बुलबुल की बातें सुनते हुए अथर्व ने अपने जबड़े कस लिए थे! बुलबुल अब उसकी तरफ देखते हुए एक बार फिर से बोली "मुझे पहले तो आप बदतमीज घटिया और बेशर्म इंसान लगते थे, लेकिन अब तो आपने एक और लिस्ट में टॉप कर लिया है और वो है कन्फ्यूजिंग पर्सनालिटी! कभी-कभी तो मुझे ऐसा लगता है जैसे आप उस रोशनी से बेहद नफरत करते हैं और आपकी नफरत की वजह से मुझे परेशानी भुगतनी पड़ रही है, लेकिन कभी-कभी तो मुझे ऐसा लगता है जैसे आप अभी भी उससे बहुत मोहब्बत करते हैं पर एक बात बताइए अथर्व! अगर आप अभी भी रोशनी से प्यार करते हैं तो आप मिहिका से शादी कैसे कर सकते हैं?”
उसकी बात पर अथर्व के चेहरे पर अब तिरछी मुस्कुराहट तैर गई! वो तुरंत बोला "अगर तुम रोशनी नहीं हो तो तुम्हें ये सवाल करने का हक ही नहीं बनता दिलरुबा, लेकिन हां अगर तुम कहती हो कि तुम रोशनी हो! तुम ये बात एक्सेप्ट करती हो तो तुम्हारे इस सवाल का जवाब मैं बहुत शिद्दत से दूंगा, बताओ चाहती हो तुम इस सवाल का जवाब?”
बुलबुल ने कुछ पल यूं ही उसकी तरफ देखा और फिर एक गहरी सांस लेकर बोली "अगर मैं आपकी रोशनी होती भी तो भी मैं आपसे ये सवाल नहीं पूछती अथर्व क्योंकि जहां आपने किसी और का हाथ थाम लिया वहां पर मेरी तरफ से कोई सवाल होता ही नहीं! पर थैंक गॉड मैं आपकी रोशनी नहीं हूं, मुझे अपनी आंखों के सामने आपको किसी और का होते हुए नहीं देखना पड़ेगा… मैं बुलबुल हूं और बुलबुल की तरफ से तो आप बेशक से एक लड़की से शादी कीजिए या फिर 4 से इस बुलबुल को कोई फर्क नहीं पड़ता!” ये बोलकर वो तुरंत दरवाजे की तरफ बढ़ गई और देखते ही देखते वॉशरूम एरिया से बाहर भी निकल गई!
अथर्व अभी भी अपनी जगह पर खड़ा था और अब उसने बड़े ही अंदाज से अपना हाथ दिवार पर रखा और तिरछा मुस्कुरा कर बोला "फर्क पड़ेगा तुम्हें दिलरुबा बहुत अच्छा खासा फर्क पड़ेगा! तुम्हें क्या लगता है तुम्हारी इन हरकतों से सिर्फ मेरा दिल जलेगा? अगर तुम्हें दिल जलाना आता है तो अथर्व जिंदल तो पैदा ही लोगों को राख करने के लिए हुआ है, तुम करो तुम्हें जो करना है! अथर्व जिंदल वो करेगा जो उसे करना है… ये बोलते हुए उसके चेहरे पर एक बार फिर से डेविल एक्सप्रेशंस आ गई थे और वो भी बाहर की तरफ आ गया!
जैसे ही वो बाहर आया मिहिका जो उसे कब से फोन करने की कोशिश कर रही थी, उसका फोन अथर्व के फोन पर बजने लगा!
अथर्व ने कॉल रिसीव किया, सामने से मिहिका की आवाज आई “कहां हो तुम अथर्व? मैं कब से तुम्हें ढूंढ रही हूं, तुम्हारा नंबर भी नहीं लग रहा था!” ये बोलते हुए उसकी नजर अब अथर्व पर गई जो उससे कुछ ही कदमों की दूरी पर खड़ा था!
अथर्व कुछ कहता उससे पहले ही मिहिका ने कॉल डिस्कनेक्ट किया और उसके करीब आ गई, बुलबुल जो रमन को ढूंढ रही थी उसकी नज़रें इधर-उधर घूम रही थी और अथर्व की नजरे भी बुलबुल पर ही थी!
तभी बुलबुल को एहसास हुआ कि शायद रमन अपनी सिस्टर के साथ यहां से जा चुका है, वैसे भी उसने कहा था कि हां वो अब यहां से जा रहा है!
बुलबुल ने एक गहरी सांस ली और बोली "काश तुम यहां पर होते रमन तो मैं तुम्हें ये कह सकती कि तुम्हें मिहिका और अथर्व की शादी में आने की कोई जरूरत नहीं है, मैं नहीं चाहती कि उनकी इंगेजमेंट पार्टी में आकर तुम्हारा मूड भी खराब हो! मेरी तो मजबूरी है इन लोगों को बर्दाश्त करना लेकिन तुम्हारी तो ऐसी कोई मजबूरी नहीं है ना तो मैं क्यों ही तुम्हें परेशान करूं?” ये बोलते हुए वो सच में परेशान लग रही थी!
उसके पास तो रमन का नंबर भी नहीं था और अगर उसके पास रमन का नंबर होता भी तो वो क्या ही कर लेती? क्योंकि उसके पास तो खुद फोन नहीं था! अथर्व ने अभी तक उसका फोन उसे दिया ही नहीं था!
तभी एक आदमी उसके पास आया और बोला "आपको अथर्व सर नीचे बुला रहे हैं, वो गाड़ी में आपका वेट कर रहे हैं!”
बुलबुल ने तुरंत पूछा “और उनकी वो डायन? आई मीन उनकी होने वाली बीवी मिहिका, वो भी उनके साथ है क्या?”
उस आदमी ने अपना चेहरा हां में हिलाया तो बुलबुल अब सामने एस्केलेटर की तरफ बढ़ गई! कुछ पल बाद वो नीचे की तरफ आई तो अथर्व गाड़ी में बैठा था और उसके साथ वाली पैसेंजर सीट पर मिहिका!
बुलबुल भी चुपचाप जाकर बैक सीट पर बैठी और उनकी गाड़ी वापस जिंदल मेंशन के लिए निकल गई….
मिहिका फ्रंट मिरर से बुलबुल की तरफ देख रही थी जो बाहर की तरफ नजरे टिकाकर बैठी थी क्योंकि अंदर तो ऐसा कोई नजारा था नहीं जिसे देखकर वो टाइम पास कर सके!
मिहिका उसे देखते हुए मन ही मन बोली "मेरी शॉपिंग की धज्जियां उड़ाई है ना तुमने? अब तुम आज रात का इंतजार करो जब मैं तुम्हारी इज्जत की धज्जियां उडाऊंगी और अब तो अथर्व का साथ भी मेरे साथ है! अब बस तुम देखती जाओ… ये बोलकर वो तिरछा मुस्कुराई!
अथर्व भी ड्राइविंग करते हुए बुलबुल की तरफ ही देख रहा था और बुलबुल उन दोनों की नजरे खुद पर महसूस कर सकती थी! वो मुंह बनाते हुए बोली "इन दोनों चमगादड़ो को मेरे अलावा और कुछ नजर नहीं आता क्या? जब देखो मेरे ही पीछे पड़े रहते हैं!”
उसे बड़बड़ाते हुए देख अचानक ही अथर्व को हंसी आ गई! मिहिका ने तुरंत नजरे घूमाकर उसकी तरफ देखा!
अथर्व एटीट्यूड से बोला “क्या है? अब मैं हंस भी नहीं सकता क्या?”
मिहिका ने मायूसी से कहा “मैंने कब कहा कि तुम हंस नहीं सकते? बस तुम अचानक से हंसे तो मैंने तुम्हारी तरफ देखा!”
बुलबुल की भी हंसी छूट गई थी क्योंकि वो बहुत अच्छी तरह से जानती थी अथर्व क्यों हंसा? और अब एक बार फिर से अथर्व और बुलबुल दोनों की नजरे एक दूसरे से मिली हुई थी, एक पल के लिए बुलबुल का दिल जोरो से धड़क उठा था… वॉशरूम में अथर्व के साथ उसकी जो बातें हुई थी वो सब उसे दोबारा याद आने लगी थी!
तकरीबन 15 मिनट बाद वो लोग जिंदल मेंशन पहुंचे, बुलबुल तेज कदमों से अंदर की तरफ आ गई और मिहिका अथर्व के साथ अंदर आई!
गायत्री जी ने तुरंत उसे देखते हुए पूछा “क्या बात है तुम लोगों ने शॉपिंग नहीं की क्या? तुम दोनों अपने साथ कुछ लाई नहीं!”
मिहिका की नजर बुलबुल पर गई जो अपने रूम में एंटर करने ही वाली थी! वो बेहद घमंडी लहजे में बोली "जब कोई मनहूस इंसान किसी जगह पर हो तो सब चीज ठीक कैसे हो सकती हैं? My would be mother in law जहां मनहूसियत हो वहां तो चीज बिगड़ती ही है और मेरी शॉपिंग भी आज पूरी तरह से स्पॉइल हो गई, बट अथर्व ने कहा है कि वो सब कुछ हैंडल कर लेगा है ना अथर्व?”
उसकी बात सुनकर अथर्व ने कुछ नहीं कहा बस चुपचाप सीढ़ियां चढ़ते हुए ऊपर चला गया! गायत्री जी मिहिका की बातों का मतलब बहुत अच्छी तरह से समझ रही थी!
उन्होंने अब मिहिका के कंधे पर अपना हाथ रखा और बोली "अगर कोई तुम्हारी चीजों को स्पॉइल करें तो सामने वाले को इस तरह से बर्बाद कर दो कि उसे समझ में आ जाए कि उसने कितनी बड़ी गलती की है और उसे अपनी गलती दोबारा दोहराने का मौका कभी ना मिले, इतनी समझदार तो हो ना तुम?”
उनकी बात पर मिहिका ने अपना चेहरा हां में हिलाया!
यशोदा जी जो ऊपर रेलिंग के पास खड़ी थी, वो उन दोनों की बातें सुन रही थी और अब उनके चेहरे पर अजीब एक्सप्रेशंस आ गए थे! वो बुलबुल से नफरत नहीं करती थी, उन्हें बुलबुल सिर्फ इसलिए नहीं पसंद थी क्योंकि वो बुलबुल को रोशनी समझ रही थी लेकिन पता नहीं क्यों उन्हें धीरे-धीरे रिलाइज हो रहा था कि बुलबुल और रोशनी में बहुत कुछ ऐसा है जो एक सा नहीं है और अब मिहिका और गायत्री जी की बातें सुनकर उन्हें उन दोनों पर गुस्सा आ रहा था कि वो दोनों ऐसे कैसे प्लानिंग प्लॉटिंग कर सकती हैं?
तकरीबन 5 घंटे बाद
शाम के लगभग से 7:00 बजे
बुलबुल बाहर गार्डन एरिया में थी और वहां पर डेकोरेशन का काम करवा रही थी! 8:00 बजे इंगेजमेंट पार्टी स्टार्ट होने वाली थी लेकिन अभी तक उसका काम नहीं हुआ था और इस वक्त उसे बहुत ज्यादा भूख लग रही थी! उसने बस मॉल में आइसक्रीम खाई थी और उसके अलावा और कुछ भी नहीं और आइसक्रीम से पेट तो भरने नहीं वाला था।
वो लड़का जो उसके साथ काम करवा रहा था वो उसकी तरफ देखते हुए बोला "लगता है दीदी आपको बहुत ज्यादा भूख लगी है, आप एक काम करो मैं ये वाला काम खत्म कर लूंगा! तब तक आप जाकर कुछ खा लो वरना आपकी तबीयत खराब हो जाएगी!”
बुलबुल भी एक लंबी सांस लेते हुए बोली "हां मैं भी यही सोच रही हूं, एक काम करती हूं जाकर जल्दी से कुछ सैंडविच या फिर कुछ इंस्टेंट फूड खा लेती हूं खाना बाद में खा लूंगी!” ये बोलकर वो अंदर जाने लगी!
तभी मिहिका उसके सामने आकर खड़ी हुई और बोली "ये तुम्हारे बार की कोई पार्टी नहीं है जहां पर सब लोग तुम्हारा इंतजार करेंगे, ये मेरी और अथर्व की इंगेजमेंट पार्टी है! यहां पर लोग तुम्हें देखने नहीं आ रहे हैं, हमारी इंगेजमेंट पार्टी इंजॉय करने आ रहे हैं जिसके लिए ये डेकोरेशन बहुत ज्यादा जरूरी है! चुपचाप अपना काम खत्म करो और उसके बाद बेशक से कहीं भी दफा हो जाओ मुझे फर्क नहीं पड़ता!”
उसकी बातें सुनते हुए बुलबुल ने गुस्से से अपनी मुट्ठियां कस ली थी, पर तभी पीछे की तरफ से आवाज आई “ये लो तुम फिलहाल ये मैगी खा लो काम बाद में कर लेना!”
वो बात सुनकर बुलबुल हैरान रह गई थी और अब उसने मिहिका के पीछे देखा जहां पर यशोदा जी अपने हाथ में मैगी का बाउल लेकर खड़ी थी, खुद मिहिका भी एकदम दंग रह गई थी।
तभी सिया वहां पर आई और यशोदा जी के हाथ से मैगी का वो बाउल लेकर बुलबुल के करीब आते हुए बोली "यहां पर बेशक से कोई काम करने के लिए ही क्यों ना आया हो! है तो सब इंसान ही ना और इंसान की सबसे बड़ी जरूरत उसकी भूख होती है, अगर कोई हमारी जरूरत पूरी कर रहा है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हम सामने वाले की जरूरत का ख्याल रखें इसलिए तुम बेफिक्र होकर ये मैगी खाओ बुलबुल! उसके बाद तुम आराम से काम कर लेना…
बुलबुल के तो अब होश ही उड़ गए थे! उसने जल्दी से पूछा “मैं पक्का जिंदल मेंशन में ही हूं ना?”
उसकी बात पर सिया हंसते हुए बोली "हां तुम जिंदल मेंशन में ही हो, अब जल्दी से मैगी फिनिश करो!”
ये बोलते हुए उसने खुद से बुलबुल के हाथ में मैगी का बाउल रख दि
या और बुलबुल मुस्कुराने लगी, लेकिन मिहिका की गुस्से से मुट्ठियां कसी हुई थी।
सिया और यशोदा जी के कहने पर अब बुलबुल ने अपने हाथ में वो मैगी का बाउल ले लिया था और आराम से मैगी खाने लगी थी!
मिहिका गुस्से से उसकी तरफ देख रही थी, वो अब सिया की तरफ देखकर बोली "तुमने बुलबुल को ये मैगी देने से पहले अथर्व से पूछा है क्या?”
सिया हल्का सा मुस्कुरा कर बोली "मैं सांस लेने से पहले अथर्व भाई से नहीं पूछती हूं, उन्होंने मुझे इजाजत दे रखी है कि मैं अपनी मर्जी से सांस ले सकती हूं!”
उसका जवाब सुनकर मिहिका का मुंह बन गया और अब वो गुस्से से पैर पटकते हुए वहां से चली गई!
बुलबुल अभी भी अपनी मैगी इंजॉय कर रही थी और अब एक सर्वेंट वहां पर जूस का गिलास लेकर आया!
यशोदा जी ने सर्वेंट को बुलबुल की तरफ इशारा किया तो उस सर्वेंट ने जूस बुलबुल के सामने बढ़ा दिया!
बुलबुल ने मुस्कुराते हुए वो जूस का गिलास उठाया और बोली "थैंक गॉड इस घर में कुछ अच्छे लोग भी रहते हैं, वरना मुझे तो लगा कि यहां पर बस सिर्फ टॉक्सिक लोग रहते हैं! पर आप लोगों की अच्छाई देखकर अच्छा लगा, पर मुझे ये बताइए कि कहीं आप लोगों ने मेरे खाने में कुछ मिलाया तो नहीं है ना? कहीं मैं वॉशरूम में बैठी रह जाऊं?”
उसकी बात पर सिया जोरों से हंसने लगी, उसे हंसते हुए देख बुलबुल ने अपना लोअर लिप हल्का सा बाहर निकाला!
यशोदा जी उसके चेहरे को गौर से ही देख रही थी और ये अदा जो अभी-अभी बुलबुल ने की थी, वो रोशनी ने तो कभी नहीं की थी!
वो जल्दी से उसके पास आई और उसके सिर पर अपना हाथ रखकर बोली "ऐसा कुछ नहीं होगा! अगर इतनी ही प्रॉब्लम होती हमें तुमसे तो हम तुम्हें ये खाना भी नहीं देते, लेकिन अब हमने तुम्हें ये खाना दिया है तो इसका मतलब ये नहीं कि तुम बस इसी में लगी रहोगी! जल्दी से ये सब फिनिश करो और फिर अपना काम करो, मैं चाहती हूं कि अथर्व की इंगेजमेंट में किसी तरह की कोई कमी ना रहे!”
ये बोलते हुए उनकी नज़रें बुलबुल पर इंटेंस हो गई थी, जैसे वो उसके एक्सप्रेशंस पढ़ने की कोशिश कर रही हो और अब बुलबुल जल्दी से बोली "डोंट वरी दादी मां आपके पोते की इंगेजमेंट पार्टी में किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी! बहुत मेहनत की है मैंने ये सब डेकोरेशन करवाने में, आपके पोते की इंगेजमेंट पार्टी का तो पता नहीं लेकिन मैं अपनी मेहनत वेस्ट नहीं होने दूंगी!”
ये बोलते बोलते वो अचानक से रुकी जब उसने रिलाइज किया कि उसने यशोदा जी को दादी मां बोला है!
वही यशोदा जी भी हैरानी से उसकी तरफ देख रही थी! बुलबुल अब जल्दी से अपनी बात संभालते हुए बोली "मैं आपको दादी मां बुला सकती हूं क्या? या फिर मुझे आपको मैडम या फिर मिसेज जिंदल ही बुलाना होगा?”
यशोदा जी मुस्कुराई और बोली "तुम मुझे कुछ भी कह कर बुला सकती हो बेटा जो तुम्हारी मर्जी! अब तुम जल्दी से अपना खाना खत्म कर लो, मैं चलती हूं!”
ये बोलकर वो वहां से चली गई, जाते हुए उनके चेहरे पर बड़े ही अजीब से एक्सप्रेशन थे!
वो खुद से बड़बड़ाते हुए बोली "अगर ये लड़की रोशनी होती तो क्या ये अथर्व और मिहिका की इंगेजमेंट पार्टी पर इतनी ज्यादा खुश होती? माना इसने मेरे अथर्व को धोखा दिया लेकिन लड़कियों की फितरत से बहुत अच्छी तरह से परिचित हूं मैं! अगर किसी लड़की को कोई चीज पसंद भी नहीं होती है तो इसका मतलब ये नहीं कि वो वो चीज किसी और को दे देगी, वो उस चीज को भी अपने पास रखेगी और खासकर जब वो चीज बेहद खास हो! हे भगवान कहीं हम लोग कोई गलती तो नहीं कर रहे?” ये बोलते हुए उनके चेहरे पर परेशानी झलक रही थी।
वही सिया भी अब अंदर की तरफ आ गई थी! बुलबुल ने अपनी मैगी और जूस खत्म किया और उसके बाद वापस काम करवाने लगी, अब उसके पास बहुत कम टाइम बचा था।
वहीं दूसरी तरफ
अथर्व अपने रूम में था और रेडी हो रहा था!
वहीं दूसरी तरफ
मिहिका अपने रूम में थी और अब एक डिजाइनर उसके रूम में आई, वो मिहिका के लिए इंगेजमेंट का आउटफिट लेकर आई थी! अथर्व ने मिहिका को पहले ही उस डिजाइनर और आउटफिट के बारे में सब कुछ बता दिया था और अब मिहिका ने उसके हाथ में पकड़े हुए दूसरे बैग की तरफ देखा जिसमें एक और आउटफिट था!
उसने तुरंत उस डिजाइनर से उस आउटफिट के बारे में पूछा तो उस डिजाइनर ने बताया कि ये आउटफिट बुलबुल के लिए है और इसे भी अथर्व ने ही मंगाया है!
मिहिका ने चौंकते हुए पूछा “ओह रियली? और इस आउटफिट की कीमत क्या है?”
वो डिजाइनर हल्का सा मुस्कुरा कर बोली "मैं आपको एग्जैक्ट कीमत तो नहीं बता सकती, लेकिन इतना बता सकती हूं कि ये आउटफिट उतना ही एक्सपेंसिव है जितना आपका आउटफिट या फिर ये कहूं कि ये उससे थोड़ा ज्यादा ही एक्सपेंसिव है!”
उसकी इस बात पर मिहिका ने गुस्से से अपने जबड़े कस लिए थे, वो पहले से ही बुलबुल से हद से ज्यादा चिढ़ी हुई थी और अब ये देखकर कि उसका आउटफिट मिहिका के आउटफिट से भी ज्यादा महंगा है उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था और फिर अचानक ही उसके एक्सप्रेशंस चेंज होने लगे! उसके होठों पर तिरछी मुस्कुराहट तैर गई थी…
वो जल्दी से उस डिजाइनर को देखते हुए बोली "आप एक काम कीजिए ये आउटफिट मेरे पास ही रख दीजिए, एक्चुअली बुलबुल भी मेरे साथ ही रेडी होने वाली है तो ये आउटफिट उसे यहीं पर पहनना है! वो बस अभी 5 मिनट में आने वाली है, अब आप यहां से जा सकती हैं!”
उस डिजाइनर ने उसकी बात पर यकीन कर लिया और वहां से चली गई, मिहिका की नजरे अब उस आउटफिट पर थी और उसके होठों पर बेहद तिरछी मुस्कुराहट थी।
तकरीबन 15 मिनट बाद बुलबुल उस रूम में आई, उसके चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशन थे क्योंकि अभी-अभी एक सर्वेंट ने उसे बताया था कि उसे भी इंगेजमेंट पार्टी में शामिल होना है! ये अथर्व का आर्डर है और उसे इंगेजमेंट पार्टी में जो ड्रेस पहननी है वो मिहिका के रूम में है।
वो जैसे ही वहां पर आई उसकी नजर मिहिका पर गई जो चेयर पर बैठी थी और एक मेकअप आर्टिस्ट उसे रेडी कर रही थी।
बुलबुल ने मुंह बनाते हुए कहा “यहां पर मेरे लिए कोई आउटफिट रखा है क्या?”
मिहिका ने सामने बेड की तरफ देखा और बोली "अंधी तो नहीं हो तुम?”
बुलबुल मुस्कुरा कर बोली "मैं तो नहीं हूं लेकिन तुम पक्का अंधी हो इसीलिए तो तुम्हें चीजें ढंग से दिखाई नहीं देती! कभी किसी इंसान को देखा है क्या किसी नेवले के पास जाकर उसे कहे कि मुझसे शादी कर लो? पर तुम्हारा क्या? तुम खुद कौन सा किसी नेवली से कम हो?” ये बोलकर उसने वो आउटफिट उठाया और वहां से बाहर निकल गई!
वो मेकअप आर्टिस्ट बुलबुल की बात पर हंसने लगी थी, जैसे ही मिहिका ने उसे हंसते हुए देखा उस आर्टिस्ट ने तुरंत अपनी हंसी को कंट्रोल किया और वापस मिहिका को रेडी करने लगी!
वहीं दूसरी तरफ
बुलबुल अपने रूम में आई! अब इंगेजमेंट पार्टी शुरू होने में बहुत कम टाइम बचा था, लगभग से सिर्फ 5 मिनट और गेस्ट तो ऑलरेडी आना भी शुरू हो गए थे!
बुलबुल ने बैग ओपन किया और उसमें से ड्रेस निकाली तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई, उसमें एक ब्लैक कलर की खूबसूरत सी साड़ी थी!
बुलबुल को साफ समझ में आ रहा था कि वो साड़ी बहुत ज्यादा महंगी होगी, ऐसा नहीं था कि उसने कभी अच्छे कपड़े नहीं पहने थे लेकिन वो जब क्लब में भी कपड़े पहनती थी तो वो कपड़े अच्छे होते थे! फंक्शन में पहनने वाले होते थे लेकिन बहुत सस्ते होते थे और वो साड़ी तो देखने से पता चल रही थी कि कम से कम तीन-चार लाख रुपए की तो होगी, उस पर तरह-तरह के ब्रांड के टैग लगे हुए थे!
बुलबुल मुंह बनाते हुए बोली "खुद ये इंसान एक चवन्नी का नहीं लेकिन जब बात पैसे खर्चने की आती है तो ये अपनी जेब फाड़ कर भी खर्च कर देता है! काश भगवान आपने जितने इस आदमी को पैसे दिए हैं उतना दिमाग भी दिया होता तो आज मेरी जिंदगी गन्ने की तरह नहीं होती और ये आदमी उस गन्ने का जूस नहीं निकाल रहा होता!”
ये बोलकर अब वो तुरंत वॉशरूम की तरफ बढ़ गई थी और कुछ देर बाद वो टॉवल में लिपटी हुई वॉशरूम से बाहर आई!
अब उसने वो साड़ी पहनना शुरू किया, उसने जब ब्लाउज पहना तो वो हैरान रह गई क्योंकि वो ब्लाउज एकदम उसकी फिटिंग का था!
वो खुद को आईने में देखते हुए बोली "कितनी परफेक्ट फिटिंग गई है! क्या इस इंसान को सच में मेरी परफेक्ट फिटिंग पता है? कितना चालाक है ये इंसान हाथ लगाकर ही साइज पता लगा लेता है, हे भगवान शुक्र है तूने इस आदमी को लड़की नहीं बनाया… वरना जितना ये ठरकी है ना लड़की बनकर तो ये पक्का हर लड़के की पैंट को टच करता!”
ये बोलकर वो जोरों से हंसने लगी थी! अब उसने अपने चेहरे पर अच्छे से मेकअप लगाया और फिर तैयार होकर बाहर की तरफ आ गई!
वो खुद को तो ऐसे रेडी हुए बहुत बार देख चुकी थी, बार डांसर का तो काम ही होता था अच्छा दिखना लेकिन बाहर जो लोग थे उन्होंने शायद ही इतनी ज्यादा खूबसूरत लड़की पहले अपनी जिंदगी में कभी देखी हो!
ब्लैक कलर की साड़ी में बुलबुल हद से ज्यादा दिलकश और हद से ज्यादा सेक्सी लग रही थी, जब वो गार्डन एरिया में पहुंची तो सबकी नज़रें उस पर ठहरी हुई थी।
वहीं दूसरी तरफ
अथर्व अपने रूम में था और अब उसके असिस्टेंट नीरज ने उसे कॉल करके बताया कि बुलबुल बाहर गार्डन एरिया में आ गई है, अथर्व के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट थी!
अब वो सीढ़ियां उतरते हुए नीचे आया जहां पर मिहिका उसका इंतजार कर रही थी क्योंकि मिहिका उसके साथ ही बाहर जाना चाहती थी!
अथर्व की नजरे मिहिका के चेहरे पर थी जहां वो उसके एक्सप्रेशंस पढ़ने की कोशिश कर रहा था और उसके होठों की तिरछी मुस्कुराहट बता रही थी कि अथर्व ने जैसा सोचा था मिहिका ने बिल्कुल वैसा ही किया होगा! यूं ही अथर्व ने उस डिजाइनर को पहले मिहिका के रूम में नहीं भेजा था, यूं ही उसने बुलबुल के लिए वो ड्रेस नहीं मंगवाई थी! वो बहुत अच्छी तरह से जानता था कि उसे कौन सा तीर कब कहां और कैसे च
लाना है? बाकी फिर सामने वाला उसके इशारों से कैसे काम करेगा ये वो बहुत अच्छी तरह से जानता था….
जिंदल मेंशन
सब लोग बाहर गार्डन एरिया में इकट्ठे हो चुके थे, बहुत सारे मेहमान भी वहां पर आए हुए थे!
बुलबुल का मिहिका और अथर्व की इंगेजमेंट पार्टी में आने का मन तो नहीं था लेकिन वो अपने मन की कोई चीज कहां कर सकती थी? बेशक से वहां पर आना उसकी मजबूरी थी लेकिन उसकी लुक्स बहुत ही ज्यादा अट्रैक्टिव लग रही थी इसलिए गार्डन एरिया में जितने भी लोग थे बार-बार उनकी नजर बुलबुल पर ही जा रही थी और बुलबुल बस अपने काम से काम रख रही थी! वो देख रही थी कि किसी चीज की कोई कमी ना रहे…
तभी मिहिका उसके सामने आकर खड़ी हुई और उसे गहरी निगाहों से देखते हुए बोली "खूबसूरत तो काफी लग रही हो तुम!”
बुलबुल मुस्कुराई और बोली "शुक्रिया लेकिन तुम्हारी तारीफ भी मुझे जहर में घुली हुई लग रही है, कहीं तुम्हारे दिमाग में कोई गड़बड़ तो नहीं चल रही? पता नहीं क्यों मुझे तुम्हारा मूंह किसी धनुष की तरह लगता है जिसमें से कभी भी कोई तीर चल सकता है!”
उसकी बात पर मिहिका का चेहरा गुस्से से लाल होने लगा था! वो अब दांत पीसते हुए बोली "मैं यहां पर तुमसे नॉर्मल बात करने आई थी लेकिन लगता है कि तुमसे बात करना बेकार है!”
बुलबुल अभी भी मुस्कुरा कर बोली "तो मत किया करो ना, मैं कौन सा तुम्हें इनवाइट करने गई थी कि आओ बहन चुगली करें? अगर तुम दुनिया की आखिरी प्राणी भी होगी ना जिससे मैं बात कर सकूं तो मैं तुमसे बात करना बिल्कुल पसंद नहीं करूंगी! चलो अब निकलो यहां से और जाकर अपनी इंगेजमेंट पार्टी इंजॉय करो!”
मिहिका एटीट्यूड से बोली "वो तो एंजॉय करूंगी ही लेकिन अब तुम मेरी बात कान खोल कर सुनो, जरा खुद को संभाल कर रखना! कहीं ऐसा ना हो कि इस पार्टी में तुम्हारी बेइज्जती हो जाए?”
उसकी इस बात पर बुलबुल की आईब्रो ऊपर की तरफ उठ गई थी, पहले तो उसे शक हो रहा था कि पक्का मिहिका के दिमाग में कोई ना कोई खतरनाक प्लान चल रहा है लेकिन अब तो उसे कंफर्मेशन होने लगी थी!
वो जल्दी से बोली "मुझे बताओ क्या रायता फैलाने का सोच रही हो तुम? देखो अगर तुमने मेरे साथ…
उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही मिहिका जोरों से हंसने लगी थी, उसे हंसते हुए देख बुलबुल मुंह बनाकर बोली "हंसते हुए तुम बिल्कुल सरूपनखा लगती हो और मेरा मन करता है मैं तुम्हारी नाक काट दूं!”
मिहिका ने एक गहरी सांस ली और तिरछी मुस्कुराहट के साथ बोली "नाक तो आज तुम्हारी कटेगी और वो भी सबके सामने जस्ट वेट एंड वॉच बेबी!”
ये बोलकर वो तुरंत वहां से चली गई और बुलबुल सोच में पड़ गई कि आखिर मिहिका उसके साथ करने क्या वाली है? डरती तो वो बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन वो अपना तमाशा भी नहीं बनवाना चाहती थी और वो भी अथर्व और मिहिका की इंगेजमेंट पार्टी में तो बिल्कुल भी नहीं, जहां पर अथर्व उसे भर भर कर बातें सुनाए पर वो कुछ ज्यादा सोचती उससे पहले उसकी नजर रमन पर गई जो इधर-उधर अपनी नजरे घुमा रहा था!
वो शायद बुलबुल को ही ढूंढ रहा था और अब अचानक से रमन की नजरे भी बुलबुल पर गई! बुलबुल उसकी तरफ जाती उससे पहले रमन ने उसकी तरफ अपने कदम बढ़ा दिए थे तो बुलबुल के चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गई क्योंकि अब उसे कंफर्म हो गया था कि रमन उसे ही ढूंढ रहा है!
रमन अब उसके सामने आकर खड़ा हुआ और उसकी तरफ अपना हाथ बढ़ाते हुए बोला "Hey Beautiful…
बुलबुल ने चौकते हुए अपने आसपास देखा, रमन मुस्कुरा कर बोला "मैंने तुम्हें ही ब्यूटीफुल कहा है और सच बताऊं तुमसे ज्यादा खूबसूरत तो इस पार्टी में मुझे और कोई नजर भी नहीं आ रहा!”
बुलबुल हंस कर बोली "तुम सच में फ्लर्ट बहुत अच्छा कर लेते हो!”
रमन ने अपनी गर्दन पर अपनी दो उंगलियां रखी और चिकोटी काट कर बोला "मैं सच में कोई फ्लर्ट नहीं कर रहा हूं, मैं इस टाइम बिल्कुल सीरियस हूं! तुम सच में बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही हो… इतनी ज्यादा खूबसूरत कि तुम्हारे सामने जिसकी इंगेजमेंट है वो भी फीकी पड़ चुकी है! उसकी तरफ तो मेरा देखने का भी मन नहीं कर रहा है…
उसके मुंह से अपनी तारीफ सुनकर तो बुलबुल को मजा आए ना आए लेकिन मिहिका की बेज्जती सुनकर तो उसे सुकून पड़ रहा था, वो अब हंसने लगी थी और रमन उसकी मुस्कुराहट को देख रहा था!
बुलबुल हंसते-हंसते रुकी और बोली "ये बात अगर तुमने उसके सामने कह दी ना तो वो चुड़ैल पक्का चिढ़ जाएगी!”
रमन जल्दी से बोला "वैसे तुमने ये नाम उसे अच्छा दिया है चुड़ैल! लगती तो वो चुड़ैल ही है, यू नो व्हाट मेरे अंदर एक सेंस है कि मैं लोगों को बहुत जल्दी पहचान जाता हूं और सीरियसली कहूं मुझे तुम जितनी मासूम और प्यारी लगती हो ना वो उतनी ही ज्यादा मैनिपुलेटिव और बेकार सोच वाली लगती है! आई डोंट नो व्हाय पर ये शायद मेरा टैलेंट है कि मैं लोगों को बहुत अच्छी तरह से पहचान सकता हूं और उनके चेहरे पढ़ सकता हूं, उनके दिल पढ़ सकता हूं और सीरियसली कहूं वो लड़की तुम्हारे लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है! ऐसा लगता है जैसे उसके दिल में तुम्हारे लिए बहुत ज्यादा जहर भरा है!”
उसकी बात पर बुलबुल ने अब उसके सीने पर अपना हाथ रखा और बोली "शांत हो जाओ रमन शांत हो जाओ!” ये बोलते हुए वो उसके सीने को अपने हाथ से सहला रही थी और दूर खड़ा अथर्व ये सब कुछ देख रहा था!
उसके हाथ में वाइन का गिलास था और इस वक्त उस गिलास पर उसका हाथ बहुत ज्यादा कसा हुआ था!
खुद रमन भी हैरानी से बुलबुल को देख रहा था, जिस तरह से बुलबुल उसके सीने को सहला रही थी उसका तो दिल बुलबुल पर फिदा हो रहा था और अब उसने बुलबुल के हाथ पर अपना हाथ रख दिया और बड़ी ही अदा से बोला "ऐसे मत करो ब्यूटीफुल वरना मेरा दिल मेरे सीने से बाहर निकल आएगा!”
बुलबुल एक बार फिर से हंसने लगी थी और अब उसने अपना हाथ वापस खींच लिया, तभी होस्ट ने अनाउंसमेंट की!
वो अथर्व और मिहिका को स्टेज पर इनवाइट कर रहा था और अब मिहिका जल्दी से अथर्व की तरफ आई और उसकी बाजू में अपनी बाजू उलझाते हुए बोली "चलें?”
अथर्व ने एक नजर बुलबुल और रमन की तरफ देखा जो अब हंस नहीं रहे थे बल्कि स्टेज की तरफ देख रहे थे, उन दोनों को देखकर अथर्व मिहिका के साथ स्टेज की तरफ बढ़ गया!
वो दोनों स्टेज पर आए तो सब लोग उनके लिए क्लैपिंग करने लगे थे! यशोदा जी बुलबुल की तरफ देख रही थी, एक बार फिर से वो उसके एक्सप्रेशंस पढ़ने की कोशिश कर रही थी और बुलबुल का चेहरा बिल्कुल नॉर्मल था! उसे अथर्व की इंगेजमेंट से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था और ये बात यशोदा जी को सच में परेशान किए जा रही थी!
तभी गायत्री जी वहां पर आई और उनके कान भरते हुए बोली "देखा आपने इस लड़की को? कैसे अथर्व की जिंदगी बर्बाद करके ये दूसरों के साथ हंस रही है!”
यशोदा जी जल्दी से बोली "तो अथर्व क्या कर रहा है? वो भी तो दूसरों के साथ अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रहा है ना?”
गायत्री जी अपनी बात संभालते हुए बोली "हां वो बढ़ रहा है अपनी जिंदगी में आगे, तो और क्या करें? अब इस लड़की के लिए अपनी जिंदगी बर्बाद थोड़ा ना करेगा! ये तो शुक्र है कि उसने खुद को वक्त रहते संभाल लिया वरना आप तो जानती है, जितना प्यार वो इस लड़की से करता था वो इसके लिए जान भी दे सकता था!”
यशोदा जी अब हल्का सा मुस्कुराई और बोली “लेकिन उसने अपनी जान दी तो नहीं ना? और अगर भगवान ने उसकी जान बचाई है तो पक्का उनके भी कुछ इरादे होंगे, उन्होंने भी अथर्व और रोशनी या यूं कहूं कि बुलबुल के लिए कुछ सोचा होगा!”
गायत्री जी हैरानी से उनकी तरफ देख रही थी! कुछ वक्त पहले तक तो यशोदा जी बुलबुल के बिलकुल खिलाफ थी और अब वो बुलबुल के लिए ऐसी बात कर रही थी जैसे उनके दिल में बुलबुल के लिए सॉफ्ट कॉर्नर हो, उनके एक्सप्रेशंस तुरंत बदल गए थे।
वहीं दूसरी तरफ
अथर्व और मिहिका दोनों एक दूसरे के सामने खड़े थे और अब मिहिका ने अथर्व के हाथ में रिंग पहनाई, अथर्व की नजरे अभी भी बुलबुल पर थी जो सबसे ज्यादा जोरों से तालियां बजा रही थी ये सोचकर कि कम से कम अथर्व ने इंगेजमेंट तो की… अगर उन दोनों की शादी हो जाएगी तो अथर्व उसका पीछा छोड़ देगा!
वो अपने हाथों को ऊपर उठाकर तालियां बजा रही थी और रमन उसकी इस हरकत पर हंस रहा था! अब उसने रमन के हाथों को भी ऊपर किया और बोली "अगर तुम्हें मैं सच में खूबसूरत लगती हूं तो तुम्हें मेरी खूबसूरती की कसम, जब तक इन दोनों कड़वा कड़वी की इंगेजमेंट नहीं हो जाती तब तक तुम्हारी तालियां नहीं रुकनी चाहिए!” ये बोलते हुए वो खुद भी हंसे जा रही थी!
रमन वैसे ऐसी हरकत कर नहीं सकता था क्योंकि वो खुद एक बहुत रेपुटटेड फैमिली से आता था, लेकिन बुलबुल के लिए तो वो ये भी करने को तैयार हो गया था! उसने सच में अपनी कलाइयों को ऊपर उठाते हुए अथर्व और मिहिका के लिए क्लैप करना शुरू कर दिया था!
उसकी ये हरकत देखकर अथर्व बुरी तरह से चिढ़ गया था और अब मिहिका ने उसके हाथ में रिंग पहनाई तो उसके हाथ पर हल्की सी खरोच आ गई!
वो गुस्से से बोला “तुम्हें रिंग पहनानी भी नहीं आती है क्या?”
मिहिका जल्दी से बोली "एम सो सॉरी अथर्व वो शायद गलती से लग गई!”
अथर्व दांत पीसते हुए बोला "ऐसी गलतियां मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा!”
मिहिका धीमी सी आवाज में बोली "प्लीज ऐसे गुस्सा मत करो अथर्व, हम लोग सबके सामने है और मुझे सबकी फिक्र नहीं है! अगर बुलबुल ने तुम्हारे गुस्से को देखा तो…
उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही अथर्व गुस्से से बोला "मुझे किसी से कोई लेना देना नहीं, कोई क्या सोचता है और क्या नहीं! I Just Don't Give A Damn…
उसका गुस्सा देखकर मिहिका भी दंग रह गई थी।
वहीं दूसरी तरफ
स्टेज से नीचे खड़े लोग तालियां अभी भी बजा रहे थे और सबसे ज्यादा तालियों की आवाज बुलबुल और रमन की ही आ रही थी लेकिन रमन की नजरे स्टेज पर नहीं बल्कि बुलबुल पर थी! वो उसकी मासूमियत को देख रहा था और खुद यशोदा जी की नजरे भी बुलबुल पर ही टिकी हुई थी!
वहीं अब स्टेज पर खड़े अथर्व ने होस्ट की तरफ देखा और कुछ इशारा
किया तो होस्ट ने जल्दी से अपना चेहरा हां में हिलाया, वो अथर्व का इशारा अच्छे से समझ गया था!
जैसे ही अथर्व ने होस्ट की तरफ देखा होस्ट उसका इशारा तुरंत समझ गया था, अब उसने माइक पर डांस परफॉर्मेंस की अनाउंसमेंट की और उसके लिए उसने सभी कपल्स को ऊपर स्टेज पर बुलाया!
अनाउंसमेंट सुनकर सभी कपल्स एक दूसरे की तरफ देखने लगे थे, रमन तो ऑलरेडी बुलबुल की तरफ देख रहा था लेकिन वो दोनों एक कपल नहीं थे पर रमन का बुलबुल के साथ डांस करने का बहुत मन कर रहा था!
बुलबुल ने जब उसकी नजरों को खुद पर महसूस किया तो वो जल्दी से बोली "क्या? ऐसे क्या देख रहे हो मुझे?”
रमन हल्का सा मुस्कुराकर बोला "क्या तुम मेरे साथ डांस कर सकती हो?”
बुलबुल एक पल के लिए हैरान हुई और अगले ही पल हल्का सा मुंह बनाकर बोली “डांस तो तुम्हारे साथ एक बार क्या मैं हजार बार कर लूं, मेरा तो काम ही नाचना है लेकिन प्रॉब्लम ये है कि मैं इस कड़वा कड़वी की इंगेजमेंट में बिल्कुल नहीं नाचना चाहती!”
रमन ने उसकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और जल्दी से बोला "लेकिन मेरे लिए प्लीज, आई रिक्वेस्ट यू बुलबुल!”
जैसे ही उसने कहा बुलबुल अब उसकी बात पर मना नहीं कर पाई और उसने अपना हाथ रमन की तरफ बढ़ा दिया तो रमन ने तुरंत उसका हाथ अपने हाथ में थाम लिया! उसके चेहरे पर लंबी सी स्माइल आ गई थी…
अब वो जल्दी से उसे लेकर स्टेज की तरफ आ गया था और उन दोनों को स्टेज पर आते हुए देख अथर्व के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट थी, वो बहुत अच्छी तरह से जानता था कि अब आगे क्या होने वाला है?
वहीं दूसरी तरफ
बुलबुल जो स्टेज की तरफ आ रही थी उसका चेहरा एकदम खिला हुआ था, उसे अथर्व और मिहिका की इंगेजमेंट पर डांस वगैरह करना तो नहीं था लेकिन रमन का दिल रखने के लिए वो डांस कर रही थी पर ऐसा नहीं था कि वो सच में उदास या मायूस थी! वो तो बहुत ज्यादा खुश थी लेकिन शायद बहुत जल्दी उसकी खुशियों को नजर लगने वाली थी!
पीछे से उसका ब्लाउज कमर की तरफ से लगातार फट रहा था, धीरे-धीरे उसकी सिलाई उखड़ रही थी!
रमन ने एक नजर अथर्व और मिहिका की तरफ देखा और बोला "वैसे ये दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे लगते हैं!”
बुलबुल जल्दी से बोली "कड़वा तो कड़वी के साथ ही अच्छा लगेगा, मैं तो कहती हूं जल्दी-जल्दी इन दोनों की शादी भी हो जाए और मैं यहां से बाहर निकलूं!”
रमन ने चौंकते हुए पूछा “व्हाट डू यू मीन? क्या इन लोगों ने तुम्हें जबरदस्ती…
उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही म्यूजिक स्टार्ट हो गया तो रमन की आवाज आगे बुलबुल को ढंग से सुनाई तक नहीं दी!
बुलबुल अब जल्दी से बोली "अब ध्यान से मेरी बात सुनो, वैसे तो मेरा डांस करने का कोई मन नहीं था लेकिन अगर अब हम डांस कर ही रहे हैं तो अच्छे से करना! कहीं मेरी नाक मत कटवा देना वरना लोग कहेंगे नाचने वाली को ही नाचना नहीं आता!” ये बोलकर उसने खुद से ही अपना हाथ रमन के कंधे पर रख दिया था!
रमन उसके होंठों को पढ़ने की कोशिश कर रहा था क्योंकि इतने लाउड म्यूजिक में उसे बुलबुल की बात तो सुनाई ही नहीं दे रही थी! बैकग्राउंड में म्यूजिक चल रहा था…
हां दिलबर की आंखों का दीदार ना किया,
क्या खाक वो जिया जिसने प्यार ना किया!
जैसे ही सॉन्ग स्टार्ट हुआ बुलबुल हैरान रह गई क्योंकि ये तो बिल्कुल उसकी चॉइस का सॉन्ग था, उसे ऐसे गानों पर डांस करना बहुत अच्छा लगता था! स्लो और रोमांटिक सोंग्स पर उससे बिल्कुल डांस नहीं होता था…
उसका चेहरा अब और भी ज्यादा खिल गया था! रमन अजीब सा मुंह बनाते हुए बोला "ये कैसा सॉन्ग सिलेक्शन है? ऐसे टाइम पर इस तरह के सोंग्स कौन लगाता है?” ये बोलते हुए वो बुलबुल के चेहरे पर झुका हुआ था तो बुलबुल को उसकी बात साफ सुनाई दे रही थी!
वो जल्दी से बोली "क्यों? इस सॉन्ग में क्या प्रॉब्लम है? मुझे तो ये बहुत पसंद है और अब बस तुम डांस करो!” ये बोलकर अब वो हल्का सा उससे अलग हुई और दूसरे ही पल उसने अपने हाथ को पूरा फैलाया तो उसका वो ब्लाउज जो पहले थोड़ा फटा हुआ था अब एकदम से ही थोड़ा ज्यादा फट गया!
दिलबर की आँखों का दीदार ना किया,
क्या खाक वो जिया जिसने प्यार ना किया!
अथर्व की नजरे उस पर ही टिकी हुई थी और वो उसका फटा हुआ ब्लाउज साफ देख सकता था और उसे देखते हुए उसके चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट थी जैसे यही तो वो चाहता हो!
ना किया ना किया,
जिसने प्यार ना किया
क्या किया क्या किया!
क्या किया जिसने प्यार ना किया…
मिहिका ने अब उसके सीने पर अपना हाथ रखा और गहरी मुस्कुराहट के साथ बोली "मैं जानती हूं बुलबुल की वजह से तुम्हारा मूड बहुत ज्यादा स्पॉइल है, बट डोंट वरी आज उसकी इज्जत की ऐसी धज्जियां उड़ेगी ना कि वो सब देखकर तुम्हें बहुत सुकून मिलेगा!”
आँखों को आँखों से,
किसी की चार ना किया
क्या खाक वो जिया जिसने,
प्यार ना किया!
मिहिका की बातों का मतलब अथर्व बहुत अच्छी तरह से समझ रहा था, उसने भी अब मिहिका का हाथ पकड़ा और उसे गोल-गोल घुमाया!
रमन ने भी बुलबुल को वापस अपनी तरफ घुमाया और फिर उसके दोनों हाथों को अपने अपोजिट साइड में पकड़कर उसकी पीठ को अपने सीने से लगा लिया, उन दोनों को यूं इतने करीब देखकर अथर्व के चेहरे पर अब अजीब से एक्सप्रेशंस आने लगे थे!
बुलबुल अपनी पीठ को हल्का-हल्का उसके सीने से रगड़ रही थी जिसकी वजह से वो दोनों काफी हॉट और सेक्सी लग रहे थे!
प्यार सच्चा अगर चाहिए,
तो दुआ में असर चाहिए!
रमन के नॉर्मल से डांस के लिए तो जैसे अथर्व ने खुद को पूरी तरह से प्रिपेयर कर रखा था लेकिन उन दोनों का इस तरह का डांस वो बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था जिसकी वजह से उसका खुद का हाथ मिहिका की कमर पर कसा जा रहा था और अब मिहिका के मुंह से दर्द भरी आह निकली!
वो जल्दी से बोली "संभल कर अथर्व मुझे पेन हो रहा है!”
प्यार सच्चा अगर चाहिए,
तो दुआ में असर चाहिए!
अथर्व गुस्से से बोला “तो मैं क्या करूं? अगर इतना ही पेन हो रहा है तो मत करो डांस और दफा हो जाओ यहां से!” ये बोलते हुए उसका चेहरा गुस्से से एकदम लाल था और उसका गुस्सा देखकर मिहिका भी दंग रह गई थी!
वो जल्दी से बोली "शांत हो जाओ अथर्व वरना सब कुछ बर्बाद हो जाएगा, बस खुद सेकंड का इंतजार और करो उसके बाद तुम्हारे जलते हुए दिल को सुकून जरूर मिलेगा!” ये बोलते हुए अब वो अथर्व से थोड़ा दूर हुई और फिर घूमते हुए वापस उसके सीने पर आई लेकिन इस बार अथर्व ने उसे अपनी बाहों में कसकर नहीं पकड़ा!
उसका हाथ नीचे की तरफ था और उसकी नज़रें बुलबुल की तरफ…
वही बुलबुल ने अब रमन के कंधे पर अपना हाथ रखा और फिर गोल-गोल घूमने लगी, वो उसके आसपास घूम रही थी और रमन उसकी कमर पर अपना हाथ रख रहा था और फिर उसने बुलबुल के दोनों हाथों को अपने हाथ में लिया और फिर बुलबुल एक झटके से पीछे की तरफ हुई!
अब वो पूरी तरह नीचे की तरफ बेंड हुई हुई थी और उसका हाथ भी नीचे की तरफ ही लटक रहा था।
बुज़दिलों का नहीं काम ये,
प्यार में तो जिगर चाहिए!
रमन का हाथ बुलबुल की कमर पर था और अब बुलबुल का वो ब्लाउज और भी ज्यादा फटने लगा था और लास्ट के बस कुछ धागे अटके हुए थे जो किसी भी वक्त खुल सकते थे!
रमन का हाथ लगातार बुलबुल की कमर पर कस रहा था और उसका चेहरा पूरी तरह से बुलबुल के सीने में झुका हुआ था, वो उसके सीने को अपने चेहरे से हल्का-हल्का टच कर रहा था और बुलबुल ऊपर की तरफ उठने लगी तो वो टच और भी ज्यादा इंटेंस हो गया!
अब बुलबुल एक झटके से ऊपर की तरफ आई तो उसके ब्लाउज के वो लास्ट के कुछ धागे भी बुरी तरह से उखड़ गए और फिर दूसरे ही पल उसका ब्लाउज एक तरफ से पूरा फट गया!
उसके स्लीव्स नीचे की तरफ गिर गए और उसकी ब्रा साफ दिखने लगी पर तभी किसी ने उसे अपनी बाहों में पूरी तरह से कस लिया और वो इंसान कोई और नहीं खुद अथर्व ही था!
उसका चेहरा गुस्से से एकदम लाल हो चुका था और बुलबुल की आंखें फटी की फटी रह गई थी, वो अपना फटा हुआ ब्लाउज महसूस कर सकती थी! उसका बदन एक पल के लिए पूरी तरह से कांप गया था…
इश्क हुआ पर खुलके इजहार ना किया,
क्या खाक वो जिया जिसने प्यार ना किया!
वही अथर्व का दिल बुरी तरह से जल रहा था, यही तो वो चाहता था लेकिन पता नहीं जब ये सब होने को था तो वो क्यों खुद पर कंट्रोल खो बैठा? उसे अब खुद पर गुस्सा आ रहा था और ये गुस्सा क्यों था ये वो खुद भी नहीं जानता था!
सब लोग जो डांस कर रहे थे वो अब स्टेज से नीचे उतर गए थे और बाकी सब मेहमान भी स्टेज की तरफ देख रहे थे जहां पर अथर्व बुलबुल रमन तीनों एक दूसरे के सामने खड़े थे! म्यूजिक बंद हो चुका था, वहां पर एकदम सन्नाटा पसरा हुआ था…
यशोदा जी के साथ बाकी सब की नजरे भी स्टेज पर ही टिकी हुई थी, बुलबुल को यूं देखकर यशोदा जी को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था!
वहीं रमन हैरानी से अथर्व और बुलबुल की तरफ देख रहा था और अब मिहिका जल्दी से अथर्व के पास आई और बोली "ये क्या किया तुमने अथर्व? मेरा सारा प्लान बर्बाद…
उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही वो चुप हो गई थी और अब उसकी कही हुई बातें बुलबुल के कानों में गूंज रही थी “जरा खुद को संभाल कर रखना, कहीं ऐसा ना हो कि इस पार्टी में तुम्हारी बेइज्जती हो जाए? नाक तो आज तुम्हारी कटेगी और वो भी सबके सामने जस्ट वेट एंड वॉच बेबी!”
वो बातें याद करते हुए बुलबुल की आंखों से आंसू बह गए थे, उसे तकलीफ अपने कपड़े फटने की नहीं हो रही थी बल्कि इस बात की हो रही थी कि एक औरत दूसरी औरत से किस तरह दुश्मनी निकाल सकती है! एक औरत को बेइज्जत करने के लिए किस हद तक गिर सकती है और अब उसने एक झटके से अथर्व को धक्का दिया क्योंकि मिहिका की बातों से उसे क्लियर हो गया था कि अथर्व भी इन सब चीजों में शामिल है!
अथर्व हल्का सा पीछे की तरफ लड़खड़ा गया क्योंकि वो इस धक्के के लिए तैयार नहीं था और अब दूसरे ही पल बुलबुल ने अपनी गुस्से भरी नजरे मिहिका पर डाली और फिर अपना हाथ अपने सीने पर रखा और उसका जो ब्लाउज थोड़ा बहुत उसके सीने पर था उसे भी खुद ही बुरी तरह से फाड़ दिया!
मिहिका की आंखें फटी की फटी रह गई!
बुलबुल अब अपनी ब्रा में थी लेकिन वो ब्रा स्पोर्ट्स वेयर की तरह थी जिससे उसके क्लीवेज भी पूरी तरह से बाहर दिखाई नहीं दे रहे थे!
जिंदल मेंशन
बुलबुल ने खुद से ही अपना ब्लाउज बुरी तरह से फाड़ दिया था जिसके बाद अब वो सिर्फ ब्रा में रह गई थी, लेकिन वो ब्रा स्पोर्ट्स वेयर थी तो उसके क्लीवेज इतनी अच्छी तरह से बाहर नहीं आ रहे थे लेकिन फिर भी अकेली ब्रा में सबके सामने होना बहुत बड़ी बात थी और ऐसा करने के लिए बहुत हिम्मत भी चाहिए थी और इस वक्त बुलबुल का चेहरा गुस्से से जितना लाल था और जितना गुस्सा उसकी आंखों में नजर आ रहा था ऐसा लग रहा था जैसे वो कपड़ों के साथ-साथ किसी इंसान को भी पूरी तरह से चीर फाड़ कर रख सकती है और अब उसकी गुस्से भरी नजरे मिहिका पर टिकी हुई थी।
वो मिहिका की तरफ देखते हुए बोली "यही करना चाहती थी ना तुम? लो कर दी मैंने तुम्हारी ख्वाहिश पूरी, खुद से ही अपने कपड़े बुरी तरह से फाड़ दिए! अब बताओ क्या मिला तुम्हें? दुबई में कोई 3 बीएचके फ्लैट मिल गया या फिर बैंक वालों ने 50 करोड़ की एफडी तुम्हारे नाम करवा दी? बताओ ना क्या मिला तुम्हें सुकून? कैसा सुकून? जरा बताना अब तुम्हारे तरबूजे पर ऐसे कौन से पंछी आकर बैठ गए जिससे तुम्हारे तरबूज को बहुत शांति मिल रही है?”
मिहिका दांत पीसते हुए बोली "अपनी घटिया बातें बंद करो!”
बुलबुल गुस्से से चिल्ला कर बोली "मेरी बातें तुम्हें घटिया लग रही है लेकिन अपनी हरकतें? उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाहोगी क्या तुम? वेट मुझे लगता है अभी तुम्हें अच्छे से सुकून मिला नहीं है, लेकिन मैं हूं ना और जब तक मैं हूं तब तक तुम्हें किसी चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है!” ये बोलकर वो दूसरी तरफ घूमी जहां पर सब लोग खड़े थे!
वो अब सब लोगों की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोली "मैं हूं बुलबुल! मिस्टर अथर्व जिंदल की वेडिंग प्लानर और उनकी होने वाली बीवी ने मेरे ब्लाउज के साथ छेड़छाड़ की ताकि मेरा ब्लाउज सबके सामने फट जाए और सबके सामने मेरा अंग प्रदर्शन हो, पर मुझे नहीं लगता कि फिलहाल ऐसा कुछ हो रहा है! मुझे नहीं लगता कि मेरे कोई अंग सामने से दिखाई दे रहे हैं जिनसे बाकियों के फड़फड़ाते हुए दिलों को शांति या सुकून मिल सके और मुझे ये समझ में नहीं आता कि जब भी किसी को किसी से कोई बदला लेना होता है, किसी को नीचा दिखाना होता है तो वो इस तरह की हरकतें क्यों करता है? मतलब क्या हो जाता है इन हरकतों से? क्या हो जाएगा अगर मेरा कोई अंग किसी को दिखाई भी दे देगा तो? क्या उससे मैं मर जाऊंगी या फिर मेरी जिंदगी खत्म हो जाएगी? बिल्कुल भी नहीं! ऐसे कड़वे लोगों की कड़वी हरकतों से मेरी जिंदगी पर घंटा फर्क नहीं पड़ने वाला लेकिन ऐसी हरकतें करने वाले लोग ना अपनी जिंदगी में कभी कुछ बन पाते हैं और ना ही कभी कुछ कर पाते हैं, जिनकी सोच ही सिर्फ इन सब चीजों तक होती है वो अपनी जिंदगी में क्या घंटा उखाड़ पाएंगे? पर उखाड़ने के लिए उनके पास है ही क्या? खुद तो लोगों के बिस्तर पर सो कर उन्हें खुश करने में लगे हुए हैं ताकि लोग खैरात में इनसे शादी कर सके और फिर इन्हें लग्जरियस लाइफ मिल सके क्योंकि हार्ड वर्क के नाम पर तो ये अपना पिछवाड़ा भी खुद से धोने का दम नहीं रखते!”
उसकी बात पर मिहिका गुस्से से चिल्ला कर बोली "बस बहुत बोल लिया तुमने! मैं सुन रही हूं तुम्हारी बकवास इसका मतलब ये नहीं कि कुछ भी बोलती जाओगी और तुम ये मुझ ऊपर क्या इल्जाम लगा रही हो? हां मेरे अथर्व के साथ फिजिकल रिलेशन है, हम दोनों के बीच बहुत कुछ हुआ है और क्यों नहीं होगा? वो बॉयफ्रेंड था मेरा और अब पति बनने वाला है और अपने पति को खुश रखना हर लड़की का फर्ज होता है!”
बुलबुल इरिटेट होकर बोली "तो फिर जाकर अपना फर्ज निभाओ ना, मेरे कपड़े फाड़ने में क्यों लगी हुई हो? मेरे कपड़ों की वजह से तुम्हें ऐसे कौन से दस्त लगे हुए हैं जो रुक ही नहीं रहे?”
उसकी बातें सुनते हुए सब लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि उन्हें इमोशनल होना है या फिर हंसना है?
रमन अब बुलबुल के पास आया और उसके कंधों पर अपना जैकेट रखते हुए बोला "इसे पहन लो!”
बुलबुल ने तुरंत उस जैकेट को उसे वापस दिया और बोली "मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं है! ऐसे कपड़े पहनने की आदत है मुझे लेकिन फिर भी इस बात का घमंड है कि इतने छोटे कपड़े पहन कर भी सामने वाले की हिम्मत नहीं होती मुझे मेरी इजाजत के बिना छूने की और यहां ये मैडम क्लास के कपड़े पहन कर भी सामने वाले के एक इशारे पर नंगी हो जाती हैं!”
रमन उसकी बातें सुनते हुए कंफ्यूज हो रहा था कि आखिर बुलबुल ऐसा भी क्या काम करती है? लेकिन वो फिलहाल बुलबुल से कुछ पूछ नहीं सकता था।
मिहिका बुलबुल की तरफ देखते हुए बोली "मैं तुम्हारा खून कर दूंगी!” ये बोलते हुए वो उसकी तरफ बढ़ने लगी थी!
तभी यशोदा जी वहां पर आई और बोली "बस बहुत तमाशा हो गया! आज के लिए इतना तमाशा काफी है, मैंने नहीं सोचा था अथर्व तुम्हारी शादी में ऐसा कुछ होगा लेकिन अब कोई किसी से कुछ नहीं कहेगा! सब लोग अपने-अपने कमरे में जाओ और प्लीज आप लोग भी यहां से चले जाइए, आज का फंक्शन यहीं पर खत्म होता है… ये बोलते हुए उन्होंने सबके सामने अपने हाथ जोड़ लिए!
अथर्व तुरंत अपनी पॉकेट में हाथ डालकर वहां से चला गया, मिहिका गुस्से से बुलबुल की तरफ देख रही थी!
बुलबुल ने अपनी आंख मारी और बोली "आइंदा मेरे साथ ऐसी हरकत मत करना, वरना अगर मैं करने को आई तो तुम तो मेरी बराबरी भी नहीं कर पाओगी! मेरा फिगर तो फिर भी मस्त है… लोगों को दिखाऊं तो सेक्सी लगूंगी, तुम्हारा फिगर तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने पूरा आम चूस कर गुठली बड़े गंदे तरीके से जमीन पर फेंक दी!”
उसकी इस बात पर मिहिका का गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया था, वो पैर पटकते हुए वहां से चली गई और अब यशोदा जी के हंसने की आवाज आई!
यशोदा जी को हंसते हुए देख बुलबुल ने मुंह बनाया! रमन बुलबुल की तरफ देख रहा था, वो अब धीमी सी आवाज में बोला "मैं चलता हूं… ये बोलकर वो वहां से चला गया क्योंकि यशोदा जी ने सबको ही जाने के लिए बोल दिया था तो वो कैसे ही रुक सकता था?
बुलबुल की नजरे अभी भी यशोदा जी पर थी जो जोरों से हंसे जा रही थी! वो मुंह बनाते हुए बोली "इतना हंसिए मत, ये कोई हंसने की बात नहीं है! एक तो मैं वैसे ही परेशान हूं… पहले भी लोग सारा दिन बस मेरे इन टुनटुन को देखते रहते थे जैसे ना जाने यहां पर कौन सा मीना बाजार छुपा हुआ है? कभी-कभी तो मेरा मन करता है इन्हें कटवा कर साइड में रख दूं! ना ये होंगे और ना ही फालतू की कोई भसड़ होगी, पता नहीं भगवान ने ये मुझे दिए ही क्यों?”
ये बोलकर वो मुंह बनाते हुए वहां से चली गई और अब यशोदा जी और भी ज्यादा हंसने लगी थी लेकिन फिर वो हंसते-हंसते रुकी, सच में ये बात हंसने की नहीं थी लेकिन जिस तरह से बुलबुल बोल रही थी वो अपनी हंसी को कंट्रोल नहीं कर पाई!
वो खुद से ही बोली "क्या है ये लड़की? हे भगवान लेकिन ये लड़की रोशनी तो बिल्कुल नहीं हो सकती, अब हमें अथर्व से इस बारे में बात करनी होगी!”
ये बोलकर उन्होंने गहरी सांस ली और फिर अंदर की तरफ बढ़ गई!
वहीं गायत्री जी शौर्य और सिया तीनों वहीं पर मौजूद थे और अब वो तीनों भी चुपचाप अपने रूम में चले गए!
अथर्व अपने रूम में था और बालकनी में खड़ा सिगरेट पी रहा था, तभी हल्का सा दरवाजा नॉक हुआ!
अथर्व गुस्से से बोला "अभी फिलहाल मुझे कुछ नहीं चाहिए!”
बाहर से यशोदा जी की आवाज आई “लेकिन हमें तुमसे बात करनी है!”
उनकी आवाज सुनकर अथर्व हैरान था क्योंकि यशोदा जी बहुत कम उसके कमरे में आती थी, वो तुरंत सिगरेट साइड में फेंक कर अंदर की तरफ आया!
यशोदा जी उसे देखते हुए बोली "ये सब क्या था अथर्व?”
अथर्व ने बिना किसी खास एक्सप्रेशंस के कहा “जो कुछ भी हुआ नीचे आपकी आंखों के सामने ही हुआ था दादी मां, मुझे नहीं लगता कि आपको नहीं पता कि नीचे क्या हुआ और क्या नहीं?” ये बोलकर वो क्लोजेट की तरफ बढ़ने लगा!
उसे वहां से बाहर जाना था इसलिए वो अपने कपड़े चेंज करने का सोच रहा था, तभी यशोदा जी उसे देखते हुए बोली "तुमसे ज्यादा दुनिया देखी है हमने अथर्व और ज्यादा लोगों से मिले भी हैं हम! माना बिजनेस तुम्हारे हाथ में है लेकिन दुनिया का कोई भी बिजनेस तुम्हें वो नहीं सिखा सकता जो तुम्हें तुम्हारी जिंदगी सिखा सकती है और इन बूढ़ी आंखों ने आज जो देखा है उसके हिसाब से मैं बस तुम्हें इतना ही कहना चाहूंगी कि शायद तुम इस बार गलती कर रहे हो अथर्व! जिसे तुम रोशनी समझ रहे हो वो शायद सच में रोशनी है ही नहीं क्योंकि रोशनी ऐसी बिल्कुल भी नहीं थी!”
अथर्व तुरंत बोला “कब कौन कहां बदल जाए पता नहीं चलता दादी मां!”
यशोदा जी हल्का सा मुस्कुरा कर बोली "लेकिन लोग अपना रंग ढंग बदल सकते हैं, अपना रंग रूप बदल सकते हैं लेकिन अपना दिल? अपना दिल नहीं बदल सकते और बुलबुल का दिल रोशनी के दिल से बिल्कुल मेल नहीं खाता और चलो मान लिया वो बुलबुल नहीं रोशनी ही है तो तुम ये बताओ कि क्या तुमने उसके साथ जो किया वो सही था? नफरत और इश्क दोनों ही अंधे होते हैं लेकिन इनमें इतना भी अंधा नहीं होना चाहिए कि किसी लड़की की इज्जत ही तुम्हें दिखाई ना दे, एक लड़की के लिए इज्जत उसकी सबसे कीमती धरोहर होती है और तुमने बुलबुल की उस इज्जत को तार तार करना चाहा? रोशनी के साथ तुम्हारी नफरत कितनी है ये तो मैं नहीं जानती लेकिन इतना जरूर जानती हूं कि तुमने रोशनी से प्यार बेइंतहा किया था तो ये बताओ कि क्या सच में एक इंसान अपने प्यार के साथ ऐसी कोई हरकत कर सकता है?”
उनकी बात पर अथर्व जो अपनी क्लोजेट में से कपड़े निकाल रहा था उसके हाथ एकदम से रुक गए थे!
यशोदा जी अब एक गहरी सांस लेकर बोली "जरूरी नहीं कभी-कभी तुम्हारी आंखों के सामने जो कुछ हो वही सच हो अथर्व, कई बार झूठ सच से ज्यादा सच्चा लगता है और सच झूठ से ज्यादा झूठ इसलिए जो भी करो जरा सोच समझ कर करना!”
ये बोलकर वो कुछ पल यूं ही वहां पर खड़ी रही और वहां से चली गई और अब
अथर्व उनकी बातों के बारे में सोच रहा था
___________________________




















Write a comment ...