्लाना सुनकर एकदम से कांप उठी और तुरंत वहां से बाहर चली गई, अथर्व की आंखें गुस्से से लाल हो गई थी! उसे सच में मिहिका से ज्यादा गुस्सा बुलबुल पर आ रहा था और ये गुस्सा इसलिए नहीं था क्योंकि बुलबुल उसके सामने कुछ बोलती थी या फिर उसे जवाब देती थी या फिर उससे ऐसे वैसे सवाल करती थी बल्कि वो बस यही सोच रहा था कि उसने अपने पैर स्विमिंग पूल की तरफ क्यों बढ़ाए? वो उसे बचाने के लिए क्यों जा रहा था? उसने शौर्य को बुलबुल को बचाने से क्यों नहीं रोका?

अब उसने जोर से अपना हाथ क्लोजेट पर मारा!

वहीं दूसरी तरफ

मिहिका गुस्से से कांपते हुए बुलबुल के रूम में आई, अथर्व पर तो उसका जोर चला नहीं था इसलिए वो बुलबुल को सुनाने के लिए उसके रूम में पहुंच गई थी!

बुलबुल जो अभी-अभी वॉशरूम से बाहर निकली थी और उसने अपने बदन पर टॉवल लपेटा हुआ था, जैसे ही उसकी नजर मिहिका पर गई उसने अजीब सा मुंह बनाया!

वही मिहिका उसके सामने आकर खड़ी हुई और बोली "वैसे अपने इरादों में कामयाब तो हो रही हो तुम, पहले तो तुम्हारी बातों का अथर्व पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ता था लेकिन अब तो ऐसा लगता है जैसे तुम अथर्व का पागलपन बन गई हो और तुम्हारा गुस्सा वो मुझ पर उतार रहा था! देखो मेरी बात कान खोल कर सुनो…

इसके आगे वो कुछ कहती उससे पहले ही बुलबुल ने उसकी कलाई को कसकर पकड़ लिया!

मिहिका ने हैरानी से उसकी तरफ देखा! बुलबुल उसे देखते हुए बोली "तुम्हें पता है इस वक्त मेरा दिमाग घुमा हुआ है!”

मिहिका गुस्से से दांत पीसते हुए बोली "मेरा हाथ छोड़ो!”

बुलबुल तुरंत बोली "और अब मेरा दिल थोड़ा तुम्हें घुमाने का कर रहा है!” ये बोलकर वो उसे लेकर यूं ही बाहर की तरफ बढ़ गई!

वो सिर्फ टॉवल में थी और मिहिका भी इस बात पर हैरान थी कि ऐसे कैसे बुलबुल टॉवल में बाहर जा सकती हैं? लेकिन बुलबुल का दिमाग सच में इस वक्त पूरी तरह से घुमा हुआ था, उसे अथर्व से ज्यादा तो खुद पर गुस्सा आ रहा था कि अथर्व की बातों पर वो क्यों इमोशनल सा फील कर रही है? और अब वो मिहिका को लगभग से किसी सामान की तरह खींचते हुए बाहर की तरफ लेकर आई!

गायत्री जी और यशोदा जी वही हॉल में खड़े थे और उनके साथ ही सिया भी, उन तीनों की नजरे मिहिका और बुलबुल पर थी और वो तीनों ही अब तेज कदमों से बाहर की तरफ आई जहां बुलबुल अब मिहिका को लेकर स्विमिंग पूल के पास पहुंच गई थी!

मिहिका गुस्से से चिल्ला कर बोली “ये क्या हरकत है? तुम्हें तो जरा सी भी शर्म लिहाज नहीं है लेकिन मुझे है! जाओ और जाकर अपने कपड़े…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही बुलबुल ने उसे ज़ोर से धक्का दिया और मिहिका छप्प की आवाज के साथ सीधा स्विमिंग पूल में गिरी!

सब लोगों की आंखें हैरत में फटी की फटी रह गई!

वही बुलबुल गुस्से से मुंह बनाते हुए मिहिका की तरफ देखकर बोली "कड़वी कहीं की!” ये बोलकर अब वो तुरंत अंदर की तरफ बढ़ गई!

अगले ही पल उसकी नजर गायत्री जी और यशोदा जी पर गई जो अपनी आंखें फाड़े उसकी तरफ देख रही थी! बुलबुल मुंह बनाते हुए बोली "अब अगर किसी ने मुझे फालतू का भाषण देने की कोशिश की ना तो कसम से, सबको इसी पुल में पटकूंगी! सुन लेती हूं इसका मतलब ये नहीं कि कोई भी मुझे सुना कर चला जाएगा… मंदिर का घंटा नहीं हूं मैं जो यूं ही कोई बजा कर चला जाएगा, आए बड़े मुझे भाषण देने वाले!”

ये बोलकर वो तुरंत अंदर की तरफ चली गई और सब लोग बस उसे जाते देखते रह गए!

वही मिहिका पानी में स्ट्रगल कर रही थी, उसे भी स्विमिंग बहुत कम आती थी और अब उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वो भी इंतजार कर रही है कि कोई उसे बचाने के लिए आए!

अपने रूम की बालकनी में खड़ा

अथर्व ये सब कुछ देख रहा था और उसके होंठों पर गहरी मुस्कुराहट थी।

जिंदल मेंशन,

स्विमिंग पूल के सामने खड़ी गायत्री जी सिया और यशोदा जी के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था! सबकी नज़रें मिहिका पर थी जो पानी में डूब रही थी, अब शौर्य जो वहीं से गुजर रहा था उसकी नजर मिहिका पर गई तो वो हैरान रह गया!

पहले उसने बुलबुल को बचाया और अब वो उस स्विमिंग पूल में मिहिका को बचाने के लिए कूद चुका था!

मिहिका उसकी बाहों में थी और शौर्य अब उसे लेकर बाहर की तरफ आया, अथर्व जो अपने रूम की बालकनी में खड़ा था वो ये सब देख रहा था और अब उसके चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट थी।

वो अब अपने रूम में अंदर की तरफ जाने लगा लेकिन फिर अचानक ही उसके कदम रुक गए, एक बार फिर से उसे कुछ वक्त पहले की बातें याद आने लगी! जब बुलबुल पानी में डूब रही थी तो उसके पैर खुद-ब-खुद स्विमिंग पूल की तरफ बढ़ गए थे लेकिन अब जब मिहिका पानी में डूब रही थी तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था!

उसने अगर उसे बचाने के बारे में कुछ भी सोचा होता तो अब तक तो वो नीचे चला गया होता लेकिन नहीं वो तो अपनी बालकनी में खड़ा था, वो भी बेहद आराम से!

अगले ही पल उसने अपना सर झटकाया और खुद से ही बोला "मुझे लगता है वो लड़की मेरे सिर पर कुछ ज्यादा ही असर कर रही है और उसके असर को अपने सर से उतारने के लिए मुझे बहुत अच्छी तरह से पता है मुझे क्या ही करना है?” ये बोलते हुए उसके चेहरे के एक्सप्रेशंस अब थोड़े डार्क हो गए थे।

अगले ही पल वो अपने रूम में आया और ऑफिस के लिए तैयार होने लगा!

तकरीबन आधे घंटे बाद वो रेडी होकर सीढ़ियां उतरते हुए नीचे आया जहां पर सब लोग अब डाइनिंग टेबल पर इकट्ठा हो रहे थे!

मिहिका जो पूरी तरह पानी से भीग गई थी वो भी अपने रूम में वापस चली गई थी और अब रेडी होकर बाहर आ गई थी, उसे बुरा तो लग रहा था लेकिन वो अपने रूम में चुप होकर नहीं बैठ सकती थी! अगर वो अपने रूम में बैठी रहती तो बुलबुल तो पक्का अथर्व को अपने साथ उड़ा ले जाती, फिलहाल उसके दिमाग में यही सब चल रहा था!

जैसे ही उसने अथर्व को देखा वो तुरंत अपनी जगह से उठकर अथर्व के पास आई और उसका हाथ पकड़ते हुए बोली "बहुत हैंडसम लग रहे हो तुम!”

अथर्व गहरी मुस्कुराहट के साथ बोला "ये बात मैं पहले ही बहुत अच्छी तरह से जानता हूं, तुम्हें बताने की जरूरत नहीं है!”

तभी बुलबुल अपने कमरे से बाहर निकली! अथर्व का जवाब सुनकर मिहिका का मुंह तो बन चुका था लेकिन अब वो एक बार फिर से बोली "मैं जानती हूं तुम्हारा मूड क्यों ऑफ है? लेकिन प्लीज ऐसे अपसेट मत रहो, मैं तुम्हें ऐसे खराब मूड में नहीं देख सकती! लोगों का तो काम है तुम्हारा मूड खराब करना… ये बोलते हुए वो बुलबुल की तरफ देख रही थी!

बुलबुल सीधा डाइनिंग टेबल पर आई और एक सर्वेंट की तरफ देखते हुए बोली "यहां पर लोग खाना भी खाते हैं या फिर बातों से ही सबका पेट भर जाता है? और बातें भी बेकार जिनका ना सिर होता है ना पैर होते है!”

अथर्व अब तक मिहिका से ढंग से बात तक नहीं कर रहा था लेकिन अब अचानक ही उसने मिहिका की कमर पर अपना हाथ रखा और बोला "तुमने बिलकुल सही कहा! लोगों का तो काम होता है दूसरों का मूड खराब करना लेकिन मुझे अपना मूड अपसेट बिल्कुल भी नहीं करना, जानती हो क्यों?”

मिहिका ने सवालिया नजरों से उसे देखते हुए पूछा “क्यों?”

अथर्व गहरी मुस्कुराहट के साथ बोला "क्योंकि एक हफ्ते बाद हमारी शादी है और शादी मैं अपसेट मुड़ के साथ तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहता, मैं चाहता हूं कि हमारी शादी मुंबई का सबसे बड़ा इवेंट हो इसीलिए शादी की तैयारी आज से ही शुरू हो जाएगी! आज हम शॉपिंग पर चलेंगे…

जैसे ही उसने कहा मिहिका को तो ऐसा लगा जैसे उसने कुछ ऐसा सुन लिया जो उसने कभी एक्सपेक्ट भी ना किया हो!

वो एक्साइड होते हुए बोली "सीरियसली?”

उसकी बात पर अथर्व ने अपना चेहरा हां में हिलाया! बुलबुल जो डाइनिंग टेबल पर बैठी थी इस वक्त तरह-तरह के मुंह बना रही थी!

सर्वेंट अथर्व की तरफ देखते हुए बोली "सर प्लीज आप डाइनिंग टेबल पर आ जाइए ताकि मैं आपका खाना लगा दूं!” ये बोलते हुए उसके चेहरे पर अथर्व से ज्यादा बुलबुल के लिए डर झलक रहा था!

वो बस ये चाहती थी कि जल्दी से जल्दी अथर्व आकर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाए ताकि वो खाना सर्व कर सके, उसे बुलबुल का गुस्सा ना झेलना पड़े!

अथर्व डाइनिंग टेबल पर बैठते हुए बोला "वैसे मिहिका डार्लिंग शॉपिंग पर जाने का प्लान तो हमने बना लिया, लेकिन तुमने तुम्हारी वेडिंग प्लानर से तो पूछा ही नहीं! आई मीन उसे भी तो हमारे साथ शॉपिंग में चलना ही होगा…

बुलबुल गुस्से से मुंह बनाते हुए बोली "क्यों? मुझे वहां पर जाकर तुम्हारे ब्लाउज सिलने हैं? मैं यहां पर वेडिंग प्लान करने आई हूं, तुम दोनों के साथ बाजार में घूमने नहीं! अपनी शॉपिंग अपने आप कर लेना वरना ऐसी शॉपिंग करुंगी कि दोनों जिंदगी भर याद रखोगे!”

सब लोग हैरानी से बुलबुल और अथर्व की तरफ देख रहे थे! सभी सर्वेंट फिलहाल वहां पर ऐसे खड़े थे जैसे उनको सांप सूंघ गया हो… आज तक किसी की भी हिम्मत नहीं होती थी अथर्व के सामने जुबान खोलने की भी लेकिन बुलबुल की जुबान तो एकदम कैंची की तरह चलती थी!

अथर्व गहरी मुस्कुराहट के साथ बोला "तुम हमारी वेडिंग प्लानर हो इसीलिए तो तुम्हारा हमारे साथ चलना जरूरी है क्योंकि आउटफिट भी थीम से मैच करना चाहिए, अगर थीम के साथ हमारे आउटफिट मैच नहीं करेंगे तो क्या ही मजा आएगा? इसलिए तुम्हें हमारे साथ तो चलना ही पड़ेगा या फिर तुम्हें जलन हो रही है? आई मीन मिहिका खूबसूरत है, अगर वो नए-नए कपड़े लेगी और उन कपड़ों को ट्राई करेगी तो और भी ज्यादा खूबसूरत लगेगी! कहीं तुम्हें इसी बात से तो जलन नहीं हो रही? और ऊपर से वो मेरी दुल्हन बनने वाली है, अथर्व जिंदल की जिसके लिए दुनिया की ना जाने कितनी ही लड़कियां पागल है!”

बुलबुल हंसते हुए बोली "वो पागल है इसलिए तो तुम्हारे लिए पागल है, वरना कोई समझदार लड़की जैसे कि मैं तुम्हारे लिए पागल छोड़ो! अगर तुम्हें रास्ते में देख भी ले तो तुम्हें पागल खाने छोड़ आए…

उसकी बात पर अब अथर्व के चेहरे पर भी गुस्सा झलकने लगा था और अचानक ही यशोदा जी की हंसी छूट गई, उन्हें हंसते हुए देख अथर्व का गुस्सा अब और भी ज्यादा बढ़ गया!

वहीं यशोदा जी ने तुरंत अपनी हंसी को कंट्रोल किया और गौर से बुलबुल को देखने लगी! वो खुद से ही बोली "रोशनी ऐसी तो नहीं थी, वो तो कभी इस तरह के जवाब नहीं देती थी!” ये बोलते हुए उनके चेहरे पर कन्फ्यूजन भरे एक्सप्रेशन थे।

मिहिका अथर्व के पास खड़ी होकर बोली "अगर बुलबुल हमारे साथ नहीं भी जाना चाहती तो भी क्या ही प्रॉब्लम है? हम उसके बिना भी तो शॉपिंग कर सकते हैं अथर्व!”

अथर्व उसकी तरफ देखते हुए बोला "तुम शॉपिंग पर जाना चाहती भी हो या नहीं?”

मिहिका का मुंह एकदम से बंद हो गया! अथर्व ने अब वापस बुलबुल की तरफ देखा और बोला "एग्जैक्ट 12 बजे एक गाड़ी तुम्हें और मिहिका को पिक करने आएगी, चुपचाप उस गाड़ी में बैठना और मिहिका के साथ डिजाइनर हाउस पहुंच जाना! वरना ऐसा ना हो मुझे तुम्हें खुद लेने आना पड़े और फिर तुम भी जानती हो अगर मुझे आना पड़ा तो और भी बहुत कुछ हो सकता है! अगर तुम्हारी जुबान बिना सोचे समझे चलती है तो मेरा दिमाग बिना सोचे समझे चलता है, बाकी तो तुम खुद समझदार हो… आई मीन उन पागल लड़कियों से तो कुछ ज्यादा ही समझदार हो!” ये बोलकर अब वो अपनी जगह से उठा और अगले ही पल बाहर की तरफ निकल गया!

सब लोग उसे जाते देखते रह गए! मिहिका बुलबुल की तरफ देखते हुए बोली "अगर तुम्हारी वजह से मेरा शॉपिंग प्लान बर्बाद हुआ तो मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं!”

बुलबुल ने एक गहरी सांस ली, सब लोग बुलबुल के जवाब का इंतजार कर रहे थे!

मिहिका एक बार फिर से बोली "तुम मेरी बात सुन रही हो ना? अगर तुम्हारी वजह से मेरी शॉपिंग में कोई प्रॉब्लम…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही बुलबुल अपनी जगह से उठी और अगले ही पल जूस से भरा हुआ गिलास सीधा मिहिका के ऊपर गिरा छपाक!

मिहिका एकदम हड़बड़ा गई! बुलबुल गुस्से से मुंह बनाते हुए बोली "अगर मेरे कानों में तुम्हारी आवाज गई है तो इट मींस मैंने तुम्हारी बात सुन ली और मुझे जो करना होगा मैं कर लूंगी, बार-बार अपनी बेसूरी से आवाज मुझे सुनाने की जरूरत नहीं है बदतमीज सी!”

ये बोलकर उसने वहां साइड में रखे हुए प्लेट में से आलू का एक पराठा उठाया और उसका रोल बनाते हुए वहां से अपने रूम में चली गई!

सिया की आंखें तो खुली की खुली रह गई थी! वो तुरंत बोली "ये तो रोशनी हो ही नहीं सकती!”

यशोदा जी भी धीमी सी आवाज में बोली "मैं भी यही सोच रही हूं!”

शौर्य के खुद के होश उड़े हुए थे और गायत्री जी के चेहरे पर तिरछे एक्सप्रेशन थे।

वहीं दूसरी तरफ

अथर्व अपनी गाड़ी में बैठा था और गुस्से से गाड़ी ड्राइव कर रहा था, बुलबुल का हर बात पर उसे जवाब देना इस वक्त उसे बहुत ज्यादा इरिटेट कर रहा था!

वो भी गुस्से से मुंह बनाते हुए बोला "जब तुम रोशनी बनकर मेरे सामने थी तब तो तुम्हारी जुबान नहीं खुलती थी और अब? अब तुम्हारी जुबान बंद नहीं होती पर बहुत जल्दी मैं तुम्हारी जुबान बंद करूंगा, तुम्हें तुम्हारी औकात दिखाऊंगा! अभी तक मैंने तुमसे कुछ कहा नहीं है इसलिए तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हें कुछ कहूंगा भी नहीं, अगर मैं सर पर बैठाना जानता हूं तो मैं पैरों के तले रौंदना भी बहुत अच्छी तरह से जानता हूं और अब वक्त आ गया है कि मैं तुम्हें ऊपर आसमान से उतार कर सीधा नीचे जमीन पर पटक दूं ताकि तुम्हें समझ आए कि अथर्व जिंदल के सामने जुबान चलाना कितना महंगा पड़ सकता है!” ये बोलते हुए उसके हाथ स्टेरिंग पर पूरी तरह से कसे हुए थे।

वहीं दूसरी तरफ

बुलबुल अपने रूम में थी और खुद से यही बोल रही थी कि वो अथर्व और मिहिका के साथ किसी शॉपिंग पर नहीं जाएगी लेकिन फिर अचानक ही उसका दिमाग घुमा!

उसने तुरंत अपने सिर पर अपना हाथ रखा और बोली "ओह गॉड ये मैंने पहले क्यों नहीं सोचा? मुझे तो बल्कि खुद से शॉपिंग पर जाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए था, हे भगवान सच में इस घर में आकर मेरा दिमाग शायद मेरी ### में घुस गया है जो चल ही नहीं रहा लेकिन अब? अब मेरा दिमाग सिर्फ चलेगा नहीं बल्कि दौड़ेगा

और दिमाग के साथ-साथ मैं भी दौड़ूंगी!” ये बोलते हुए उसके चेहरे पर गहरी मुस्कुराहट आ गई थी!

दोपहर के लगभग 12 बजे, बुलबुल बाहर गार्डन एरिया में इधर-उधर टहल रही थी। हालांकि हल्की-हल्की धूप थी, लेकिन इस वक्त धूप से उसे इतनी प्रॉब्लम नहीं होत रही थी जितनी कि उसे सर्वेंट रूम में बैठने पर हो रही थी। इसलिए वो बाहर आ गई थी और इंतजार कर रही थी कि कब मिहिका भी अंदर से बाहर आए और वो दोनों गाड़ी में बैठकर मॉल के लिए निकलें, जहां पर अथर्व उन्हें जॉइन करने वाला था।

और फाइनली वो वक्त आया जब मिहिका ब्लैक कलर की एक ड्रेस पहने, हाथ में अट्रैक्टिव-सा क्लच लिए बाहर की तरफ आई। बुलबुल अजीब-सी नजरों से उसे देख रही थी। जैसे ही मिहिका की नजर बुलबुल पर गई, उसने हल्का-सा मुंह बनाया और उसी वक्त ड्राइवर गाड़ी लेकर वहां पर आ गया। मिहिका तुरंत बैक सीट पर बैठ गई। बुलबुल भी आकर बैकसीट का दरवाजा खोलने लगी, तभी मिहिका उसकी तरफ देखते हुए बोली,

"तुम कोई यहां की गेस्ट नहीं हो जो ऐसे मेरे साथ बैकसीट पर बैठोगी। चुपचाप नौकरों की तरह आगे बैठो!"

बुलबुल गुस्से से मुंह बनाते हुए बोली,

"वैसे अपनी हाइट को तो तुमने हाई हील्स पहनकर बढ़ा लिया... अपने दिमाग के लिए भी कुछ सोचा है क्या?"

उसकी बात पर मिहिका ने उसे घूरकर देखा। अगले ही पल बुलबुल ने गाड़ी का दरवाजा जोर से बंद किया और चुपचाप आगे वाली सीट पर आकर बैठ गई। फिलहाल उसे मिहिका से बहस नहीं करनी थी, उसे बस यहां से निकलना था। उसके बैठते ही ड्राइवर ने गाड़ी स्टार्ट की और फिर वो लोग वहां से निकल गए।

बुलबुल ने बाहर आते ही इधर-उधर देखना शुरू कर दिया था। वो कितने दिनों बाद बाहर निकली थी! वो अभी एक दिन पहले ही तो अथर्व के साथ फार्महाउस से जिंदल मेनशन वापस आई थी, लेकिन उस वक्त रात का टाइम था। और जब वो अथर्व के साथ गाड़ी में थी, तो उस वक्त माहौल बहुत अलग था। उसने बाहर किसी चीज पर ध्यान ही नहीं दिया था। लेकिन अब बाहर की हवा महसूस करते हुए उसे ऐसा लग रहा था, जैसे उसे आज़ादी मिल गई हो। उसका चेहरा एकदम खिला हुआ था।

मिहिका, जो बैकसीट पर बैठी थी, उसकी तरफ देखकर मुंह बनाते हुए बोली, "मन तो कर रहा है तुम्हें अभी इसी वक्त गाड़ी से बाहर धक्का दे दूं... पर अफसोस मैं ऐसा कर नहीं सकती!"

ये बोलते हुए उसके चेहरे पर बुलबुल के लिए गुस्सा साफ नजर आ रहा था।

लगभग आधे घंटे बाद वो लोग मॉल पहुंचे। जैसे ही बुलबुल गाड़ी से बाहर निकली, ड्राइवर उसकी तरफ देखते हुए बोला,

"अथर्व सर सेकंड फ्लोर पर हमारा इंतजार कर रहे हैं।"

बुलबुल तुरंत बोली,

"लेकिन आप हमारे साथ क्यों चलेंगे? I mean, आपका काम तो बस हमें यहां पर लाना था। आपको हमारे साथ चलने की जरूरत नहीं है, हम मैनेज कर लेंगे।"

उसकी बात पर मिहिका भी तुरंत बोली,

"हां, मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा कोई नौकर मेरे साथ चले। इसलिए तुम भी मुझसे कुछ कदमों की दूरी बनाकर ही चलना। मुझे बस अपने आगे-पीछे गार्ड्स पसंद आते हैं, उनके अलावा फालतू के नौकर नहीं।"

ये बोलते हुए उसने अपने बालों को पीछे की तरफ झटकाया और फिर आगे लिफ्ट की तरफ बढ़ गई।

बुलबुल गुस्से से मुंह बनाते हुए बोली,

"मन तो करता है इसकी रामप्यारी पर एक लात मारकर इसे किसी खाई से धक्का दे दूं! कमीनी कहीं की!"

ये बोलकर उसने एक गहरी सांस ली और आगे की तरफ आ गई। कुछ ही कदम चलने के बाद उसने पलटकर पीछे की तरफ देखा। वो ड्राइवर को देख रही थी, और अब ड्राइवर चुपचाप गाड़ी में बैठ चुका था क्योंकि अभी तक अथर्व ने उसे कोई ऑर्डर नहीं दिए थे। तो उसे नहीं पता था कि उसे वहां रुकना है या फिर वहां से चले जाना है। वहीं दूसरी तरफ बुलबुल के चेहरे पर गहरी मुस्कुराहट तैर गई।

वो तुरंत मॉल से बाहर जाने वाले रास्ते की तरफ बढ़ गई। उसकी नज़रें बार-बार इधर-उधर घूम रही थीं, कि कहीं अथर्व ही उसके सामने आकर खड़ा न हो जाए।

जैसे ही वो मॉल से बाहर पहुंची, उसने राहत की एक सांस ली और फिर तुरंत अपने घर की तरफ निकल गई। आज कितने दिनों बाद अपने घर जाने वाली थी, जहां पर मधु उसका इंतजार कर रही थी। आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ था कि बुलबुल इतने दिनों के लिए घर से बाहर रही हो। मधु को उसकी टेंशन तो हो रही थी। उसने बुलबुल की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज करवाने की कोशिश की थी, लेकिन इंस्पेक्टर ने उसे ये कहकर भगा दिया कि जवान लड़की है, शायद किसी के साथ भाग गई होगी!

तकरीबन 15 मिनट बाद वो अपने घर पहुंची। जैसे ही उसने दरवाजा खोला, उसकी नजर सामने सोफे पर बैठी हुई मधु पर गई। मधु को देखकर वो हल्का-सा मुस्कुराई। आज तक उसने कभी मधु के लिए कुछ इमोशंस महसूस नहीं किए थे, लेकिन आज मधु को देखते ही अंदर से बहुत अच्छा फील हो रहा था।

और जैसे ही दरवाजा खोलने की आवाज आई, मधु की नजर भी उसकी तरफ गई। बुलबुल को देखकर वो हल्का-सा मुस्कुराई और तुरंत अपनी जगह पर खड़ी हो गई। बुलबुल भी जल्दी से उसके पास आई और उसके सीने से लगकर बोली,

"Oh God, मैं तुम्हें बता नहीं सकती कि मैंने तुम्हारी बकवास को कितना मिस किया है। वैसे तो मुझे तुम्हारे साथ कोई अटैचमेंट नहीं थी, लेकिन मुझे पता नहीं क्यों... पर तुम्हारी याद बहुत आई"

“ऐसा नहीं है कि सिर्फ तुम्हें ही मधु की याद आई  बल्कि मधु को भी तुम्हारी बहुत याद आ रही थी!”

जैसे ही ये आवाज वहां पर गूंजी, बुलबुल ने ये आवाज बहुत अच्छी तरह पहचान ली  ये आवाज किसी और की नहीं, अथर्व की ही थी। अब उसकी नजर सामने की तरफ गई, जहां अथर्व अभी-अभी आकर खड़ा हुआ था। उसने बड़ी ही अदा से अपना हाथ दीवार पर रखा हुआ था। उसे देखकर बुलबुल का चेहरा गुस्से से कांपने लगा। लेकिन आज तक वो अथर्व की जगह पर रह रही थी, उसके घर पर और उसके फार्महाउस पर इसलिए अथर्व के सामने उसकी चलती नहीं थी। पर आज अथर्व उसकी जगह पर था, तो उसके चेहरे पर गुस्सा और भी ज्यादा था।

वो तुरंत उसके सामने आई और बोली, “मतलब तुम यहां भी पहुंच गए? लेकिन तुम्हारा यहां आने का कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि ये जगह  ये घर मेरा है, और यहां तुम मेरे साथ अपनी मर्जी नहीं चला सकते! अभी निकलो यहां से, वरना मैं तुम्हें धक्के मारकर यहां से बाहर निकाल दूंगी। बहुत लोग रहते हैं इस एरिया में  वो लोग-तुम जैसे अमीर नहीं हैं, लेकिन उनकी इज्जत बहुत है। और जब उनके सामने तुम्हारी बेइज़्ज़ती होगी ना, तो कसम से मुझे तो मजा आएगा... लेकिन तुम्हें बहुत बुरा लगेगा!”

अथर्व उसकी बातों पर व्यंग्य से हँसा और बोला, “कैसे-कैसे ख्वाब देख लेती हो तुम, दिलरुबा! वे ख्वाब जो कभी पूरे भी नहीं होंगे... पर एक चीज़ जरूर पूरी होगी, और वो है  मेरी शादी की शॉपिंग।”

बुलबुल गुस्से से मुंह बनाते हुए बोली, “बेशक, जाकर पूरा माल खरीद लो पर यहाँ से निकलो!”

अथर्व अब उसके चेहरे पर झुका और बोला, “माल छोड़ो  मैं तो इंसानों को भी खरीद लूँ, बस वो कीमत बताएं अपने बिकने की।” ये बोलते हुए उसकी नज़रें बुलबुल पर इतनी गहरी थीं कि बुलबुल के रोंगटे खड़े हो गए। उसने तुरंत अथर्व की तरफ़ से अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।

अब अथर्व ने उसकी कलाई कसकर पकड़ ली। बुलबुल ने पलट कर उसकी तरफ देखा और गुस्से से दांत भींचते हुए बोली, “मेरा हाथ छोड़ो!”

मधु बुलबुल के करीब आई और बोली, “ये सब क्या हो रहा है? बुलबुल  अभी कुछ मिनट पहले ही अथर्व ने मुझसे बताया कि तुम उसकी रोशनी हो। क्या तुमने मुझसे झूठ बोला था? तुमने तो मुझे अपना नाम बुलबुल बताया था, और पिछले कई सालों से तो तुम मेरे साथ रह रही हो  तो ये सब...”

उसकी बात पूरी होने से पहले ही बुलबुल चढ़ते हुए बोली, “ये तो कड़वा है  क्या तुम भी कड़वी हो? नहीं ना? ये इंसान तो कुछ भी बोलता है; तुम्हें इस इंसान की बातों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है!”

वो कुछ ओर कहती, उससे पहले ही अथर्व ने उसे बाहर की तरफ ले जाना शुरू कर दिया। बुलबुल गुस्से से कांपते हुए बोली, “मैंने कहा, मेरा हाथ छोड़ो! मुझे तुम्हारे साथ कहीं नहीं जाना।”

मधु भी उन दोनों के पीछे-पीछे चलने लगी। बुलबुल लगातार बोलती जा रही थी, लेकिन अथर्व को उसके बोलने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था और वो उसे लेकर बाहर पहुंच चुका था। बुलबुल ने एक झटके से अपना हाथ छुड़ाया। बाहर पूरा मोहल्ला लोगों से भर गया था  सब लोग अपने-अपने दरवाज़ों पर आकर खड़े हो गए थे। बुलबुल इतनी जोर से बोल रही थी कि अब उसने एक नजर उन सब लोगों की तरफ़ देखा और बोली, “क्यों ? यहां कोई तमाशा हो रहा है क्या? बुलबुल नाच रही है क्या? जिसका नाचना देखने के लिए आप सब लोग यहाँ इकट्ठा हो रहे हो?”

इन बातों को सुनते हुए अथर्व के चेहरे पर सार्कास्टिक स्माइल थी, और वो स्माइल देखते ही बुलबुल और भी ज्यादा बुरी तरह चिढ़ रही थी।

अथर्व अब उसके बिल्कुल करीब आया, चेहरे पर गहरी मुस्कुराहट लिए, और बोला, “कहां  तुम मेरी इज्जत का तमाशा बनाने की बातें कर रही थी? लेकिन अब मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे तुम्हारा खुद का तमाशा बन रहा है। और अगर तुम चाहती हो कि मैं तुम्हारा और ज्यादा तमाशा न बनाऊँ, तो चुपचाप गाड़ी में बैठो और चलो  मेरे साथ।”

बुलबुल चिल्लाकर बोली, “मैं तुम्हारे साथ कहीं नहीं जाऊँगी; तुम्हें जो करना है करो!”

जैसे ही उसने कहा, अथर्व ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और

उसे लेकर अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ गया। बुलबुल उसकी पकड़ में छटपटाने लगी।

बुलबुल अथर्व की पकड़ में छटपटा रही थी! अथर्व ने उसे गोद में उठाया हुआ था और उसे लेकर गाड़ी की तरफ बढ़ रहा था!

बुलबुल अथर्व के साथ जाने से मना कर रही थी, वो मॉल से भाग कर वापस अपने घर में आ गई थी लेकिन उससे पहले तो अथर्व उसके घर में पहुंचा हुआ था और अब अथर्व ने बुलबुल को वापस गाड़ी में बिठाया!

बुलबुल गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए बोली "आखिर तुम इंसान हो या कोई चमगादड़ जो मेरे पीछे पड़ गया है? जहां भी जाऊं वहां पीछे आ जाते हो, आखिर बिगाड़ा क्या है मैंने तुम्हारा? एक तो तुमसे ज्यादा गुस्सा मुझे तुम्हारी रोशनी पर आता है! मां कसम अगर वो कभी मेरे सामने आ गई ना तो उस रोशनी की जिंदगी में ऐसा अंधेरा लाऊंगी मैं कि वो जिंदगी भर याद रखेगी, कुतियापा उसने तुम्हारे साथ किया और भुगतना मुझे पड़ रहा है!”

अथर्व हंस कर बोला "मैंने पहली बार ऐसा इंसान देखा है जो खुद को खुद ही गालियां निकाल रहा है!”

बुलबुल चिढ़ते हुए बोली "अरे नहीं हूं मैं तुम्हारी रोशनी! अब तो मुझे रोशनी नाम से इतनी ज्यादा नफरत हो गई है ना कि जिस जिस सॉन्ग में रोशनी शब्द आता है, मैं उस पर आइटम डांस भी नहीं करूंगी! हे भगवान बेशक से तू मुझे कुछ और दे या ना दे लेकिन एक बार मेरी रोशनी से मुलाकात करवा दे ताकि मैं उसको बता सकूं कि ये लैंप उसके बिना बिल्कुल खराब हो गया है! वो इस लैंप की जिंदगी में आए और इस लैंप का दिमाग रोशन कर दे वरना इसकी वजह से मैं जरूर पागल हो जाऊंगी!”

अथर्व उसकी बातें सुन रहा था लेकिन वो अब उसे कोई जवाब नहीं दे रहा था, अब उसने अपनी गाड़ी स्टार्ट की और फिर दूसरे ही पल उसकी गाड़ी मॉल के लिए निकल गई थी!

बुलबुल गुस्से से मुंह बनाते हुए उसकी तरफ देख रही थी, कहां 10 मिनट पहले वो सोच रही थी कि वो अथर्व की पकड़ से आजाद हो गई और अब अथर्व के जाल में वो एक बार फिर से फंस चुकी थी!

वहीं दूसरी तरफ

मॉल में

मिहिका कब से अथर्व का इंतजार कर रही थी, उसने लगभग से अथर्व को 10 बार कॉल कर लिया था लेकिन अथर्व उसका कॉल भी पिक नहीं कर रहा था और अब उसने एक बार फिर से अथर्व को कॉल किया और इस बार अथर्व ने उसका कॉल पिक भी कर लिया!

वो जल्दी से बोली "कहां हो तुम अथर्व? मैं कब से मॉल में तुम्हारा इंतजार कर रही हूं, अगर तुम्हें आना नहीं था तो तुमने मुझे भी मॉल में आने के लिए क्यों कहा?”

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही सामने से अथर्व बोला "डोंट वरी मैं बस किसी मीटिंग में उलझ गया था, लेकिन अभी 10 मिनट में मैं मॉल पहुंच जाऊंगा!” ये बोलकर उसने एक नजर बुलबुल की तरफ देखा!

बुलबुल गुस्से से बड़बड़ाते हुए बोली "वो गधी अभी तक मॉल में ही बैठी है? अगर उसकी जगह मैं होती ना तो अब तक दुनिया छोड़कर चली गई होती, पर वो भला मॉल से क्यों जाएगी? उसे तो महंगे महंगे लहंगे चाहिए Gold digger कहीं की!”

अथर्व उसकी बातें सुन रहा था!

वही मिहिका जल्दी से बोली "ये बुलबुल की आवाज कहां से आ रही है? बुलबुल तुम्हारे साथ है क्या?”

अथर्व ने बिना मिहिका को कोई जवाब दिए कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया और फोन साइड में रखते हुए बोला "मैंने आज पहली बार किसी लड़की को दूसरी लड़की को गोल्ड डिगर कहते हुए देखा है, Strange But Interesting!”

बुलबुल मुंह बनाते हुए बोली "इसमें स्ट्रेंज वाली क्या बात है? वो है ही गोल्ड डिगर तो उसे गोल्ड डिगर ही कहूंगी, मेरे लिए लड़की और लड़कों में कोई डिफरेंस नहीं है! मेरे लिए इंसान सब एक है और जो चु#या है वो चु#या है और जो सही है वो सही है फिर बेशक से लड़का लड़की कोई भी हो!”

अथर्व व्यंग्य से मुस्कुरा कर बोला "जो खुद सही नहीं वो दूसरों को गलत सही बताने की कोशिश कर रही है, कभी तुमने अपने गिरेबान में झांक कर नहीं देखा क्या? गोल्ड डिगर लड़कियां तो फिर भी ठीक होती है, कम से कम पैसा लेकर चुपचाप दफा हो जाती है लेकिन तुम अपने बारे में क्या कहना चाहोगी? क्योंकि तुम तो उनसे भी ज्यादा वाहियात हो क्योंकि तुम तो लोगों से उनके पैसे नहीं बल्कि उनका सुकून छीनती हो!”

बुलबुल को उसकी बातों पर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन अगले ही पल वो जल्दी से बोली "अरे वाहियात कहा तो क्या कहा? मैं तो उससे भी ज्यादा बेकार लड़की हूं, एक नंबर की बेवकूफ बददिमाग बदतमीज बेशर्म हूं! तुम एक काम क्यों नहीं करते? मुझ जैसी लड़की को धक्का मार कर अपनी गाड़ी से बाहर क्यों नहीं निकाल देते? तुम्हारी टेंशन भी खत्म और मेरी टेंशन भी खत्म!”

अथर्व उसकी बातों का मतलब बहुत अच्छी तरह से समझ रहा था, उसके होठों पर तिरछी मुस्कुराहट थी और वो मुस्कुराहट देखकर बुलबुल और भी ज्यादा चिढ़ गई!

अचानक ही वो जोरों से चिल्लाई “गाड़ी रोको गाड़ी रोको!”

अथर्व ने गुस्से से कहा “चुपचाप गाड़ी में बैठी रहो वरना मैं सच में तुम्हें धक्का मार दूंगा!”

बुलबुल जल्दी से बोली “ठीक है मार दो धक्का, मुझे भी कोई टेंशन नहीं लेकिन अगर धक्का नहीं मारना है तो चुपचाप गाड़ी रोको! मुझे एक काम है… कहीं नहीं जाऊंगी मैं, वैसे भी कहीं जाने का फायदा ही क्या है? चमगादड़ की तरह तुम पीछे पहुंच तो जाते ही हो, इन फैक्ट पीछे नहीं मुझसे पहले ही पहुंच जाते हो तो प्लीज गाड़ी रोक दो! ट्रस्ट करो मुझ पर मैं कहीं नहीं भाग रही!”

उसकी बात सुनते हुए अब अथर्व ने गाड़ी रोक दी! बुलबुल ने पलट कर पीछे की तरफ देखा और बोली "नहीं नहीं… यहां नहीं गाड़ी थोड़ी सी पीछे लो!”

अथर्व ने भी पीछे की तरफ देखा, उसे तो कुछ ऐसा नजर नहीं आया जिसे देखकर बुलबुल का चिल्लाना बनता हो लेकिन फिलहाल पहली बार बुलबुल की बातों पर ट्रस्ट करते हुए उसने अपनी गाड़ी को थोड़ा सा पीछे लिया तो बुलबुल जल्दी से बोली "अब गाड़ी का दरवाजा खोलो!” ये बोलते हुए उसने खुद भी दरवाजा चेक किया लेकिन दरवाजा सच में बंद ही था!

अथर्व ने गाड़ी को अनलॉक किया, बुलबुल अब तुरंत गाड़ी से बाहर निकली! सामने ही कॉटन कैंडी वाला खड़ा था जिसने अपने हाथ में एक बड़ा सा डंडा पकड़ा हुआ था और उसके आसपास बहुत सारे कॉटन कैंडी के पैकेट लगे हुए थे!

जैसे ही बुलबुल वहां गई और उसने एक पैकेट अपने हाथ में लिया अथर्व की आंखें बड़ी हो गई क्योंकि उसने कभी रोशनी को तो इस तरह से कॉटन कैंडी लेते हुए देखा नहीं था बल्कि उसे तो ये सब चीजें पसंद ही नहीं थी!

वो अब गाड़ी से बाहर निकल कर बुलबुल की तरफ आया और बोला "ये सब क्या है?”

बुलबुल मुंह बनाते हुए बोली "अंधे तो नहीं हो तुम, इन फैक्ट लोगों की तो दो आंखें होती हैं तुम्हारी तो चार है! दो जिनसे तुम बाकी दुनिया को देखते हो और दो वो जो तुमने मेरे पीछे लगा रखी है, जहां जाती हूं पहले तुम्हें दिखाई दे जाता है…

अथर्व गुस्से से बोला "मैं ये पूछ रहा हूं कि ये क्या कर रही हो तुम? और ये क्या खा रही हो? ये बिल्कुल भी हेल्दी…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही बुलबुल मुंह बनाते हुए बोली "बेशक से तुम मुझे चार गालियां निकाल दो, लेकिन बूढ़ी के बाल को कुछ मत कहना ये मेरे फेवरेट है!”

अथर्व हैरानी से बोला “व्हाट?”

बुलबुल ने नाक फूलाते हुए कहा “व्हाट व्हाट नहीं! जल्दी से अपने वॉलेट से पैसे निकालो, मुझे इन भैया को देने हैं! बताओ भैया कितने रुपए हुए?”

ये बोलते हुए उसने कॉटन कैंडी वाले भैया को देखा तो वो जल्दी से बोला “₹30!”

बुलबुल ने अब अथर्व की तरफ देखते हुए कहा “इन्हें ₹30 दे देना!” ये बोलकर वो खुद गाड़ी की तरफ बढ़ गई तो अथर्व बस उसकी तरफ देखता रह गया!

वो जाकर आराम से गाड़ी में बैठ गई थी और अपनी उंगलियों से कॉटन कैंडी निकालकर खाए जा रही थी और बाद में अपनी उंगलियों को Lick भी कर रही थी!

वो कॉटन कैंडी वाला एक बार फिर से बोला “क्या हुआ भैया? आपके पास खुला नहीं है क्या?”

अथर्व उसकी बात सुनकर होश में आया और अगले ही पल उसने अपनी वॉलेट से ₹500 का नोट निकाला और उस भैया की तरफ बढ़ा दिया तो वो जल्दी से बोला "लेकिन मेरे पास तो छुट्टे नहीं है!”

अथर्व बिना किसी खास एक्सप्रेशंस के बोला “कोई बात नहीं रख लो!” ये बोलकर वो गाड़ी में आकर बैठ गया!

बुलबुल जो ये सब देख रही थी वो हैरानी से अथर्व की तरफ देखते हुए बोली "अरे तुमने अपने बाकी पैसे तो लिए ही नहीं!”

अथर्व ने गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा “क्योंकि उसके पास छुट्टे पैसे नहीं थे!”

बुलबुल तुरंत बोली "उसके पास छुट्टा नहीं था तो क्या तुम उसे ₹500 का नोट दे दोगे?”

अथर्व एक गहरी सांस लेकर बोला "क्या ही फर्क पड़ता है? बेचारा गरीब…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही बुलबुल की आंखें हैरत में फैल चुकी थी जैसे उसने नया अथर्व देख लिया हो!

वो जल्दी से बोली "मैं भी बहुत गरीब हूं! मुझे भी दो-चार चेक काट कर दे दो ना, भला होगा तुम्हारा और उन चेक के साथ-साथ मुझे मेरी आजादी भी दे देना जिस पर तुम किसी सांप की तरह कुंडली मारकर बैठ गए हो!”

अथर्व उसकी बातें सुनते हुए उसकी तरफ देख रहा था! अब वो गहरी मुस्कुराहट के साथ बोला "चेक तो मैं तुम्हें दे दूंगा, बेशक से ब्लैंक चेक ले लो दिलरुबा लेकिन आजादी? एम सो सॉरी वो तो अब तुम्हें पूरी जिंदगी नहीं मिलने वाली!”

बुलबुल चौंकते हुए बोली "लेकिन तुम्हारी मैरिज के बाद तो तुम मुझे आजाद कर दोगे ना? आई मीन जब मैं तुम्हारी वेडिंग अच्छे से प्लान कर दूंगी, सब कुछ अच्छे से हो जाएगा! वो चुड़ैल तुम्हारी बीवी…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही अथर्व ने एक झटके से गाड़ी की ब्रेक लगाई, बुलबुल हैरानी से उसकी तरफ देखती रही और अथर्व अपनी गाड़ी से बाहर निकल गया क्योंकि वो लोग मॉल पहुंच गए थे और अब बुलबुल भी तुरंत गाड़ी से बाहर निकली! इस वक्त उसका

दिल जोरो से धक धक कर रहा था और ऊपर से अथर्व की वो गहरी नजरे उसे एक अजीब सी बेचैनी दे रही थी।

अथर्व गाड़ी से बाहर निकल कर लिफ्ट की तरफ बढ़ रहा था ताकि टॉप फ्लोर पर जा सके, जहां पर मिहिका उसका इंतजार कर रही थी!

बुलबुल भी जल्दी से उसके पीछे-पीछे चलने लगी लेकिन चलते-चलते वो एक बार फिर से बोली "ओ हेलो मिस्टर कड़वे आपने मुझे मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया, आपने मुझे बताया नहीं कि आप अपनी शादी के बाद मुझे आजाद करेंगे या नहीं?”

अथर्व जो अब तक कुछ बोल नहीं रहा था, अब एक बार फिर से उसका सवाल सुनकर वो रुका और उसकी तरफ देखते हुए बोला "शायद तुमने मेरी बात को ढंग से सुना नहीं! मैंने कहा तुम पूरी जिंदगी मेरी कैद से आजाद नहीं हो पाओगी, मेरी शादी हो या ना हो मैटर ही नहीं करता! अब चुपचाप मेरे साथ ऊपर चलो और मेरी होने वाली बीवी के लिए शॉपिंग करने में हेल्प करो!”

बुलबुल मुंह बनाते हुए बोली "तुम्हारी उस बीवी को किसी नींबू की तरह मैं निचोड़ कर ना रख दूं? यहां मैं ये सोचकर खुश हुए जा रही हूं कि एक हफ्ते में तुम्हारी शादी हो जाएगी और मैं फाइनली तुम्हारी बकबक से तुम्हारी इस जेल से आजाद हो जाऊंगी! लेकिन तुमने मेरे सारे अरमानों पर पानी फेर दिया पर अब मैं भी तुम्हें छोडूंगी नहीं, तुम मुझे परेशान कर रहे हो तो अब मैं भी तुम्हें परेशान करूंगी क्योंकि वैसे तो तुम मुझे छोड़ने नहीं वाले! लेकिन क्या पता मेरी हरकतों से परेशान होकर मुझे छोड़ जाओ?” ये बोलते हुए बुलबुल अपनी जगह पर खड़ी थी लेकिन अथर्व उससे काफी आगे बढ़ चुका था!

बुलबुल के चेहरे पर अब मिस्टीरियस एक्सप्रेशन थे जैसे उसके दिमाग में काफी कुछ चल रहा हो! अब तो अथर्व को ये भी टेंशन नहीं थी कि बुलबुल कहीं भाग ना जाए, वो उससे काफी आगे जो निकल चुका था क्योंकि वो जानता था आज उसने जो किया है उसके बाद बुलबुल भागने की कोशिश तो करेगी ही नहीं!

वो लिफ्ट में आया तो उसकी नज़रें बुलबुल पर गई जो उसकी तरफ ही बढ़ रही थी, अथर्व ने टॉप फ्लोर पर जाने के लिए बटन प्रेस किया तो लिफ्ट का दरवाजा बंद होने लगा!

बुलबुल की आंखें बड़ी हो गई, वो जल्दी से भागते हुए अथर्व की तरफ बढ़ने लगी लेकिन जब तक वो अथर्व के पास पहुंचती उससे पहले दरवाजा बंद हो चुका था!

बुलबुल ने गुस्से से मुंह बनाया और बोली "वैसे तो इस आदमी को हर काम में अपनी टांग अड़ाने की आदत है, लेकिन जहां पर इसे अपनी टांग अड़ानी चाहिए थी वहां पर इसकी टांग को लकवा मार गया!”

अथर्व के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट थी, लिफ्ट टॉप फ्लोर पर आकर रुकी तो उसने अपनी पॉकेट से अपना फोन निकाला और फिर किसी को कॉल किया!

सामने से जैसे ही कॉल रिसीव हुआ अथर्व एकदम गहरी आवाज में बोला "वैसे तो भाग कर कहीं जाएगी नहीं लेकिन फिर भी तुम लोग ध्यान रखना, जब तक हम सब मॉल में है तब तक मैं कोई रिस्क नहीं ले सकता!”

सामने से ओके बॉस कहा गया तो अथर्व ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया!

वहीं अब अथर्व की नजरे लिफ्ट की तरफ घूम गई थी जहां से लिफ्ट का दरवाजा एक बार फिर से खुला और बुलबुल बाहर की तरफ आई!

वो अथर्व के बिल्कुल सामने आकर खड़ी हुई और गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए बोली "क्या बिगड़ जाता तुम्हारा अगर तुम लिफ्ट का दरवाजा बंद होने से रोक लेते?”

अथर्व भी तुरंत बोला “और क्या बिगड़ गया तुम्हारा जो तुम अकेली लिफ्ट में आई? कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम ये सोच रही थी कि अगर तुम मेरे साथ लिफ्ट में ऊपर आओगी तो तुम्हें मेरे साथ रोमांस करने का मौका मिल जाएगा?”

बुलबुल गुस्से से मुंह बनाते हुए बोली "रोमांस और तुम्हारे साथ? बिल्कुल भी नहीं! एक पल के लिए मैं… ये बोलते हुए उसने अपनी नजरों को एक नजर घुमाया!

सामने ही उसे एक आदमी नजर आया जो वहां सफाई का काम कर रहा था, उसके हाथ में वाइपर था!

बुलबुल जल्दी से बोली "एक पल के लिए मैं उसके साथ रोमांस कर सकती हूं लेकिन तुम्हारे साथ तो बिल्कुल नहीं!”

अथर्व ने भी अब उस आदमी की तरफ देखा! बुलबुल तो वैसे भी अभी भी उस आदमी को देख ही रही थी और फिर अचानक ही उस आदमी ने अपनी उंगली नाक में डाली और फिर उसे बाहर की तरफ निकाल कर उस पर कुछ देखा और दोबारा वो उंगली अपने मुंह में डाल दी!

अगले ही पल बुलबुल ने अपने मुंह पर अपना हाथ रखा और उल्टी जैसा मुंह बनाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया!

अथर्व को उस पर हंसी आ रही थी! बुलबुल तुरंत वहां से दूसरी तरफ भाग गई और अथर्व अभी भी हंस रहा था!

बुलबुल ने पलट कर उसकी तरफ देखा, अथर्व को हंसते हुए देख कुछ पलों के लिए तो वो बस उसकी तरफ देखती रह गई… शायद उसने पहली बार अथर्व को यूं हंसते हुए देखा था लेकिन फिर अचानक ही उसका मुंह बन गया क्योंकि मिहिका अथर्व के पास आकर खड़ी हो गई थी!

उसने अथर्व के सीने पर अपना हाथ रखा और मुंह बनाते हुए बोली "कहां थे तुम अथर्व? तुम्हें पता है मैं तुम्हारा कितना इंतजार कर रही थी, मुझे तो लगा तुम आओगे ही नहीं लेकिन फाइनली तुम आए! चलो अब जल्दी से मेरे लिए शॉपिंग करते हैं, मैं तो बहुत ज्यादा एक्साइटेड थी… हालांकि अब एक्साइटमेंट थोड़ी कम हो गई है लेकिन मैं जानती हूं कि तुम मुझे आज पूरी तरह से खुश करोगे, मुझे अच्छे से शॉपिंग करवाओगे! ऐसी शॉपिंग जो मैंने आज तक अपनी लाइफ में कभी नहीं की होगी!”

बुलबुल उन दोनों से थोड़ी दूर थी लेकिन उसे मिहिका की बातें साफ सुनाई दे रही थी, उसकी आवाज इतनी तीखी जो थी!

वो जल्दी से बोली "तुम्हारे इन अरमानों को ये कड़वा पूरा करेगा या नहीं ये तो मैं नहीं जानती, लेकिन तुम्हारे इन अरमानों को मैं जरूर पूरा करूंगी!”

ये बोलकर वो अथर्व और मिहिका के पीछे चलने लगी, वो दोनों अब सामने डिजाइनर हाउस की तरफ जा रहे थे!

वो दोनों अंदर आए तो उस डिजाइनर हाउस के ओनर ने उन्हें अटेंड करना शुरू कर दिया, वो डिजाइनर अथर्व को जानता था! अथर्व भी उस डिजाइनर को बहुत अच्छी तरह से जानता था क्योंकि इंडिया में उस डिजाइनर का काफी नाम था, अगर इंडिया के टॉप डिजाइनर को देखा जाए तो उस डिजाइनर का नाम लिस्ट में सबसे टॉप पर ही होता था!

अथर्व बेशक से वहां पर मिहिका के लिए शॉपिंग करने आया था लेकिन उसकी नज़रें बार-बार बुलबुल पर जा रही थी जो वहां अंदर तो आ गई थी, लेकिन अपनी ही दुनिया में खोई हुई थी! उसे तो अब ये याद ही नहीं था कि उसे मिहिका को शॉपिंग में हेल्प करवानी है!

वहां इतनी अच्छी-अच्छी ड्रेसेस और साड़ियां थी कि उन्हें देखकर बुलबुल का खुद का दिल जोरो से धड़कने लगा था और वो सोचने लगी थी कि कभी उसके पास भी इतने पैसे होंगे कि वो इतने महंगे आउटफिट खरीद पाएगी, अभी तो फिलहाल वो 1500 से ऊपर की कोई ड्रेस अफोर्ड नहीं कर पाती थी लेकिन तभी उसकी नजर एक ब्लैक कलर की साड़ी पर गई!

वही साथ में डिजाइनर हाउस का स्टाफ भी खड़ा था तो उसने उस लड़की से पूछा “ये साड़ी कितने की होगी?”

वो लड़की तुरंत बोली "5 लाख!”

जैसे ही उसने कहा बुलबुल का मुंह खुला का खुला रह गया, वो हैरानी से बोली "अपना रेट भी साथ में बता रही हो क्या?”

उसकी बात सुनकर वो लड़की गुस्से से उसे घूरने लगी थी।

बुलबुल को जब अपनी गलती का रिलाइजेशन हुआ तो वो तुरंत दूसरी तरफ चली गई, अब उसने सोच लिया था कि वो किसी ड्रेस को नहीं देखेगी! ना वो किसी ड्रेस को देखेगी और ना ही उसके मन में कोई सवाल या कोई ख्वाहिश आएगी!

वो बस इधर-उधर अपना मुंह घुमाए जा रही थी, तभी मिहिका की आवाज उसके कानों में गूंजी “तुम वहां खड़ी क्या कर रही हो? यहां इधर मेरे पास आओ मेरी हेल्प करो!”

उसकी आवाज सुनकर बुलबुल उसके पास आई, मिहिका ने अपने हाथ में एक रेड कलर की वेस्टर्न ड्रेस ली और बोली "तुम्हें ये ड्रेस कैसी लग रही है?”

बुलबुल ने उस ड्रेस को अच्छे से देखा, वो ड्रेस दिखने में काफी अच्छी थी इसलिए वो तुरंत बोली "काफी अच्छी है ये काफी सुंदर भी, लेकिन तुम पर अच्छी लगेगी या नहीं कुछ कहा नहीं जा सकता!”

उसकी बात पर मिहिका एटीट्यूड से बोली "अगर ये तुम्हें अच्छी लग रही है इट मींस ये मेरे लिए तो अच्छी बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि तुम्हारा स्टैंडर्ड बहुत लो है, वो मेरे स्टैंडर्ड से मैच कर ही नहीं सकता!”

ये बोलकर उसने उस ड्रेस को साइड में फेंका और फिर स्टाफ की तरफ देखते हुए बोली "मुझे कुछ क्लासी दिखाओ, जो किसी बहन जी को पसंद आ जाए वो मेरे लिए परफेक्ट हो ही नहीं सकता!”

उसकी बात सुनकर बुलबुल गुस्से से उसकी तरफ देख रही थी! तभी अथर्व ने अपने हाथ में वो साड़ी ली जिस पर बुलबुल की नजर पहले से थी और उसने उस साड़ी का प्राइस स्टाफ से पूछा था!

अब वो साड़ी अथर्व अपने हाथ में लेकर बुलबुल की तरफ देखते हुए बोला "जाओ और जाकर इसे ट्राई करके आओ!”

उसकी बात पर बुलबुल अपनी बड़ी-बड़ी आंखों से उसे देखने लगी और मिहिका भी जल्दी से बोली "लेकिन क्यों अथर्व? आई मीन बुलबुल ये साड़ी क्यों ट्राई करेगी? यहां पर हम मेरी शॉपिंग के लिए आए हैं ना कि बुलबुल की शॉपिंग के लिए!”

बुलबुल के

चेहरे पर इस वक्त अजीब से एक्सप्रेशन थे जैसे वो अथर्व के जवाब का इंतजार कर रही हो!

Write a comment ...

Moon Face ✨✨

Show your support

Please Support Me As Much As You Can Guyz!!!

Recent Supporters

Write a comment ...