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Chapter 1, 2, 3

मुंबई 

एयरपोर्ट के बाहर,

एक लड़की व्हाइट कलर का अनारकली सूट पहने एयरपोर्ट के बाहर खड़ी थी। उसके एक हाथ में चूड़ियां, थी तो दूसरे हाथ में महंगी वॉच... कानों में सिल्वर ऑक्सिडाइज झुमके और आंखों का रंग एकदम गहरा काला....

 वो लड़की दिखने में हद से ज्यादा खूबसूरत थी इसीलिए जैसे ही वो वहां पर आकर खड़ी हुई आसपास के लोगों की नजरे उस पर टिक गई। कोई भी उसे देखकर नजर अंदाज नहीं कर पा रहा था लेकिन उस लड़की को इंतजार था उस गाड़ी का जो उसे वहां पर लेने आई होगी। वो लड़की थी Cherry...

जो आज से सालों पहले इंडिया छोड़कर गई थी.... और आज इतने सालों बाद वो वापस आई थी जिसकी वजह से उसके चेहरे पर नर्वसनेस साफ दिखाई दे रही थी....

उसकी आंखों के सामने  उसके बचपन की एक तस्वीर चल रही थी जिसमें वो और एक और दूसरा बच्चा नजर आ रहा था।

 Cherry की नजरे उस बच्चे पर टिकी हुई थी... और वो उससे बोल रही थी "तुम्हारी वजह से नहीं जा रही हूं मैं Avocado लेकिन चाहते तो तुम यही होना कि मैं यहां से चली जाऊं... पर मेरी एक बात सुन लो...

वो खिलौना नहीं है कोई जो टूट गया तो, और नया आ जाएगा...

वो दिल था मेरा जो तुमने तोड़ दिया पर मैं फिर भी मुस्कुराउंगी...

मैं जा रही हूं तुम्हारी दुनिया से... क्योंकि तुमने कहा है जाने को...

देखना जब वापस बुलाओगे तो भी नहीं आऊंगी... ये बोलते हुए Cherry की आंखों में आंसू थे।

तकरीबन 4-5 साल की वो मासूम सी Cherry बस सामने खड़े Avocado मतलब दिव्यांश रावत को देखे जा रही थी। दिव्यांश रावत जो खुद तकरीबन 5 साल का था लेकिन 5 साल की उम्र में ही उसे नफरत हो गई थी, नफरत Cherry से....

Cherry की बात सुनकर दिव्यांश जो रेलिंग के पास खड़ा था उसने अपने हाथ रेलिंग पर कस लिए और दांत पीसते हुए बोला "मैं तुम्हें कभी बुलाऊंगा ही नहीं Cherry, तुम मुझे मेरी वजह से छोड़कर नहीं जा रही हो, अपनी हरकतों की वजह से जा रही हो... अगर तुमने मुझसे मेरी मम्मा को नहीं छीना होता तो मुझे तुमसे कोई प्रॉब्लम नहीं थी,  But now I don't care तुम कहीं भी जाओ I just don't care.....

उसकी बात सुनकर Cherry रोते हुए वहां से चली गई थी.....

बचपन के पलों को याद करते हुए Cherry की आंखों नमी तैर गई थी। वो इतना खो चुकी थी कि उसे महसूस नहीं हुआ कि कब एक शख्स जो करीबन 25 साल का था, दिखने में हद से ज्यादा अट्रैक्टिव...  व्हाइट शर्ट और ब्लैकपेंट.... हाथों में मेहंदी वॉच और डायमंड की तीन-चार रिंग्स... पहने उस शख्स की पर्सनैलिटी बहुत ही हॉट थी.. उसकी आंखों में एक गहरा समंदर नजर आया था, जो नफरत से भरा था... या दीवानगी से कुछ कहा नहीं जा सकता था लेकिन अब जब उस शख्स की गर्म सांसे Cherry को अपने चेहरे पर महसूस हुई तो वो एकदम से होश में आई...... 

अचानक से ही अपने सामने उस शख्स को देखकर Cherry हड़बड़ा गई और पीछे की तरफ हटने को हुई लेकिन उस शख्स ने उसकी कमर पर अपना हाथ रखा और बोला "संभाल कर Red गिर जाओगी... 

उस शख्स के मुंह से अपने लिए Red सुनकर Cherry की सांसे और भी ज्यादा फूलने लगी... उसके चेहरे पर उसकी नर्वसनेस साफ नजर आ रही थी। वही वो शख्स अब उसकी कमर पर अपना दूसरा हाथ रखकर बोला "But Don't Worry अगर तुम गिरोगी भी तो मैं तुम्हें गिरने नहीं दूंगा, कोई चोट नहीं लगने दूंगा तुम्हें लेकिन खुद तुम्हें कोई चोट नहीं दूंगा इस बात की रिस्पांसिबिलिटी मैं नहीं ले सकता!....

उसकी बात पर हैरान Cherry लड़खड़ाती हुई आवाज में बोली "आप.... आप यहां Avocado... 

उसके मुंह से अपने लिए Avocado सुनकर उस शख्स के चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गई। वो शख्स कोई और नहीं दिव्यांश रावत था, रावत इंडस्ट्रीज के सीईओ , जिसका मुंबई पर राज चलता था और एक और चीज थी जिस पर वो पूरी तरह से कब्जा करने वाला था और वो थी Cherry और उसकी सांसे....

दिव्यांश चेहरे पर एक तिरछी मुस्कुराहट लिए बोला "मैंने तो सुना था कि जब से तुम इंडिया से गई हो तब से लेकर आज तक तुमने मेरा चेहरा तक नहीं देखा लेकिन तुम तो मुझे देखते ही पहचान गई? क्या बात मुझे चोरी छुपे देखती थी क्या? 

उसके सवाल पर Cherry के चेहरे का रंग उड़ गया क्योंकि जब भी दिव्यांश की मॉम धरा Cherry से दिव्यांश के बारे में बात करती थी तो Cherry हमेशा यही बोल देती थी कि उसे दिव्यांश से कोई लेना-देना नहीं है और वो प्लीज उससे दिव्यांश के बारे में बात ना किया करें, उसे दिव्यांश का ना ही जिक्र सुनना है और ना ही उसका चेहरा देखना है... 

दिव्यांश एक बार फिर से तिरछा मुस्कुराया और बोला ""कहीं तुम मुझे इंस्टाग्राम पर स्टॉक तो नहीं करती थी? क्योंकि आज तक तुम्हारी फॉलो रिक्वेस्ट तो मुझे नहीं आई! 

Cherry ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया। वो कैसे ही बताएं दिव्यांश को कि वो कह तो देती थी कि वो दिव्यांश को देखना नहीं चाहती लेकिन कोई दिन नहीं था ऐसा जिस दिन वो दिव्यांश की तस्वीरें ना देखें! वो बचपन में उसे छोड़कर चली गई थी लेकिन जो एहसास बचपन में उसके दिल में पैदा होने शुरू हुए, उन्होंने उसे नहीं छोड़ा और वो एहसास लगातार बढ़ते ही गए।

 वो Cherry जो बचपन में दिव्यांश की दोस्ती के लिए तरसती रह गई अब वो उसके प्यार के लिए तड़पने लगी थी....

जब Cherry ने कोई जवाब नहीं दिया तो दिव्यांश हल्का सा मुस्कुराया और बोला "तुम्हारा तो पता नहीं Red तुमने मुझे स्टॉक किया या नहीं लेकिन तुम्हारी हर एक चीज पर मेरी नजर थी.... तुम्हारी हर एक चीज मेरे कंट्रोल में थी बेशक से वो तुम्हारा कॉलेज जाना हो या फिर अपने फ्रेंड्स के साथ कहीं और जाना, हर पल तुम मेरी नजरों में थी?  जानती हो क्यों? 

Cherry ने उसे सवालिया नजरों से देखा। उसे समझ नहीं आ रहा था जब दिव्यांश पिछले इतने सालों से उससे बात नहीं कर रहा था तो वो उस पर नजर भी क्यों रख रहा था? 

अगले ही बोल दिव्यांश चेहरे पर इंटेंस एक्सप्रेशंस लिए बोला "Because you are mine Red और दिव्यांश रावत अपनी चीजों पर अपनी नजर हमेशा रखता है और खास चीजों पर तो खास नजर रखता है!!! "

उसकी बात सुनकर Cherry बस उसकी तरफ देखती रह गई! उसकी सांसे अब एक बार फिर से गहरी हो गई थी। उसे दिव्यांश की आंखों में एक अलग ही जुनून नजर आ रहा था! 

अगले ही पल उसने अब खुद को संभाला और बोली "मुझे मुझे रावत मेंशन जाना है, स्ट्रॉबेरी मेरा इंतजार कर रही होगी.... 

Cherry दिव्यांश की मॉम धरा को स्ट्रॉबेरी बोलती थी..... बचपन में दिव्यांश और Cherry दोनों एक दूसरे के साथ ही थे और दोनों के बीच सब अच्छा था लेकिन दिव्यांश की मॉम धरा दिव्यांश से ज्यादा जब Cherry पर ध्यान देने लगी तो दिव्यांश इस बात पर गुस्से में रहने लगा और हालात धीरे-धीरे इतनी ज्यादा बिगड़ गए कि दिव्यांश को Cherry से नफरत हो गई जिसकी वजह से Cherry ने सबसे दूर जाने का फैसला ले लिया लेकिन आज वो इंडिया वापस आई थी क्योंकि दिव्यांश शादी कर रहा था.... हालांकि वो इस शादी में आना नहीं चाहती थी क्योंकि दिव्यांश को किसी और के साथ देखकर उसका दिल और भी ज्यादा बुरी तरह से टूट जाता लेकिन धरा ने जबरदस्ती उसे यहां पर बुलाया था। 

और अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि अगर दिव्यांश किसी और के साथ शादी कर रहा है तो वो Cherry से इस तरह की बातें क्यों कर रहा है? क्यों वो पिछले कई सालों से उस पर नजर रख रहा था? 

वो अब पूरी तरह से पीछे हटी और बोली "मुझे नहीं लगता आप यहां मुझे लेने आए होंगे , Avocado!!  स्ट्रॉबेरी ने जरूर मेरे लिए कोई गाड़ी भिजवाई होगी। 

उसकी बात पर दिव्यांश तुरंत बोला "भिजवाई है ना क्यों नहीं भिजवाई ? वो देखो सामने !"  ये बोलते हुए उसने सामने खड़ी एक लग्जरियस गाड़ी की तरफ इशारा किया जिसकी ड्राइविंग सीट पर ड्राइवर बैठा था।

 Cherry ने एक गहरी सांस ली और अपना बैग लेकर उस गाड़ी की तरफ बढ़ने लगी लेकिन तभी दिव्यांश ने उसका हाथ पकड़ कर उसे तुरंत अपनी तरफ खींचा। Cherry एकदम कांप उठी। 

उसके हाथ दिव्यांश के सीने पर थे और वो लंबी-लंबी सांसे लेते हुए दिव्यांश को देख रही थी। 

दिव्यांश ने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखा और अपने दूसरे हाथ से उसके गालों पर झूल रहे बालों को पीछे की तरफ करते हुए बोला "तुम्हारे लिए गाड़ी आई जरूर है लेकिन तुमसे किसने कहा Red कि तुम उस गाड़ी में रावत मेंशन जाओगी तुम फिलहाल रावत मेंशन भी नहीं जाओगी क्योंकि तुम मेरे साथ चलोगी!  लेकिन कहां? ये जानना तुम्हारे लिए जरूरी नहीं है लेकिन क्यों ये मैं तुम्हें बता देता हूं... !

उसके जवाब पर Cherry बस उसकी तरफ देखती रह गई और अब दिव्यांश पूरी तरह से उसके चेहरे पर झुका और उसके होठों पर अपनी गर्म सांसे छोड़ते हुए बोला "Because I want to feel you my Red..."

Cherry एकदम से फ्रीज हो गई क्योंकि दिव्यांश ने जिस तरह से उसकी कमर पर अपना हाथ रखा हुआ था। वो बहुत ही ज्यादा इंटेंस था और दिव्यांश के एक्सप्रेशंस भी बहुत सेडिक्टिव थे.....

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मुंबई

एयरपोर्ट के बाहर!!

दिव्यांश की बातें सुनकर Cherry एकदम से फ्रीज हो गई थी। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि क्या दिव्यांश की बातों का सच में वही मतलब है जो वो समझ रही है?

 वो दिव्यांश की तरफ देखती ही रह गई और अब दिव्यांश ने अगले ही पल उसे अपने कंधे पर उठा लिया। Cherry की आंखें हैरत में फैल गई।

उसने जल्दी से दिव्यांश की पीठ पर अपना हाथ रखा और बोली "छोड़िए मुझे Avocado, ये आप क्या कर रहे हैं? लोग हमें देख रहे हैं, आप ऐसे कैसे मुझे अपने कंधे पर उठा रहे हैं? मुझे मुझे रावत मेंशन जाना है, मुझे मुझे कहीं और नहीं जाना! आप ये सब बातें क्या कर रहे हैं? मुझे कुछ कुछ समझ नहीं आ रहा…

अभी वो बोल ही रही थी कि दिव्यांश ने गाड़ी का दरवाजा खोला और उसे सीट पर लगभग से पटक कर बिठाते हुए बोला "सब समझ आएगा तुम्हें Red, मुझे समझाने तो दो और समझने के लिए हमारा यहां से जाना जरूरी है! लेकर चलता हूं मैं तुम्हें अपनी दुनिया में, जहां तुम्हें हर एक चीज अच्छे से समझ आएगी और डोंट वरी मैं सब कुछ प्रैक्टिकली समझाऊंगा!”

ये बोलते हुए उसके चेहरे के एक्सप्रेशंस बहुत ही इंटेंस थे। Cherry का दिल जोरो से धक धक कर रहा था।

 अगले ही पल अब दिव्यांश जाकर गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठा और गाड़ी वहां से निकल गई। वो गाड़ी जो धरा ने Cherry के लिए भेजी थी वो पीछे ही खड़ी रह गई और अब उस गाड़ी का ड्राइवर भी वहां से गाड़ी लेकर जा चुका था।

वहीं दूसरी तरफ 

रावत मेंशन पूरा खूबसूरती से सजा हुआ था, धरा ने हर एक चीज अपने हिसाब से डेकोरेट की थी और उसकी चॉइस का तो सबको पता था कि उसकी चॉइस और Cherry की चॉइस बिल्कुल एक जैसी है! 

बाहर से जब उसे एक गाड़ी रुकने की आवाज सुनाई दी, तो वो मुस्कुराने लगी। कब से वो पलके बिछाए हॉल में ही बैठी थी और अब जैसे ही उसे गाड़ी की आवाज सुनाई दी वो तुरंत एक सर्वेंट की तरफ देखते हुए बोली "जाओ जल्दी से आरती की थाली लेकर आओ... 

ये बोलकर वो खुद भी दरवाजे पर आकर खड़ी हो गई और उसकी नज़रें सामने की तरफ टिक गई, लेकिन सामने से जब गाड़ी रुकी और उसमें से सिर्फ ड्राइवर बाहर निकला तो वो हैरान रह गई।

 अगले ही पल वो ड्राइवर उसके सामने आकर खड़ा हुआ और बोला "सॉरी मैडम लेकिन Cherry मैडम मेरे साथ नहीं आई!”

 धरा हैरानी से बोली "तुम्हारे साथ नहीं आई मतलब?”

वो ड्राइवर लड़खड़ाती हुई आवाज के साथ बोला "वो छोटे मालिक उन्हें अपने साथ ले गए!” ये बोलते हुए उसने अपनी नज़रें झुकाई हुई थी और ड्राइवर की बात सुनकर धरा हैरान रह गई थी।

 छोटे मालिक मतलब दिव्यांश और अगर दिव्यांश Cherry को अपने साथ लेकर गया है तो वो लोग अब तक रावत मेंशन पहुंचे क्यों नहीं? ये बात अब धरा को परेशान करने लगी थी!

वहीं दूसरी तरफ

Rawats Farmhouse!!!

एक लग्जरियस गाड़ी वहां पर आकर रुकी और उस गाड़ी में से दिव्यांश बाहर निकला। Cherry हैरानी से उस फार्म हाउस को देख रही थी क्योंकि वो कभी उस फार्म हाउस पर आई नहीं थी, बचपन में उसका कभी उस फार्म हाउस पर आना नहीं हुआ और अब तो वो कई सालों से इंडिया ही नहीं आई तो फार्म हाउस में आना तो दूर की बात!

 वो गाड़ी से बाहर भी नहीं निकल पा रही थी क्योंकि उसे एक अजीब सा डर लग रहा था, लेकिन दिव्यांश ने आकर जब उसकी साइड का दरवाजा खोला और चेहरे पर इंटेंस स्माइल लिए उसे देखा तो वो तुरंत बोली "ये हम कहां आए हैं Avocado?”

 दिव्यांश तुरंत बोला "क्या तुमने बाहर लगी हुई नेम प्लेट नहीं देखी? ऐसा हो तो नहीं सकता Red कि तुमने वो नेम प्लेट ना देखी हो!”

Cherry झट से बोली "उस पर तो रावत फार्महाउस लिखा था!”

 दिव्यांश सारकास्टिकली बोला "चलो अच्छी बात है, तुम्हें पढ़ना आता है! समझना भी आता ही होगा… फिर तो अब तक तो समझ आ जाना चाहिए था कि ये फार्म हाउस है, हमारा फार्महाउस!”

 उसके मुंह से हमारा फार्महाउस सुनकर Cherry की हार्टबीट एक पल के लिए स्किप हो गई। अगले ही पल दिव्यांश ने उसकी तरफ अपना हाथ बढ़ाया और बोला "बाहर आओ!”

 Cherry तुरंत बोली "मुझे यहां नहीं आना, मुझे Strawberry के पास जाना है!”

दिव्यांश उसकी बातें सुनते हुए समझ चुका था कि वो इतनी आसानी से नहीं मानने वाली इसलिए वो खुद ही गाड़ी के अंदर की तरफ झुका और उसने Cherry को अपनी गोद में उठा लिया।

 Cherry ने तुरंत उसके कंधों पर अपने हाथ रख दिए। दिव्यांश उसे अपनी गोद में समेटे हुए फार्म हाउस के अंदर लेकर गया और फिर सीधा उसे उस फार्म हाउस के सबसे लग्जरियस रूम में लेकर आया जो कि बहुत ही ज्यादा खूबसूरत था।

 Cherry को वहां पर एक अलग ही वाइब आ रही थी क्योंकि उस रूम की लाइट बहुत ही ज्यादा डिम थी, दिव्यांश ने उसे बेड पर लेटाया और फिर उसकी तरफ देखते हुए बोला "क्या हुआ? इतना डर क्यों रही हो Red? अब ये मत कह देना कि मैं कोई अनजान हूं इसीलिए तुम्हें डर लग रहा है, मुझे बहुत अच्छी तरह से जानती भी हो तुम! बस बात इतनी सी है कि आज मुझे फील पहली बार करोगी…

उसकी बातें सुनते हुए अब Cherry का डर और भी ज्यादा बढ़ गया था। वो झट से बोली "आप आप करना क्या चाहते हैं Avocado?”

दिव्यांश अपनी शर्ट के बटन खोलने लगा और उसे अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए देख Cherry की आंखें तुरंत बड़ी हो गई। वो झट से बिस्तर से उठी और बोली "ये आप अपनी शर्ट के बटन क्यों खोल रहे हैं? आप आप मेरे सामने अपने कपड़े…. ये बोलते हुए वो चुप हो गई थी।

उसकी सांसे बेहद गहरी हो गई थी, वो कुछ बोल भी नहीं पा रही थी। 

दिव्यांश ने अपनी शर्ट उतार कर साइड में फेंकी और अगले ही पल Cherry की कलाई को पकड़कर अपनी तरफ खींचा और बोला "इतनी बेवकूफ तो नहीं होगी तुम कि तुम्हें अब तक समझ नहीं आया कि मैं करना क्या चाहता हूं? यहां पर क्या होने वाला है? अगर हमें नॉर्मल ही रहना था तो मैं तुम्हें रावत मेंशन लेकर जाता Red, मैं यहां पर तुम्हें लेकर आया हूं तो कुछ तो खास होने वाला होगा ना और वो खास क्या है क्या अभी भी मुझे तुम्हें बताने की जरूरत है?”

ये बोलते हुए उसने उसके गाल पर अपना हाथ रखा। Cherry उसकी तरफ देखते हुए बोली "आपकी किसी और से शादी होने वाली Avocado और आप मुझसे प्यार प्यार तो नहीं करते होंगे!”

दिव्यांश तिरछा मुस्कुराया और बोला "एक्जेक्टली!!!  मैं तुमसे प्यार नहीं करता!”

उसके मुंह से ये सुनकर जैसे Cherry का दिल बड़ी ही शिद्दत से टूट गया। 

बचपन से ख्वाब था उसका कि कभी तो दिव्यांश Cherry से नफरत करना छोड़ कर उसे यूं कहे कि हां वो प्यार करता है Cherry से, लेकिन यहां तो दिव्यांश ने सीधा-सीधा मना कर दिया था! पर अगर उसे प्यार नहीं करता किसी और से शादी कर रहा है तो यूं उसके करीब आने का क्या मतलब? 

उसकी आंखों में नमी आ रही थी, लेकिन अगले ही पल उसने खुद को संभाला और बोली "अच्छी बात है आप मुझे प्यार नहीं करते! उसे तो करते होंगे जिससे शादी कर रहे हैं? तो फिर उसके सामने जाकर अपने कपड़े उतारिए ना Avocado, मेरे सामने ये सब क्यों कर रहे हैं आप?”

जैसे ही उसने कहा दिव्यांश तुरंत बोला "क्योंकि मुझे फील तुम्हें करना है!” ये बोलकर अब उसने Cherry की कलाई को छोड़ा और उसकी कमर पर अपना हाथ रख लिया।

 उसने Cherry को सीधा अपने सीने से सटा लिया था और उसका चेहरा Cherry के चेहरे पर झुका हुआ था। वो उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोला "क्या तुम मुझे फील नहीं करना चाहती?”

Cherry उसके सवाल का कोई जवाब दे ही नहीं पा रही थी। वो बस उसकी आंखों में खो गई थी, वो गहरी आंखें जिनमें वो हमेशा से खोना चाहती थी।

 दिव्यांश ने उसे कमर से कसकर पकड़ लिया और उसे लेकर सीधा बिस्तर की तरफ बढ़ गया। Cherry ने कुछ रिएक्ट नहीं किया, उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि उसके साथ हो क्या रहा है? उसे अपना दिल इस वक्त तेजी से धड़कता हुआ महसूस हो रहा था, इसके अलावा वो और कुछ महसूस कर ही नहीं पा रही थी!

दिव्यांश ने उसे बिस्तर पर अच्छे से लेटाया और फिर उसके ऊपर झुक गया। Cherry बस एक टक उसे देखे जा रही थी, उसके हाथ खुद-ब-खुद दिव्यांश के सीने पर आ गए। उसके चौड़े कंधे और उभरी हुई चेस्ट Cherry की सांसे गहरी करने के लिए काफी थी। 

दिव्यांश उसके होठों की तरफ देखते हुए बोला "I wanna Kiss You... 

Cherry ने उसके सवाल का कोई जवाब नहीं दिया, शायद उसे दिव्यांश का सवाल सुनाई ही नहीं दिया!

वहीं दिव्यांश ने अब एक बार फिर से कहा "I want to taste you Red" 

अब भी Cherry ने कुछ नहीं कहा, वो पूरी तरह से दिव्यांश में खोई हुई थी।  

दिव्यांश ने अब अपना अंगूठा Cherry के होठों पर रखा और उन्हें रब करते हुए बोला "तुम्हारे लिप्स कितने सॉफ्ट हैं Red, I want to feel them!! Can I....? 

Cherry एकदम से होश में आई और बोली "हां? हां क्या? क्या…?

अभी उसने इतना ही कहा था कि दिव्यांश ने तो बस उसका हाथ चूमा और अगले ही पल उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए, Cherry एकदम से सुन्न रह गई। 

उसे तो समझ ही नहीं आया कि आखिर उसके साथ हुआ क्या? लेकिन अब उसे दिव्यांश के लिप्स अपने लिप्स पर फील हो रहे थे। वो एकदम हार्ड लिप्स जो उसके सॉफ्ट लिप्स पर अपना कब्जा पूरी तरह से जमा चुके थे, उन्हें फील करते ही Cherry ने अपने हाथों को दिव्यांशी के कंधों पर जोरों से कस दिया।

 उसके नाखून दिव्यांश के कंधों पर चुभने लगे, लेकिन दिव्यांश नहीं रुका! वो यूं ही Cherry को किस करता रहा, पहले उसने उसके अप्पर लिप्स को बहुत ही स्मूथली अपने दोनों लिप्स के साथ अच्छी तरह से प्रेस किया और फिर अप्पर लिप को छोड़कर लोअर लिप को प्रेस करने लगा।

Cherry कभी अपने होठों को खोल रही थी और कभी बंद करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन दिव्यांश उसे कुछ करने ही नहीं दे रहा था। वो उसके लिप्स में अपनी जगह बनाए जा रहा था और फिर धीरे-धीरे वो पूरी तरह से अंदर डीप जाते हुए उसे डिप्ली किस करने लगा।

Cherry की सांसे जैसे एक पल के लिए रुक गई और उसने अपने हाथ दिव्यांश के सिर पर रख दिए। उसने कभी सोचा था इन सब चीजों के बारे में, लेकिन ये ख्वाब उसके कभी पूरे होंगे इस बात की उम्मीद नहीं थी उसे लेकिन अब सच में दिव्यांश उसे किस कर रहा है इस बात पर उसे जैसे यकीन हो चला था और वो खुद को रोक ही नहीं पाई! ये जानते हुए भी कि दिव्यांश किसी और से शादी कर रहा है, पता नहीं क्यों लेकिन वो खुद से दिव्यांश को किस करने लगी थी। शायद ये सोचकर कि अगर ये इसकी जिंदगी का एक हसीन ख्वाब है तो वो भी उस ख्वाब को पूरी तरह से जीना चाहती है।

उसके हाथ अब कहीं से भी दिव्यांश को रोक नहीं रहे थे और दिव्यांश धीरे-धीरे अपने हाथों को उसकी पूरी बॉडी पर चलाने लगा था।

 कुछ ही देर में उन दोनों के कपड़े पूरी तरह से नीचे जमीन पर बिखरे हुए थे और Cherry के हाथों को दिव्यांश ने अपने हाथों में पूरी तरह से जकड़ा हुआ था।

अगले ही पल दिव्यांश ने कुछ ऐसा किया कि Cherry पूरी तरह से दर्द से तड़प उठी, उसका अंग इस वक्त उस दर्द को महसूस कर गया था जो उसे खुद नहीं पता था कि वो फील करना चाहती है या नहीं? लेकिन अब तो वो सब होना शुरू हो चुका था जो शायद नहीं होना चाहिए था।

Cherry की गहरी सांस उस पूरे कमरे में गूंज रही थी और दिव्यांश पूरी तरह से उस पर हावी हो चुका था! Cherry की आंखों से आंसुओं की कुछ बूंदे लुढ़क गई! 

Cherry की मदहोशी भरी सिसकियां उसे और भी ज्यादा मदहोश कर रही थी और वो लगातार आउट ऑफ कंट्रोल होता हुआ Cherry को पूरी तरह से अपनी बाहों में समेट रहा था और उसे पूरी तरह से फील कर रहा था.... 

दूसरी तरफ

रावत मेंशन!!

 धरा बार-बार Cherry के फोन पर कर फोन कर रही थी, लेकिन Cherry का फोन लग ही नहीं रहा था। Cherry का फोन लगता भी कैसे? वो तो साइड में टेबल पर रखा था और दिव्यांश ने उसे स्विच ऑफ कर दिया था। वो जानता था कि धरा Cherry को फोन करेगी और वो कोई डिस्टरबेंस नहीं चाहता था, इस वक्त Cherry पूरी तरह से उसकी बाहों में थी और वो उसकी गर्दन पर किस कर रहा था। 

उनके बदन अभी भी आपस में उलझे हुए थे और दोनों के बदन पूरी तरह से पसीने से भरे हुए थे। 

तकरीबन तीन से चार घंटे उस कमरे में Cherry और दिव्यांश दोनों की गर्म सांसे अपनी जगह बनाती रही और फिर रात के तकरीबन 8 बजे दिव्यांश Cherry के ऊपर से हटा और उसकी बगल में लेट गया! 

Cherry भी गहरी गहरी सांसे ले रही थी। उसका पूरा बदन दर्द हो रहा था, उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके अंदर बिल्कुल भी जान नहीं बची! 

उसने अपनी बगल में लेटे दिव्यांश की तरफ देखा, जिसके चेहरे पर अलग ही एक्सप्रेशन थे। Cherry ने अपनी जगह से उठने की कोशिश की तो जोरो से आह निकल गई! 

 दिव्यांश ने बिना उसकी तरफ देखे कहा मैंने तुम्हें उठने के लिए कहा क्या?”

Cherry रोते हुए बोली "हम हम दोनों के बीच ये सब ये सब कैसे हो गया Avocado?”

दिव्यांश ने उसका सवाल सुनकर उसकी तरफ देखा और बोला "हम दोनों के बीच कुछ हुआ नहीं है Red, हम दोनों ने कुछ किया है! बिना तुम्हारी मर्जी के तो नहीं किया ना मैंने? तुम भी इसमें शामिल थी तो फिर अब इतना हैरान क्यों हो रही हो?”

Cherry तुरंत बोली "लेकिन ये तो गलत है ना Avocado क्योंकि आपकी मैरिज फिक्स हो चुकी है, आप निहारिका से शादी करने वाले थे ना? उसे कितना बुरा लगेगा जब उसे पता चलेगा कि अब आप ये शादी नहीं करने वाले, हमें पहले उससे बात करनी चाहिए थी! उसके बाद ये सब कुछ…

उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही दिव्यांश बोला "तुमसे ये किसने कहा Red कि मैं निहारिका से शादी नहीं करूंगा?”

उसकी बात सुनकर Cherry एकदम से चौंक गई। वो कुछ पल यूं ही दिव्यांश को देखती रही और फिर अपनी बढ़ती हुई धड़कनों के साथ बोली "क्या क्या मतलब है आपका Avocado? अभी-अभी हम दोनों के बीच जो कुछ हुआ उसके बाद आप आप किसी और से शादी कैसे कर सकते हैं?”

 ये बोलते हुए वो अभी भी दिव्यांश को देख रही थी जो अब बिस्तर से उठ चुका था और अपने कपड़े पहन रहा था।

 दिव्यांश उसकी तरफ देखते हुए बिना किसी एक्सप्रेशंस के बोला "बाहर वेट कर रहा हूं मैं तुम्हारा, जल्दी आना! मुझे इंतजार करने की आदत नहीं है Red… फिर सामने इंतजार करवाने वाला बेशक से कोई भी क्यों ना हो!”

 ये बोलकर उसने अब अपनी शर्ट भी पहनी और वहां से बाहर की तरफ चला गया। Cherry बिस्तर पर बैठी रह गई, उसने अपने ऊपर ओढ़ रखे ब्लैंकेट को पूरी तरह से अपने हाथों में कस लिया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वो पिछले चार-पांच घंटों से जिस पल को जी रही थी ये सोचकर कि शायद दिव्यांश की नफरत खत्म हो गई और उसके दिल में भी उसके लिए वही फीलिंग है जो Cherry के दिल में है, लेकिन वो तो अभी भी निहारिका से शादी की बात कर रहा था! तो फिर दिव्यांश ने उसके साथ ये सब क्यों किया?

ये सब सोचते हुए उसकी आंखों से आंसू बह निकले।

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रावत फार्महाउस 

Cherry बिस्तर पर बैठी थी और उसने खुद को ब्लैंकेट से कवर किया हुआ था।

 अभी-अभी उसके और दिव्यांश के बीच इंटिमेसी हुई थी... लेकिन इंटिमेसी के बाद जब दिव्यांश ने एक बार फिर से खुद की ओर निहारिका की शादी का जिक्र किया तो Cherry हैरान रह गई।

 मतलब उन दोनों के बीच इतना सब कुछ होने के बाद भी दिव्यांश निहारिका से शादी करेगा…. ये उसके लिए बहुत शॉकिंग था और उसे तकलीफ भी बहुत ज्यादा हो रही थी!! न जाने…. कितनी देर वो यू अपनी जगह पर बैठी रही….

जबकि दिव्यांश उसे बोल कर गया था कि वो बाहर उसका इंतजार कर रहा है। लगभग से एक घंटा बीत चुका था और अभी भी Cherry यूं ही अपनी जगह पर बैठी थी, पर अब उसने खुद को संभाला और अपने कपड़े लेकर वॉशरूम की तरफ बढ़ गई।

तकरीबन और आधा घंटा बीत जाने पर वो रूम से बाहर निकली तो उसकी नज़रें हॉल में इधर-उधर घूमने लगी।

 दिव्यांश ने उससे कहा था कि वो हॉल में उसका इंतजार करेगा लेकिन अब वो उसे कहीं भी नजर नहीं आ रहा था। 

Cherry ने बेहद तकलीफ भरी आवाज के साथ उसे पुकारा “Avocado…”

लेकिन सामने से दिव्यांश का कोई जवाब नहीं आया। Cherry अब थोड़ा आगे की तरफ आई तो उसे एक सर्वेंट नजर आई जो फार्म हाउस की देख रेख का काम करती थी।

Cherry ने उस सर्वेंट की तरफ देखते हुए पूछा Avocado मेरा मतलब है… दिव्यांश कहां है, वो अभी यहीं थे ना!!”

 वो सर्वेंट तुरंत बोली "लेकिन उन्हें गए तो तकरीबन डेढ़ घंटा हो गया!! जब रूम से बाहर निकले थे तो बस दो-चार मिनट बाहर बैठे और फिर वहां से निकल गए!!”

 Cherry उस सर्वेंट की बात सुनकर अब और भी ज्यादा टूट गई। मतलब, दिव्यांश ने उसका इंतजार किया…  वो भी तो सिर्फ दो-तीन मिनट… उसने सोच भी कैसे लिया कि वो जो Cherry के साथ अंदर रूम में करके आया है और उन दोनों के बीच जो बात हुई है।

 उसके बाद Cherry सिर्फ दो-तीन मिनट में नॉर्मल हो जाएगी। वो कोई खिलौना नहीं था, जो टूट गया और जुड़ गया…. इस वक्त उसका दिल टूट रहा था और अब उसे इस चीज का पछतावा हो रहा था कि वो इंडिया आई ही क्यों?? उसे यहां आना ही नहीं चाहिए था!! 

सालों पहले वो इंडिया इसी बात पर छोड़कर गई थी क्योंकि दिव्यांश ने उसका दिल तोड़ा था और आज एक बार फिर से वापस आने पर भी वही सब हो रहा था। उसकी आंखों से आंसू बहने लगे।

 तभी वो सर्वेंट उसकी तरफ देखते हुए बोली "उन्होंने कहा है कि बाहर गाड़ी आपका इंतजार कर रही है!! आप जाकर गाड़ी में बैठ जाइए… आपको जहां जाना होगा, वो गाड़ी आपको छोड़ देगी!!”

 Cherry ने अपना चेहरा हां में हिलाया। वो बाहर आई तो सच में एक गाड़ी बिल्कुल बाहर की तरफ खड़ी थी।

वो उस गाड़ी में बैठी और बोली "ड्राइवर… प्लीज आप एयरपोर्ट की तरफ चलिए!!”

उस ड्राइवर ने कुछ नहीं कहा। बस चुपचाप गाड़ी आगे की तरफ बढ़ा दी।

 Cherry खुद से ही बोली "मुझे यहां नहीं रहना स्ट्रॉबेरी… मैं जानती हूं, आपने मुझे यहां पर बुलाया आप चाहती थी कि मैं यहां पर आऊं, शायद दिव्यांश की शादी देखूंगी तो उस तकलीफ को भूल जाऊंगी जो मेरे दिल में हो रही है लेकिन नहीं… अब तो वो तकलीफ और भी बढ़ जाएगी! पहले तो Avocado मेरे नहीं थे लेकिन अब तो मैंने उन्हें फील किया है! अब अगर अपनी आंखों के सामने उन्हें किसी और का होते हुए देखूंगी तो मर जाऊंगी मैं इसलिए मुझे यहां नहीं रहना!! एम सो सॉरी…. मैं यहां से बिना आपको मिले जा रही हूं लेकिन फिलहाल यही हम सबके लिए सही है!!”

ये बोलते हुए उसने अपनी आंखें बंद कर ली और अपना सर पीछे गाड़ी की सीट पर टिका दिया।

तकरीबन आधे घंटे बाद 

गाड़ी का हॉर्न बजा तो Cherry की आंखें खुली। उसे तो पता भी नहीं चला वो कब सो गई?? शायद थकावट की वजह से उसकी आंख लग गई थी।

उसने दरवाजे पर अपना हाथ रखा और फिर बाहर की तरफ देखा तो वो चौंक गई। वो एयरपोर्ट के बाहर नहीं बल्कि रावत मेंशन के पार्किंग एरिया में थी।

वो ड्राइवर की तरफ देखते हुए बोली "मैंने आपको एयरपोर्ट चलने के लिए कहा था ना भैया तो आप मुझे यहां…”

 वो ड्राइवर तुरंत बोला "सॉरी मेम साहब…. लेकिन मुझे जो छोटे मालिक ने आर्डर दिए हैं, मुझे उन्हीं को फॉलो करना होगा!!”

 ये बोलकर वो गाड़ी से बाहर निकला और अगले ही पल उसने Cherry की तरफ से भी गाड़ी का दरवाजा खोला। Cherry ने अपने माथे पर अपना हाथ रख लिया।

 उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो धरा के सामने कैसे खुद को नॉर्मल पेश करेगी??  वो गाड़ी से बाहर निकली और रावत मेंशन की तरफ देखने लगी।

 कितने साल लगे उसे वापस आने में… अगले ही पल उसकी नजर धरा पर गई, जो दरवाजे से बाहर की तरफ आ रही थी।

धरा पिछले 4 घंटे से Cherry को कॉल कर रही थी लेकिन Cherry का फोन लग ही नहीं रहा था और फिर उसे पता चला कि Cherry दिव्यांश के साथ थी लेकिन दिव्यांश तो अब उसे कहीं नजर नहीं आ रहा था!!

 Cherry को अकेले वहां पर देखकर धरा और भी ज्यादा बेचैन होने लगी।

 वो जल्दी से Cherry के पास आई और अगले ही पल उसकी आंखों में नमी तैर गई। Cherry भी उसे देखते हुए रो रही थी। 

उन दोनों की पिछले इतने सालों में सिर्फ और सिर्फ वीडियो कॉल पर बात हो रही थी। धरा तो बहुत जिद करती थी कि उसे Cherry से मिलने उसके पास जाना है लेकिन Cherry उसे मना कर देती थी... 

कुछ ऐसा लगता था, जैसे धरा उसके पास आएगी तो जो हिम्मत उसने सालों से रखी हुई है, वो टूट जाएगी…

धरा ने अपनी बाहों को फैलाया तो Cherry भी झट से आकर उसके सीने से लग गई और बिलख बिलख कर रोने लगी। इस वक्त वो सच में हद से ज्यादा कमजोरी महसूस कर रही थी और उसका रोना देखकर धरा का दिल बैठने लगा था।

 उसे डर लग रहा था कि कहीं दिव्यांश ने उसके साथ कुछ ऐसा वैसा कर तो नहीं कर दिया??

 उसने Cherry के सिर पर अपना हाथ रखा और बोली "कहां थी तुम?? तुम्हें पता है, मैं तुम्हें कब से कॉल कर रही थी लेकिन तुम्हारा फोन बंद आ रहा था? दिव्यांश…. दिव्यांश तुम्हारे साथ था ना, उसने तुम्हें एयरपोर्ट से लिया तो वो कहां है?? वो तुम्हारे साथ नहीं आया क्या??”

 Cherry ने उसकी बात सुनी तो उसे समझ आया कि दिव्यांश रावत मेंशन में भी नहीं है… मतलब किसी को कुछ पता भी नहीं होगा! 

उसने जल्दी से खुद को संभाला और अपनी आंखों से आंसू साफ करते हुए बोली "मुझे… मुझे Avocado क्या कहेंगे?? कुछ भी तो नहीं! मुझे क्या पता, वो कहां है?? उन्होंने मुझे एयरपोर्ट से पिक किया और फिर फार्म हाउस लेकर गए लेकिन तभी उनका एक कॉल आ गया और वो वहां से निकल गए... एक्चुअली, मुझे फार्महाउस दिखाना चाहते थे... पर फिर उन्हें जल्दी में जाना पड़ा तो उन्होंने मुझे ड्राइवर के साथ यहां पर भेज दिया…”

उसकी बात सुनकर धरा ने एक राहत की सांस ली।

 अगले ही पल Cherry मुंह बनाते हुए बोली “लेकिन यहां पर आने के बाद अब मुझे बहुत अजीब लग रहा है स्ट्रॉबेरी… ये क्या बात हुई… आपको मेरी तो कोई फिक्र ही नहीं है!! आप तो बस अपने दिव्यांश के बारे में बातें किए जा रही हैं!!”

 Cherry की बात सुनकर धरा ने जल्दी से उसका चेहरा अपने हाथों में थामा और बोली “मुझे फिक्र हो रही थी कि कहीं वो तुमसे कुछ कह ना दे… उसका पता नहीं चलता आजकल, बहुत अजीब है..”

 उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही Cherry मुस्कुराते हुए बोली “अजीब नहीं… आजकल लगता है Avocado बदलने लगे हैं!! कहते हैं ना, जब बीवी आ जाती है तो इंसान बदल जाता है, शायद वो शादी से पहले बदलने लगे हैं… थोड़ा संभाल कर रखिएगा आप अपने दिव्यांश को… हाथों से निकल ना जाए स्ट्रॉबेरी!!”

 ये बोलते हुए वो मुस्कुरा रही थी लेकिन उसके एक्सप्रेशन से साफ पता चल रहा था कि वो जबरदस्ती अपने आप को खुश दिखाने की कोशिश कर रही है। अगर उसके स्ट्रॉबेरी उसको नहीं पहचानेगी तो और कौन ही पहचानेगा?

धरा ने उसके गाल पर अपना हाथ रखा और कुछ बोलने को हुई, लेकिन तभी वहां पर एक गाड़ी आकर रुकी और वो गाड़ी किसी और कि नहीं दिव्यांश की थी।

 उस गाड़ी को वहां रुकते हुए देख Cherry की धड़कनें तेजी से बढ़ चुकी थी।

तभी गाड़ी की ड्राइविंग सीट का दरवाजा खुला और उसमें से दिव्यांश बाहर निकला। चेहरे पर हद्द दर्जे का एटीट्यूड और डेविल एक्सप्रेशंस लिए वो आंखों से गॉगल्स उतारते हुए Cherry और धरा की तरफ आया।

धरा हल्का सा मुस्कुराई।

 वही Cherry की सांसे तेज हो चुकी थी। उसे डर लग रहा था कि कहीं दिव्यांश धरा के सामने कुछ कहना दे… कहीं वो धरा को ये ना बता दे कि उन दोनों के बीच इतना सब कुछ हो गया.... और ऊपर से वो Cherry से शादी भी नहीं करने वाला…. ऐसे में धरा को बहुत बुरा लगता… उसका दिव्यांश पर से भरोसा टूट जाता!

दिव्यांश ने एक नजर Cherry की तरफ देखा और फिर धरा की तरफ देखते हुए बोला “अब तो काफी खुश होंगी आप?? आप चाहती थी कि मेरी शादी पर आपकी Cherry जरूर आए.... लो आ गई आपकी Cherry मेरी शादी पर.... अब तो मेरी और निहारिका की शादी का जश्न और भी ज्यादा खूबसूरत होगा!!”

 उसकी बात सुनते हुए धरा के चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशंस थे।

 वही दिव्यांश अब ए

क बार फिर से अपनी इंटेंस नजरों से Cherry को देख रहा था, जिसने अपनी नज़रें झुकाई हुई थी क्योंकि उसकी आंखों में नमी तैर रही थी।

 निहारिका और दिव्यांश की शादी का जिक्र सुनकर ही उसे कुछ-कुछ होने लगा था।

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