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Chapter 41 to 45

यशोदा जी के जाने के बाद अथर्व उनकी बातों के बारे में सोच रहा था और लगभग से 15-20 मिनट वो यूं ही उनकी बातों के बारे में सोचता रहा और अब वो अपने रूम से बाहर निकला और फिर सीधा बुलबुल के रूम की तरफ आया!

बुलबुल जो अपने रूम में थी और अब तक अपने कपड़े चेंज कर चुकी थी, अब उसने एक नाइट सूट पहना हुआ था जिसमें टी शर्ट और शॉर्ट्स थे!

बाकी सब को तो खाना उनके रूम में भिजवा दिया गया था लेकिन अभी तक किसी ने बुलबुल के लिए खाना नहीं भिजवाया था, पर यशोदा जी जानती थी कि किसी और को बुलबुल का ख्याल भी नहीं आएगा इसलिए जैसे ही यशोदा जी के रूम में खाना पहुंचा उन्होंने उस सर्वेंट की तरफ देखते हुए कहा “बुलबुल को भी अच्छे से खाना भिजवा देना और हां जो लोग हम खा रहे हैं वही खाना उसके लिए भी जाएगा!”

यशोदा जी की बात सुनकर सर्वेंट ने अपना चेहरा हां में हिलाया और वापस किचन की तरफ आई! अब उसने बुलबुल के लिए भी खाना लगाया और खाना लेकर बुलबुल के रूम की तरफ बढ़ गई!

जैसे ही उसने दरवाजा नॉक किया बुलबुल जो अंदर बैठी थी वो मुंह बनाते हुए बोली "बस वो कड़वा और कड़वी ना हो, उन दोनों के अलावा तो बेशक से जो मर्जी हो!” ये बोलते हुए उसने दरवाजा खोला और सामने सर्वेंट को देखकर उसने राहत की एक सांस ली!

वो सर्वेंट उसकी तरफ देखते हुए बोली "बड़ी मालकिन ने आपके लिए खाना भिजवाया है!”

बुलबुल झट से बोली "अगर इस घर में कोई सबसे ज्यादा समझदार और कोई अच्छा जेनुइन इंसान है तो वो सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी बड़ी मालकिन ही है! मुझे तो बस एक वही अच्छी लगी, बाकी तो सब यहां पर दिमाग के बंद डिब्बे इंसान है जिनके ढक्कनों पर भी जंग लग गई है! बेशक से जितनी मर्जी कोशिश कर लो लेकिन ये ढक्कन खुलते ही नहीं!”

सर्वेंट ने सारा खाना अंदर टेबल पर लगाया और फिर वहां से बाहर निकलने लगी, लेकिन जैसे ही वो दरवाजे पर आई उसकी नजर अथर्व पर गई जो अभी-अभी रूम के अंदर एंटर हो रहा था!

अथर्व को देखकर उस सर्वेंट के कदम एक पल के लिए रुक गए थे और अब वो तुरंत वहां से बाहर चली गई!

वहीं बुलबुल ने जल्दी से खाना खाना शुरू कर दिया था क्योंकि उसे सच में भूख लगी थी, बेशक से उसने शाम के वक्त मैगी खाई थी लेकिन अब उस वक्त को लगभग से ढाई तीन घंटे बीत गए थे और अब तो उसकी भूख इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि खाना देखते ही वो एक पल भी खुद को कंट्रोल नहीं कर पाई!

उसने जल्दी से चावल में सब्जी और दाल मिक्स की और अपने हाथों से खाने लगी, अथर्व अंदर की तरफ आया! उसकी नजर बुलबुल पर थी और बुलबुल को देखते ही उसने मुंह बनाया पर फिर अगले ही पल उसके एक्सप्रेशंस एक बार फिर से बदल गए!

उसे रोशनी का चेहरा अपनी आंखों के सामने दिखाई देने लगा और उसे कुछ याद आने लगा!

तकरीबन 2 साल पहले

वो और रोशनी दोनों डाइनिंग टेबल पर बैठे थे और अथर्व हंस कर बोला "तुम्हें पता है जब मैं छोटा था तो मेरी मॉम मुझे अपने हाथों से खाना खिलाती थी!”

रोशनी हंसी और बोली "वो तो सबकी मॉम खिलाती है अथर्व!”

अथर्व मुस्कुराया और बोला "नहीं मेरी मॉम कुछ अलग थी, सब की मॉम उन्हें अपने हाथों से खाना खिलाती है लेकिन फिर भी चम्मच से! पर मेरी मॉम मुझे जब दाल चावल भी खिलाती थी तो अपने हाथों से और मुझे बहुत मजा आता था, हमेशा मेरे डैड उन्हें टोकते थे ये बोलकर कि उन्हें चम्मच इस्तेमाल करना चाहिए लेकिन मेरी मॉम कहती थी कि ऐसे वो मुझे ना सिर्फ दाल चावल खिलाती है बल्कि अपना प्यार भी खिलाती है इसलिए तो आज भी मुझे मेरी मॉम का मुझे ऐसे दाल चावल खिलाना याद आता है!”

रोशनी ने अजीब सा मुंह बनाया और बोली "सॉरी टू से अथर्व लेकिन मैं तो ऐसे कभी किसी को ना खिला पाऊं और ना ही कभी किसी से खा पाऊं, आई मीन कोई कैसे ही हाथों से दाल चावल खा सकता है? इट्स सो डिस्गस्टिंग!”

उसकी बात सुनकर अथर्व के चेहरे पर जो मुस्कुराहट पहले थी अब वो फीकी हो गई थी!

वहीं अतीत की बातों को याद करते हुए अथर्व को अब अपने दिल में हल्की सी तकलीफ महसूस हुई और उसने अपने सीने पर अपना हाथ रख लिया!

तभी बुलबुल की नजर उस पर गई और वो उसकी तरफ देखते हुए बोली "अब तुम क्यों आए हो यहां पर?”

अथर्व उसका सवाल सुनकर अतीत से वापस लौटा और उसकी तरफ देखने लगा, बुलबुल मुंह बनाते हुए बोली "देखो पूरे दिन बाद मुझे अब जाकर ढंग का खाना मिला है तो प्लीज मुझे खाने दो! अपनी कड़वी बातों से मुझे इरिटेट मत करना, एक तो पहले ही तुम्हारी गर्लफ्रेंड की वजह से मेरा दिमाग घूमा हुआ है जो अब मुझे खाना खाकर शांत करना है!” ये बोलकर उसने दोबारा खाना खाना शुरू किया!

उसका सारा ध्यान अपने खाने की प्लेट पर था और फिर अचानक ही वो एकदम से रुक गई, उसकी नजर अथर्व पर गई जो अब बिल्कुल उसके पास आ चुका था और उसके साथ वाली चेयर पर बैठा था! उसका चेहरा इस वक्त बेहद अलग लग रहा था जैसे ये वो अथर्व हो ही ना जो कितने दिनों से बुलबुल के आसपास है!

बुलबुल उसे गौर से देख रही थी और अथर्व के होंठ हल्के से खुले थे, उसकी नजर प्लेट पर गई तो बुलबुल को भी अजीब सा लगा!

वो उसकी तरफ देखते हुए बोली "तुम्हें भी ये खाना है क्या? आई मीन ये तुम्हारा तरीका तो नहीं है लेकिन अगर तुम खाना चाहते हो तो खा सकते हो, मैं तो ऐसे ही खाती हूं! ऐसे खाती हूं तो खाना और भी ज्यादा टेस्टी लगता है… ये बोलते हुए उसने एक बार फिर से निवाला बनाया और अपने होठों की तरफ अपना हाथ बढ़ाने लगी!

तभी अथर्व ने उसकी कलाई को कसकर पकड़ लिया और फिर उसका हाथ उसके होठों की तरफ से हटाकर अपने होठों की तरफ बढ़ा दिया!

बुलबुल दंग रह गई और अब देखते ही देखते अथर्व ने दाल चावल का वो निवाला अपने मुंह में ले लिया था।

वो उसकी तरफ देखते हुए बोला "मुझे ऐसे खाना खाना पसंद है!”

बुलबुल हैरानी से बोली "लेकिन आप तो इतने अमीर है तो फिर आप ऐसे कैसे खाना खा सकते हैं?”

अथर्व हल्का सा मुस्कुरा कर बोला "अभी कुछ सेकंड पहले तो तुम मुझसे तुम कह कर बात कर रही थी और अब तुमने मुझे आप कहना शुरू कर दिया!”

बुलबुल उसके सवाल पर अब एक बार फिर से हैरान हुई और फिर हल्का सा मुंह बनाकर बोली "मैं यूं ही किसी के साथ बदतमीजी नहीं करती हूं, जब मुझे गुस्सा आता है तो करती हूं और मैं आप पर बहुत ज्यादा गुस्सा थी! आपने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर जो कुछ मेरे साथ किया वो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा, आपको मुझे टॉर्चर करना है मुझे परेशान करना है बेशक से कीजिए! अकेले में भी आप मेरे साथ बहुत इधर-उधर की हरकतें कर चुके हैं, फिर भी मुझे आप पर इतना ज्यादा गुस्सा नहीं आया जितना आज आया क्योंकि आज आपने मेरा तमाशा भरी महफिल में बनाया! भरी महफिल में तो किसी को अपने दुश्मन को भी इस तरह से बेलीबास नहीं करना चाहिए जैसे आपने मुझे कर दिया! मुझे तो वैसे भी ये इज्जत जैसी चीजों से घंटा फर्क नहीं पड़ता, हम बार डांसरों की क्या ही इज्जत? लेकिन क्या आपको इन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ा? आप तो बहुत इज्जतदार इंसान है ना, अगर आपके आंगन में ये सब कुछ हुआ तो क्या आप पर सवाल नहीं उठेगा? आपकी इज्जत पर आपके रुतबे पर उंगली नहीं उठेगी?”

उसकी बातें सुनते हुए अथर्व कोई जवाब नहीं दे रहा था लेकिन वो उसकी बातों को गौर से सुन रहा था जैसे ये बातें उसने बुलबुल से एक्सपेक्ट भी ना की हो!

बुलबुल कुछ पल उसके जवाब का इंतजार करती रही और फिर एक लंबी सांस लेकर बोली "आपको तो मुझे कोई जवाब देना नहीं है! अब मैं अपना खाना खत्म कर लूं? और अगर आपको ऐसे खाना खाना पसंद है तो ठीक है, मैं आपको भी अपने साथ ही खिला देती हूं!”

ये बोलकर उसने एक बार फिर से खाना खाना शुरू किया और इस बार वो अथर्व को भी अपने साथ खिला रही थी।

तकरीबन 10 मिनट बाद ही उसका खाना फिनिश हो चुका था, अब वो अथर्व की तरफ देखते हुए बोली "अगर आपको और खाना है तो आप किचन में जाकर सर्वेंट से ले लीजिएगा और अपने हाथों से खा लीजिएगा, मेरे पास खत्म हो गया और मैं आपके किचन में अपने लिए खाना लेने तो बिल्कुल नहीं जाऊंगी! वहां पर लोग खाना कम देते हैं और जलील ज्यादा करते हैं और मेरे हिसाब से एक इंसान बेशक से कुछ भी करें लेकिन खाने के वक्त तो उसे अपने दुश्मन को भी इस तरह से जलील नहीं करना चाहिए!”

ये बोलकर वो अपनी जगह से उठी और फिर वॉशरूम चली गई, उसने वहां अपने हाथ धोएं और फिर वापस सीधा बिस्तर पर आकर लेट गई!

अथर्व अभी भी अपनी जगह पर खड़ा था और फिर देखते ही देखते बुलबुल उसकी आंखों के सामने ही सो चुकी थी, वो पूरे दिन की हद से ज्यादा थकी हुई थी तो इसलिए बिस्तर पर लेटते ही उसे नींद आ गई थी लेकिन अथर्व की नींद उड़ी हुई थी!

अब वो अपनी जगह से उठकर बालकनी की तरफ आया और उसने अपनी पॉकेट से फोन निकाला!

अगले ही पल उसने नीरज को कॉल किया, सामने से जैसे ही नीरज ने कॉल रिसीव किया अथर्व थोड़ी सख्त आवाज में बोला "मुझे बुलबुल के बारे में सब कुछ जानना है!”

नीरज जल्दी से बोला "लेकिन बुलबुल तो रोशनी मैडम है ना और रोशनी मैडम के बारे में तो आप सब कुछ जानते…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले अथर्व अपनी आवाज में थोड़ा जोर देते हुए बोला "मुझे बुलबुल के बारे में सब कुछ जानना है, बुलबुल रोशनी है या नहीं अब मुझे ये नहीं बस बुलबुल के बारे में सब कुछ जानना है!”

ये बोलकर वो खामोश हो गया था और नीरज ने ओके बॉस कहा, अथर्व ने अब तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया और वापस बुलबुल की तरफ आया जो बिस्तर पर आराम से सोई हुई थी और अथर्व अ

ब उसके बगल में बैठ चुका था!

उसकी नज़रें बुलबुल के गोरे कंधों की तरफ जा रही थी।

जिंदल मेंशन

अथर्व बुलबुल के साथ उसके रूम में था जहां पर बुलबुल आराम से बिस्तर पर सोई हुई थी और अथर्व उसकी बगल में लेटा हुआ था, उसकी नजर बुलबुल के गोरे कंधों पर जा रही थी और फिर अचानक से ही अब उसकी नजर बुलबुल के पेट की तरफ गई जहां पर उसकी नेवल में पियर्सिंग हुई हुई थी और उसने वहां पर बाली भी पहनी हुई थी!

अथर्व ने अब उसकी नेवल को टच किया और फिर उस बाली को भी अपनी उंगलियों में नाजुक्ता से पकड़ा, वो ध्यान से उस बाली को देख रहा था!

पहले उसने नोटिस नहीं किया था लेकिन अब उसने ध्यान से उस बाली को नोटिस किया तो वो बाली नहीं थी जो अथर्व ने उसे पहनाई थी, उसका डिजाइन थोड़ा सा अलग था! ज्यादा नहीं लेकिन दोनों में बहुत कम डिफरेंस था…

अथर्व की आईब्रो एक बार फिर से ऊपर की तरफ उठ गई थी और अब उसकी नजर बुलबुल के सीने की तरफ गई जहां पर उसके क्लीवेज अच्छे से रिवील हो रहे थे!

बुलबुल ने जो नाइट सूट पहना हुआ था उसके शॉर्ट्स भी काफी छोटे थे और उसका टॉप भी काफी रिवीलिंग थी, उसे देखते हुए अथर्व का गला सूखने लगा था और अब वो उसके और भी ज्यादा करीब होने लगा!

बुलबुल नींद में ही हल्का सा कसमसाई और खुद से अथर्व के बिल्कुल करीब हो गई तो अब उन दोनों में बिल्कुल भी गैप नहीं था, अथर्व ने अपना हाथ अब उसकी कमर पर रखा और उसके ऊपर झुकते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा!

बुलबुल काफी ज्यादा गहरी नींद में थी, अथर्व उसे ऐसे चूम रहा था जैसे वो कोई प्यासा और बुलबुल कोई समुद्र!

बुलबुल की आंखें बंद थी, वो काफी गहरी नींद में थी इसलिए उसे कुछ भी महसूस नहीं हो रहा था और अथर्व ने अब उसके टॉप के स्ट्रैप को उसके कंधे से नीचे की तरफ उतार दिया जिसकी वजह से अब वो टॉप बुलबुल की क्लीवेज से काफी नीचे हो चुका था और उसके नाजुक से अंग थोड़े-थोड़े रिवील होने लगे थे!

अथर्व ने अपने एक हाथ से उसके सीने को हल्का सा पकड़ा और फिर उसके उस सॉफ्ट डेलिकेट पार्ट को पूरी तरह से आगे कर दिया और फिर अगले ही पल उस पर अपने होंठ रखकर उसे चूमने लगा!

धीरे-धीरे बुलबुल की नींद खुलने लगी थी, पहले कुछ पल तो उसे कुछ समझ में नहीं आया और फिर जैसे ही उसे समझ में आया कि उसके साथ हो क्या रहा है? उसकी आंखें चौड़ी हो गई!

उसके हाथ तुरंत अथर्व के कंधों पर आ गए थे और जैसे ही उसने अथर्व के कंधों को टच किया, अथर्व समझ गया था कि उसकी नींद खुल गई है!

बुलबुल ने उसे धक्का देना चाहा लेकिन अथर्व को धक्का देना आसान नहीं था, पर अथर्व ने अब खुद से ही अपना चेहरा हल्का सा ऊपर उठाया!

बुलबुल गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए बोली "ये क्या हरकत कर रहे हो तुम? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यहां पर मेरे साथ मेरे बिस्तर पर सोने की? छोड़ो मुझे और जाओ अपने कमरे में, तुम मेरे साथ ऐसी घटिया हरकत…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही अथर्व ने उसके होठों पर अपनी उंगली रख दी और बोला "I just want to love you दिलरुबा!”

उसके मुंह से अपने लिए दिलरुबा सुनकर बुलबुल का दिल एक बार फिर जोरों से धड़क उठा था, लेकिन अगले ही पल उसने खुद को संभाला और बोली "दिलरुबा होगी तुम्हारी वो चुड़ैल मिहिका! जाओ और जाकर उसे प्यार करो, इंगेजमेंट उसके साथ करते हो और रात को प्यार तुम्हें मुझे करना है! अरे तुम पागल हो क्या? तुम्हारा दिमाग तुम किसी कुएं में फेक आए हो क्या? मैं तुम्हें आखिरी बार कह रही हूं चुपचाप मेरे रूम से बाहर निकलो, वरना मैं शोर…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही अब अथर्व ने उसके दोनों हाथों में अपना हाथ रखते हुए उसकी उंगलियों से अपनी उंगलियां उलझाई और उन्हें बिस्तर पर ऊपर की तरफ लगाते हुए बोला "तुम्हें जो करना है तुम कर सकती हो दिलरुबा क्योंकि यहां से तो मैं नहीं जाने वाला, एट लिस्ट तब तक तो नहीं जब तक जो करने का मेरा मन कर रहा है वो मैं अच्छे से नहीं कर लेता!”

बुलबुल ने चौकते हुए पूछा “ऐसा क्या करने का मन कर रहा है तुम्हारा?”

उसका सवाल सुनते ही अथर्व ने अपनी नजरों को हल्का सा नीचे की तरफ झुकाया जहां उसकी नजर सीधा बुलबुल के डेलिकेट पार्ट्स पर गई जो एकदम पिंकिश नजर आ रहे थे!

उन्हें देखते हुए अब अथर्व ने अपने होठों पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमाया और बोला "क्या अभी भी तुम्हें समझ में नहीं आया कि मैं क्या करना चाहता हूं?”

बुलबुल की सांसों ने गहरा होना शुरू कर दिया था, कमरे में कूलर चल रहा था लेकिन फिर भी बुलबुल को पसीना आ रहा था! एक तो उसे सर्वेंट रूम दिया गया था जिसके पंखे और कूलर ऐसे थे जैसे किसी ने दान में दिए हो, बिल्कुल भी काम के नहीं थे…

उसके चेहरे पर जो पसीना नजर आ रहा था वो अथर्व को उसकी तरफ और भी ज्यादा अट्रैक्ट कर रहा था और अब उसने एक बार फिर से अपना चेहरा झुकाया और बुलबुल के नाजुक से अंगों पर बारी-बारी से अपने होठों को रखने लगा, वो कभी लेफ्ट साइड आता तो कभी राइट साइड चला जाता और बड़े ही डेलिकेट वे में उसके उन नाजुक से अंगों को अपने होठों में लेकर उन्हें चूमने लगता!

बुलबुल की सिसकियां निकलने लगी थी, उसके हाथ पूरी तरह से अथर्व के हाथों में कसे हुए थे! वो खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन अथर्व उसे छोड़ ही नहीं रहा था!

बुलबुल को खुद नहीं पता था कि उसे क्या हो रहा है? वो अथर्व के साथ बहक रही थी, उसका सीना खुद-ब-खुद ऊपर की तरफ उठ रहा था लेकिन फिर उसे वो सब याद आया जो इंगेजमेंट पार्टी में हुआ!

वो तुरंत बोली "मेरी इज्जत सबके सामने उछाल कर अब तुम मेरे साथ ये सब कुछ कर रहे हो, तुम्हें जरा सा भी फर्क नहीं पड़ता क्या कि मैं वही लड़की हूं जिससे तुम इतनी नफरत करते हो? नफरत में तो इंसान सामने वाले की शक्ल भी देखना पसंद नहीं करता पर तुम? तुम तो मेरे साथ ये सब कुछ कर रहे हो, पहले तुमने भरी महफिल में जी भर कर मेरा मजाक उड़ाया और जब उससे भी मन नहीं भरा तो अब अकेले में मेरे साथ ये सब हरकतें कर रहे हो! तुम्हारे लिए सिर्फ तुम ही मायने रखते हो क्या? दूसरों की इज्जत दूसरों की मर्जी कुछ नहीं है?”

उसकी बात सुनते हुए अथर्व ने अब उसकी तरफ देखा और बोला "तुम्हें इस बात का बुरा ज्यादा लगा कि इंगेजमेंट पार्टी में तुम्हारे साथ वो सब हुआ या फिर इस बात का बुरा ज्यादा लगा कि उन सब में मैं भी शामिल था?”

उसके सवाल पर बुलबुल की बोलती बंद हो गई थी, अथर्व ने अब उसके हाथों को छोड़ा और फिर उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया! वो बुलबुल की तरफ देखते हुए दोबारा बोला “जवाब दो दिलरुबा!”

बुलबुल की आंखों में नमी तैरने लगी थी, उसने तुरंत उस नमी को साफ करते हुए कहा “एक तो साला पता नहीं जिंदगी में पहले कभी किसी के लिए इमोशनल फील नहीं किया था, लेकिन तुम्हारे अंदर ऐसा क्या है जो कभी-कभी तुम्हारी बातों से मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं? इतना तो कंफर्म है कि आंसू नहीं है बस पानी है, पर पता नहीं तुम्हारे हाथ में ऐसी कौन सी मोटर है जिसका बटन तुम दबाते हो और नल मेरी आंखों से बहने लगता है?”

उसकी बात पर अथर्व हल्का सा हंसा और फिर उसने बुलबुल की कमर को और भी ज्यादा कसकर पकड़ लिया, बुलबुल की हल्की सी आह निकल गई और दूसरे ही पल अथर्व नीचे था और बिल्कुल उसके ऊपर!

उसका वो टॉप उसके बदन से और भी ज्यादा नीचे की तरफ सरक गया था जिससे अब उसका सीना पूरी तरह से बाहर हो चुका था!

अथर्व उसे देखते हुए बोला "वैसे आज तुमने वहां पर एक बात तो बिल्कुल सही कही थी, मिहिका में ऐसा कुछ नहीं है जो सामने वाला देखे लेकिन तुम्हारे पास ऐसा बहुत कुछ है जो कोई देखे तो बस देखता ही रह जाए! चाह कर भी वो तुम पर से अपनी नजरे ना हटा पाए…

अथर्व की बात पर बुलबुल तुरंत बोली "हां तो देखने वाले देखते हैं मुझे!”

अथर्व ने अपनी आईब्रो ऊपर की तरफ उठाकर पूछा “ओह रियली? लोग तुम्हें देखते हैं ऐसे?”

बुलबुल भी झट से बोली "अभी तक तो किसी ने नहीं देखा है, लेकिन अब जब तुमने भरी महफिल में मुझे बदनाम कर ही दिया है तो अब मैं सोच रही हूं कि मैं सबको सब कुछ अच्छे से दिखाऊंगी!”

उसकी बात पर अथर्व ने एकदम से अपने जबड़े कस लिए थे और फिर दूसरे ही पल वो बुलबुल को नीचे कर वापस उसके ऊपर आया और उसके सीने को जोर से कसकर दबाते हुए बोला "अब दोबारा कहना जो तुमने अभी-अभी कहा, क्या करोगी तुम हां? बताना मुझे!”

बुलबुल दर्द से आहे भरने लगी थी, उसके चिल्लाने की आवाजे पूरे कमरे मे गूंज रही थी! वो कभी अपने होठों को अंदर की तरफ दबा रही थी तो कभी सिसकियां भर रही थी।

वो जल्दी से बोली "आह… आप क्या कर रहे हैं अथर्व? छोड़िए मुझे, मुझे दर्द हो रहा है!”

अथर्व भी जल्दी से बोला "पहले बताओ अभी-अभी क्या कहा तुमने? तुम ये सब किसी और को दिखाओगी?”

बुलबुल भी तुरंत बोली "क्यों नहीं दिखा सकती क्या? मेरा बदन है मैं जिसको मर्जी दिखाऊं!”

जैसे ही उसने कहा अथर्व ने अब उसके सीने को छोड़कर अपने एक हाथ से उसके चेहरे को कसकर पकड़ लिया और बोला "जान से मार दूंगा मैं तुम्हें ,अगर किसी के सामने अपनी एक झलक भी दिखाई तो, जिस तरह के टॉप तुम वहां उस बार में पहनती थी ना! अगर उस तरह का कोई ब्लाउज भी तुमने मेरे सामने या फिर आइंदा से पहन लिया ना तो सच्ची बता रहा हूं मैं तुम्हारा मुंह तोड़ दूंगा!”

ये बोलते हुए उसकी आवाज बहुत ज्यादा गहरी और सर्द थी और उसका चेहरा एकदम सख्त था!

बुलबुल को हद से ज्यादा दर्द हो रहा था पर वो फिर भी किसी तरह दर्द से तड़पते हुए बोली "और मुझ पर इतना हुकुम चलाने वाले आप होते कौन है?”

उसके सवाल पर अब अथर्व की नजरे और भी ज्यादा इंटेंस हो गई थी और फिर दूसरे ही पल उसने बुलबुल का चेहरा छोड़ा और फिर दो पल उसे यूं ही देखता रहा!

बुलबुल गहरी सांसे लेते हुए खुद को नॉर्मल करने की कोशिश कर रही थी, पर फिर अचानक ही अथर्व उसके ऊपर पूरी तरह से झुका और दूसरे ही पल उसने उसके हो

ठों को पैशनेटली चूमना शुरू कर दिया था जैसे वो उसके होठों को पूरी तरह से खा ही जाएगा!

बुलबुल ने जैसे ही पूछा कि “आप मुझ पर हुक्म चलाने वाले होते कौन हैं?”

अथर्व का चेहरा गुस्से से एकदम सख्त हो गया था और अगले ही पल वो बुलबुल पर हावी होते हुए उसे स्मूच करने लगा था, अथर्व ने उसके दोनों हाथों को कसकर अपनी हथेलियों में जकड़ रखा था!

बुलबुल उससे अपने हाथों को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी और अथर्व जिस तरह से उसे पैशनेटली स्मूच कर रहा था, अभी तो फिलहाल उसे अपने होठों में भी दर्द होने लगा था! वो किसी तरह अथर्व को खुद से दूर करने की कोशिश कर रही थी लेकिन अथर्व अब उस पर इतना ज्यादा हावी हो रहा था कि ऐसा लग रहा था जैसे वो उसके होठों को खा ही जाएगा और फिर बुलबुल की दर्द से सिसकी निकली!

अथर्व ने सच में उसके होठों पर बाइट कर लिया था, अथर्व को भी उस खून का टेस्ट आ रहा था लेकिन फिर भी वो बुलबुल को किस करने से पीछे नहीं हट रहा था! वो अभी भी लगातार उसे स्मूच किए जा रहा था और अब फाइनली उसने बुलबुल के होठों को छोड़ा, उसके होठ इस वक्त ऊपर की तरफ उभर गए थे! उनमें सूजन साफ नजर आ रही थी…

अथर्व अब उसकी तरफ देखते हुए बोला "क्या इतना काफी है ये बताने के लिए कि मैं कौन हूं? या फिर अभी और भी सवाल है तुम्हारे दिल में?”

उसका सवाल सुनकर बुलबुल बस उसकी तरफ देखे जा रही थी, अथर्व उसकी समझ से बिल्कुल बाहर था! उसे खुद भी ये बात समझ नहीं आ रही थी कि वो अथर्व से कैसे ही डील करें? ना तो अथर्व की हरकतें और उसकी बातें एक दूसरे से बिल्कुल मैच नहीं करती थी, बातें नफरत की और हरकतें ऐसी जैसे वो ना जाने बुलबुल के लिए कितना ही ऑब्सेसिव हो! ऐसी चीज तो एक बंदा तभी करता है जब वो किसी के लिए ऑब्सेसिव हो और वो भी हद दर्जे का!

वो बस अथर्व की तरफ देखे जा रही थी और अब अथर्व एक बार फिर से नीचे की तरफ झुका और फिर उसके सीने को चूमने लगा, वो उसके नाजुक से अंगों को बारी-बारी से अपने होठों में भर रहा था और उन्हें बड़े ही सेडक्टिव वे में चूम रहा था!

उसकी हरकतें बुलबुल के रोंगटे खड़े कर रही थी, एक बार फिर से उसने आहे भरनी शुरू कर दी थी और अब अथर्व ने बुलबुल के दोनों हाथों को छोड़ दिया था!

अपने हाथों को आजाद महसूस करने के बाद भी अब बुलबुल ने अथर्व को खुद पर से हटाया नहीं बल्कि उसका हाथ खुद ब खुद अथर्व के सिर पर आ गया था और वो उसके बालों में अपनी उंगलियां उलझाने लगी थी!

ऐसा लग रहा था जैसे वो खुद भी अथर्व के साथ बह गई हो, अथर्व पर उसकी नज़रें इंटेंस हो रही थी! जिस तरह से अथर्व का चेहरा उसके सीने पर झुका हुआ था और वो अपने होठों को खोलते हुए उसके नाजुक से अंगों को अपने होठों में भर रहा था बुलबुल को वो सब साफ नजर आ रहा था और उसकी आहे बता रही थी कि वो खुद उस मोमेंट में पूरी तरह से खो गई है और उसकी आहे सुनकर अब अथर्व ने अपना चेहरा ऊपर की तरफ उठाया और दोबारा उसे इंटेंस नजरों से देखने लगा!

बुलबुल ने इस बार उसे कुछ नहीं कहा और अथर्व ने अब उसके होठों पर अपना हाथ रखा और जहां पर से खून बह रहा था, उसने उस जगह को अच्छे से सहलाया तो बुलबुल की एक बार फिर से सिसकी निकल गई!

अथर्व ने उसकी तरफ देखते हुए पूछा “दर्द हो रहा है क्या?”

बुलबुल ने अपना चेहरा हां में हिलाया, अगले ही पल अथर्व एक बार फिर से उसके चेहरे पर झुका और उसे पैशनेटली किस करने लगा लेकिन इस बार वो बहुत ज्यादा सॉफ्ट था और बुलबुल ने भी अब अपने होठों को हल्का सा खोला और उसे रिस्पांस देना शुरू कर दिया!

उसके रिस्पांस देने के बाद तो जैसे अथर्व और भी ज्यादा पागल सा होने लगा था, पर अब उसने वाइल्डनेस बिल्कुल भी नहीं दिखाई थी! वो बहुत ही ज्यादा सॉफ्टली यूं ही बुलबुल को किस करता रहा और बुलबुल भी उसका पूरा साथ देती रही, उन दोनों का सलाइवा एक दूसरे के होठों के आसपास फैलता जा रहा था और अथर्व का हाथ अब खुद-ब-खुद उसके सीने की तरफ आ चुका था!

वो एक तरफ उसके होठों को शिद्दत से चूम रहा था तो दूसरी तरफ उसने उसके सीने को हल्का-हल्का दबाना शुरू कर दिया था, बुलबुल का पूरा बदन खुद में सिमट रहा था! उसके पैर अथर्व के पैरों से उलझने लगे थे और अब अथर्व ने उसके होठों को छोड़ा और उसकी गर्दन को चूमने लगा!

बुलबुल का एक हाथ अथर्व के बालों में अभी भी उलझा हुआ था और अब अथर्व एक बार फिर से उसके सीने की तरफ बढ़ चुका था, वो अपने एक हाथ से उसके सीने को दबा रहा था तो दूसरी तरफ वो अपने होठों से उसके सीने को चूम रहा था और फिर अथर्व थोड़ा नीचे की तरफ बढ़ने लगा!

जैसे ही अथर्व के होंठ बुलबुल को अपने पेट पर महसूस हुए, उसने दोबारा आह भरी और फिर अगले ही पल वो हल्का सा घूम कर दूसरी तरफ सरक गई! उसने अपना पेट अब नीचे बिस्तर की तरफ लगा लिया था…

अथर्व उसे देखते हुए बड़ी ही इंटेंस वॉइस में बोला "मुझसे दूर कहां जाओगी दिलरुबा?”

उसके मुंह से दिलरुबा सुनकर हमेशा ही बुलबुल का हाल बेहाल होने लगता था और अब तो वो वक्त इतना ज्यादा इंटेंस था कि उसके तन बदन में एक करंट सा दौड़ गया था!

वो अथर्व की तरफ देखते हुए बोली "प्लीज ऐसा मत कीजिए ना अथर्व, प्लीज आप यहां से चले जाइए!”

अथर्व ने उसके पेट पर अपना हाथ रखकर उसे वापस अपनी तरफ खींचा और बोला "लेकिन मेरा मन नहीं कर रहा!”

बुलबुल का दिल जोरो से धड़क उठा!

बुलबुल बिस्तर से उठने की कोशिश करते हुए बोली "तो फिर मैं ही कहीं और चली जाती हूं, बिकॉज पता नहीं आपके साथ मुझे क्या हो रहा है? आप तो पागल है ही! मैं पता नहीं क्यों आपकी इन हरकतों का साथ दे रही हूं?”

ये बोलते हुए वो बिस्तर से सच में उठ रही थी, लेकिन अथर्व ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया!

बुलबुल सीधा उसके ऊपर जाकर गिरी, उसने अपने सीने पर कपड़ों के नाम पर कुछ भी नहीं पहन रखा था! उसकी चेस्ट सीधा अथर्व की चेस्ट को टच कर रही थी और अब अथर्व ने अपनी शर्ट के बटन भी पूरी तरह से खोल दिए थे।

बुलबुल उसकी तरफ देखती रह गई और अथर्व ने उसे अब वापस बिस्तर पर लेटाया और फिर उसकी चेस्ट से अपनी चेस्ट को रगड़ने लगा था!

बुलबुल भी अब पागल होने लगी, उसकी आंखों में मदहोशी छाने लगी थी! बेशक से आज तक कितने ही लोगों ने उसके करीब आने की कोशिश की थी लेकिन उसने कभी किसी को अपने करीब आने की इजाजत नहीं दी थी, पर अथर्व को जैसे उसकी इजाजत की जरूरत ही नहीं थी और अब अथर्व ने उसे गोल घूमाते हुए वापस अपने ऊपर लेटा लिया!

वो बुलबुल की तरफ देखते हुए बोला "मेरा मन कुछ और करने को कर रहा है दिलरुबा, कितने दिन हो गए हमने कुछ किया नहीं!”

बुलबुल जल्दी से बोली "मैंने तो पहले भी आपके साथ कुछ नहीं किया है अथर्व, पता नहीं आप किस दिलरुबा के ख्यालों में सारा दिन खोए रहते हैं?”

अथर्व बड़ी ही मदहोशी भरी आवाज में बोला "तुम ही तो हो मेरी दिलरुबा!”

बुलबुल अब गुस्से से मुंह बनाते हुए बोली "आपने पी रखी है ना अथर्व इसीलिए आपको ये सब बातें आ रही है, वरना अगर आप होश में होते ना तो अब तक तो आप मेरा जीना हराम कर चुके होते! पर पीकर भी तो आप वही कर रहे हैं, बस बिना पिए गुस्से से करते हैं और पीकर इस तरह की हरकतों से लेकिन अब बस बहुत हुआ! प्लीज ये सब करना बंद कर दीजिए क्योंकि मैं ये सब हैंडल नहीं कर सकती हूं, मैं सच में आपको बता रही हूं मैं कभी किसी के सामने नहीं झुकती! कभी मैंने किसी तरह के कोई इमोशन फील नहीं किए, मैं किसी को खुद पर हावी नहीं होने देती लेकिन आपके सामने पता नहीं मुझे क्या हो जाता है?”

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही अथर्व ने अब वापस उसे नीचे बिस्तर पर लेटाया और फिर उसके होठों पर अपनी उंगली रखते हुए बोला "Shhhhh!!! तुम्हें बेशक से नहीं पता लेकिन मुझे पता है दिलरुबा तुम्हें क्या हुआ है?”

बुलबुल ने उसकी उंगली को हल्का सा अपने होठों पर से हटाया और उसकी आंखों में आंखें डालते हुए पूछा “क्या हुआ है मुझे?”

अथर्व दोबारा उसके चेहरे पर झुका और बोला "तुम्हें मुझसे प्यार हो गया है!”

जैसे ही उसने कहा बुलबुल ने अपने दोनों हाथों को बेडशीट पर रखते हुए उसे कसकर मुट्ठियों में जकड़ लिया था, एक पल के लिए उसने अपनी हार्टबीट को स्कीप होते हुए महसूस किया था और अब अथर्व ने दोबारा उसकी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया!

बुलबुल एक बार फिर से उसकी हरकतों से बेकाबू होने लगी और उसके हाथ अब खुद-ब खुद अथर्व की पीठ पर आ गए, पहले तो अथर्व ने खुद ने शर्ट पहन रखी थी लेकिन अब उसकी पीठ पर बुलबुल के नाखून सीधा चल रहे थे जिसकी वजह से उसकी पीठ पर खरोंच हो रही थी, लेकिन अथर्व को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था और फिर अचानक ही बुलबुल को ऐसा लगा जैसे अथर्व का पूरा भार उसके ऊपर आ रहा है!

उसने अथर्व की गर्दन के पास अपना हाथ रखते हुए धीमी सी आवाज में कहा “क्या हुआ अथर्व? आप रुक क्यों गए?”

ये बोलते हुए उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था कि वो कैसा सवाल कर रही है? जबकि उसे तो अथर्व को धक्का देना चाहिए लेकिन वो ऐसा कुछ कर भी तो नहीं पा रही थी और अब उसे रिलाइज हुआ कि अथर्व उसकी गर्दन को किस करते हुए ही सो गया है!

उसने तुरंत अथर्व को खुद पर से हटाया तो अथर्व उसके बगल में ही लेट गया और अब बुलबुल उसे देखने लगी, वो हल्का सा अथर्व के ऊपर झुकी!

वो पहली बार उसे ऐसे गौर से देख रही थी वरना कहां अथर्व के सामने वो उसे ढंग से देख पाती है?

उसने अब अपने हाथों की मुट्ठियों को जकड़ लिया था, वो खुद को रोकने की कोशिश कर रही थी लेकिन फिर अचानक ही ना जाने उसे क्या हुआ और वो अथर्व के चेहरे पर झुकी और उसके गाल के पास उसकी गर्दन को चूमने लगी!

कुछ देर बाद उसने जल्दी से खुद पर कंट्रोल किया और अपने सीने पर अपना हाथ रखते हुए बोली "ओह # मुझे क्या हो रहा हो? ये आदमी है या कोई चुड़ैल जिसने मुझे अपने काबू में ही कर लिया? भाई साहब इससे तो दूर ही रहना पड़ेगा वरना जिंदगी के # लग

जाएगे!”

ये बोलकर वो तुरंत पीछे की तरफ हटी और फिर जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी!

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