
सूर्यवंशी फार्म हाउस
कियान इंटेंस नजरों से ध्रुविका की तरफ देख रहा था और ध्रुविका की आंखें अब लाल होती जा रही थी, पहले तो वो दर्द से तड़प रही थी लेकिन अब उसके सिर पर नशा चढ़ता जा रहा था। वैसे भी उसकी दवाइयां बहुत ज्यादा हार्ड थी, उनकी वजह से भी उसकी आंखें भारी हो रही थी लेकिन अब वाइन की बोतल पूरी पीने के बाद तो उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी आंखों पर उसका कोई बस ही नहीं चलता, वो खुद ब खुद बंद हो रही थी!





















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