
अथर्व अपनी गहरी निगाहों से बुलबुल के हाथ की तरफ देख रहा था जहां से खून बह रहा था! बुलबुल का चेहरा गुस्से से एकदम लाल हो चुका था, अथर्व जब मिहिका के हाथों पर से नोटों का बंडल घूमाते हुए उसकी मेहंदी की नजर उतार रहा था तो बुलबुल एकदम कांप उठी थी! उसे आज तक कभी ऐसे जलन नहीं हुई, कभी इस तरह से गुस्सा नहीं आया जिस तरह उसे आज आया था और अब जब उसे अपनी गलती का रिलाइज हुआ तो उसने गुस्से से एक गहरी सांस ली और फिर तुरंत अंदर की तरफ चली गई!
वो नहीं चाहती थी कि इस वक्त वो किसी से उलझे या फिर कोई और उससे बकवास करें, वो बस अकेले में कुछ टाइम स्पेंड करना चाहती थी।




















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