
सिकंदर और नाज़नीन दोनों इस वक्त बिस्तर पर थे जहां नाज़नीन के ऊपरी कपड़े उसके बदन से अलग हो चुके थे और अब वो सिर्फ प्लाजो में थी, ऐसा नहीं था कि सिकंदर ने उसके कपड़े उतारे थे बल्कि उसने खुद ने अपने कपड़े उतारते हुए खुद को पूरी तरह से सिकंदर को सौंप दिया था क्योंकि इसके अलावा वो कुछ कर भी नहीं सकती थी।
वो सिकंदर के सामने हार मान गई थी लेकिन उसने सोच लिया था कि बेशक से सिकंदर उसके जिस्म को रौंद कर रख दे, पर वो कभी उसके दिल को नहीं छु पाएगा! उसे नाज़नीन से सिर्फ और सिर्फ नफरत ही मिलेगी, उसने सोच लिया था कि वो खुद को एकदम पत्थर कर लेगी लेकिन सिकंदर का छूना उसे पत्थर रहने नहीं दे रहा था!




















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