
सुरूर ने रणधीर के मुंह पर अपना हाथ रखा हुआ था और उन दोनों की नजरे आपस में मिली हुई थी, रणधीर के मरने की बात सुनकर सुरूर की धड़कन जैसे एक पल के लिए रुक गई थी! वो तो किसी दुश्मन के बारे में भी ऐसा कुछ नहीं बोल सकती थी, बेशक से वो रणधीर से प्यार नहीं करती थी लेकिन फिर भी वो इस तरह की बातों को नहीं सुन पा रही थी।
रणधीर ने अब उसका हाथ अपने चेहरे से हटाया और उसकी तरफ देखते हुए बोला "तुमने मेरे लिए व्रत रखा है क्या?”




















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