
राणावत मेंशन
बरकत और अधीर दोनों दरवाजे की तरफ देख रहे थे। बरकत जल्दी से बोली "कौन होगा? अधीर मैंने आपसे पहले ही कहा था हमारा यहां पर ये सब करना बिल्कुल ठीक नहीं, मैं आपको बोल रही थी कि घर पर चलकर आप बेशक से कुछ भी कर लेना लेकिन यहां मत कीजिए लेकिन आप तो माने ही नहीं! अब पता नहीं दरवाजे पर कौन है? मुझे जल्दी से उठना होगा पर मैं उठकर भी क्या करूंगी? मेरी हालत… ये बोलते हुए उसके चेहरे पर परेशानी झलक रही थी।

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