
राणा मेंशन
पंखुड़ी खुद में ही शर्म से सिमटे जा रही थी! वो प्रांश की तरफ अपनी नजर भी नहीं उठा पा रही थी और प्रांश उसके सीने की तरफ अपनी इंटेंस नजरों से देख रहा था।

राणा मेंशन
पंखुड़ी खुद में ही शर्म से सिमटे जा रही थी! वो प्रांश की तरफ अपनी नजर भी नहीं उठा पा रही थी और प्रांश उसके सीने की तरफ अपनी इंटेंस नजरों से देख रहा था।
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