
होटल रेडिसन ब्लू!
एक लग्जरियस रूम, जहां पर एक बहुत इंपॉर्टेंट मीटिंग चल रही थी। सोफे पर एक शख्स बैठा था, जिसने अपने दोनों हाथों को सोफे के किनारे पर रखा हुआ था और अपना एक पैर अपने दूसरे पैर पर बड़े ही सलीके से रखा हुआ था।
चेहरे पर हल्की बियर्ड के साथ राइट कान में डायमंड स्टड, एक हाथ में गोल्ड और डायमंड का बना हुआ कड़ा, और दूसरे हाथ में महंगी वॉच, चेहरे पर बेहिसाब गुरूर और आंखों में एक अलग ही सुरूर लिए, उस शख्स को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसे मीटिंग में जरा सा भी इंटरेस्ट नहीं, क्योंकि उसकी नज़रें सामने सोफे पर बैठे हुए अपने बिजनेस पार्टनर्स पर नहीं, बल्कि सोफे के पीछे खड़ी एक लड़की पर थी, जिसने ब्लैक कलर की स्कर्ट और व्हाइट कलर की शर्ट पहनी हुई थी।
बार-बार उस शख्स की नज़रें उस लड़की के गोरे पैरों की तरफ जा रही थीं, और ये बात उसके बिजनेस पार्टनर्स बहुत अच्छी तरह से समझ रहे थे। तभी उनमें से एक, मिस्टर मयंक अग्रवाल बोले, "मिस्टर त्रेहान, अगर आप चाहें तो कुछ वक्त आप मिताली के साथ बिता सकते हैं। हम ये मीटिंग कुछ घंटे बाद या कुछ दिनों बाद भी शेड्यूल कर सकते हैं। हमारे लिए ये प्रोजेक्ट बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है, लेकिन हम इसके लिए इंतजार भी कर लेंगे। अगर आप चाहें तो अभी आप थोड़ा वक्त मिताली के..." ये बोलते हुए मयंक अग्रवाल ने मिताली की तरफ देखा, जिसके चेहरे पर मुस्कुराहट थी।
सोफे लग बैठा अयांश त्रेहान अपनी पॉकेट में हाथ डाले, अपनी जगह से खड़ा हुआ और मयंक अग्रवाल और उसके साथ बैठे बिजनेसमैन की तरफ देखते हुए बोला, "वेल, अभी तक तो मैं ये सोच ही रहा था कि मैं आप लोगों के साथ ये डील करूं या ना करूं, लेकिन अब मुझे लगता है कि मुझे ये डील कर लेनी चाहिए क्योंकि काफी समझदार हैं आप और समझदार लोगों के साथ बिजनेस करना हमेशा प्रॉफिट ही देता है, और अयांश त्रेहान को सिर्फ और सिर्फ प्रॉफिट से मतलब है, और किसी चीज से नहीं। और रही बात यहां पर वक्त बिताने की, तो आप जाइए, जाकर इस डील को सेलिब्रेट कीजिए। बाकी किसे यहां पर रुकना चाहिए, ये तो आप बहुत अच्छी तरह से जानते होंगे।" ये बोलते हुए उसकी नज़रें मिताली पर थीं।
अब उसने टेबल पर रखा हुआ सिगरेट बॉक्स उठाया और उसमें से एक सिगरेट निकालकर अपने होठों में दबा लिया तो मिताली तुरंत आगे आई और उसने लाइटर से अयांश की सिगरेट को लाइट किया। अगले ही पल, अयांश ने कश भरकर धुआं सामने की तरफ छोड़ा।
मिस्टर मयंक अग्रवाल और उनके साथ बैठे दो और बिजनेसमैन खुश हो रहे थे। उनके लिए ये डील बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट थी। आखिर अयांश त्रेहान के साथ कौन बिजनेस नहीं करना चाहेगा, और उन्हें तो इस डील के लिए कुछ ज्यादा करना भी नहीं पड़ा। वे तीनों तुरंत अपनी जगह से उठे, और मिस्टर मयंक अग्रवाल ने अपना हाथ अयांश की तरफ बढ़ाते हुए कहा, "थैंक यू सो मच, मिस्टर त्रेहान! हम उम्मीद करते हैं कि हमारे साथ हुई आपकी इस डील से आपको काफी अच्छा प्रॉफिट मिलेगा। I Just hope, हम आपके एक्सपेक्टेशंस को अच्छे से सेटिस्फाई कर पाए।"
अयांश ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा, "बिजनेस का तो पता नहीं, लेकिन अगर अभी फिलहाल इस रूम में मुझे सेटिस्फेक्शन नहीं मिली, तो ये डील तुम्हारे हाथों से जा भी सकती है! अयांश त्रेहान के लिए सेटिस्फेक्शन बहुत ज्यादा जरूरी है, बिजनेस में भी और बेड पर भी..."
उसकी बात सुनकर मयंक मिताली की तरफ देखने लगा था। अब मयंक को भी टेंशन हो रही थी। वो बस यही चाहता था कि मिताली किसी तरह अयांश को खुश कर दे, ताकि वे लोग अपनी इस डील को सच में अच्छे से सेलिब्रेट कर सकें। अब वो अपने बाकी के बिजनेस पार्टनर्स के साथ तुरंत वहां से चला गया और उस रूम में सिर्फ मिताली और अयांश रह गए।
मिताली अब अयांश के पास आई और उसकी चेस्ट पर अपना हाथ रखकर बोली, "डोंट वरी, मिस्टर त्रेहान, मैं आपको अच्छे से सेटिस्फाई करूंगी! आज का ये दिन आपके लिए काफी मेमोरेबल होगा।" ये बोलते हुए उसने अयांश की शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए थे और अयांश अभी भी स्मोक कर रहा था।
धीरे-धीरे मिताली ने अयांश की शर्ट को उसके बदन से अलग करके सोफे पर फेंक दिया था और अब वो उसकी चेस्ट को सहला रही थी। अयांश ने सिगरेट का आखिरी कश भरा और फिर सिगरेट को नीचे जमीन पर फेंक कर उसने अपना हाथ मिताली के सिर के पीछे रख दिया। मिताली के चेहरे की स्माइल और भी ज्यादा इंटेंस हो गई थी, क्योंकि उसे अंदाजा हो गया था कि अब आगे अयांश क्या करने वाला है। और अयांश ने अब दूसरे ही पल उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए थे और सारा धुआं मिताली के अंदर छोड़ दिया था...
मिताली की आंखों में पानी आ गया, लेकिन उसने अयांश को खुद से दूर नहीं किया और अब वे दोनों एक-दूसरे को स्मूच कर रहे थे। अयांश ने मिताली की कमर पर अपना हाथ रखा और उसे धीरे-धीरे बिस्तर की तरफ लेकर जाने लगा। जैसे ही वे दोनों बिस्तर के करीब पहुंचे, अयांश ने एक झटके से मिताली को बिस्तर पर लेटा दिया और फिर खुद पूरी तरह से उसके ऊपर झुक गया। दूसरे ही पल उसने अपने होंठ मिताली की गर्दन पर रख दिए थे और उसे किस करना शुरू कर दिया था। मिताली ने भी अपने हाथ उसकी पीठ पर रखे हुए थे और उसे पूरी तरह से रिस्पॉन्स दे रही थी। उसके होंठ लगातार अयांश की चेस्ट पर चल रहे थे...
तकरीबन 5-7 मिनट बाद ही उसने अयांश की चेस्ट पर अपना हाथ रखकर उसे हल्का सा खुद से दूर किया और फिर उसे बिस्तर पर लेटा कर वो खुद उसकी कमर पर बैठ गई। अयांश के चेहरे पर हल्की सी इंटेंस स्माइल आ गई थी, और मिताली ने अब अपने बालों का जुड़ा बनाया और फिर उसकी कमर की तरफ झुक गई। कुछ ही देर में उस कमरे में अयांश की गर्म सांसें गूंज रही थीं... और अयांश के चेहरे पर प्लेजर नजर आ रहा था...
तकरीबन 3 घंटे बाद मिताली और अयांश दोनों ब्लैंकेट में लिपटे हुए एक दूसरे की बाहों में सिमटे हुए थे और अब आयांश ने ब्लैंकेट अपने ऊपर से हटाया और बिस्तर से उठकर अपने कपड़े पहनने लगा। मिताली मुस्कुराते हुए अपनी जगह पर उठकर बैठी और अयांश की तरफ देखते हुए बोली, “आई होप, मैंने आपको निराश नहीं किया होगा?”
अयांश के लबों पर हल्की सी मुस्कुराहट थी लेकिन उसने मिताली की बात का कोई जवाब नहीं दिया। मिताली बेसब्री से उसके जवाब का इंतजार कर रही थी, लेकिन तभी अयांश सामने टेबल की तरफ बढ़ गया। उसने वहां पर रखी हुई अपनी चेकबुक उठाई और 2 करोड़ का एक चेक साइन करके मिताली की तरफ बढ़ा दिया। मिताली की आंखें बड़ी हो गईं। वो तुरंत घुटनों के बल बैठ कर बिस्तर के किनारे पर आई और अयांश के हाथ से वो चेक लेकर बोली, “क्या ये मेरे लिए है?”
अयांश हल्का सा मुस्कुराया और बोला, “Yes! मेरे साथ हुई डील से तुम्हारे बॉस को करोड़ों का फायदा होगा, लेकिन तुम्हें तो तुम्हारी वही सैलरी मिलेगी जो तुम्हें हर महीने मिलती है पर अगर तुमने अयांश त्रेहान को अच्छे से सेटिस्फाई किया है तो तुम्हें कुछ तो खास मिलना चाहिए ना।”
उसकी बात पर मिताली को तो यकीन नहीं हो रहा था कि सच में अयांश को उसके साथ अच्छा लगा क्योंकि उसने सुना था कि अयांश त्रेहान की एक्सपेक्टेशंस पर खरा उतरना सच में बहुत मुश्किल है...
वो तुरंत अयांश के सीने से लगने को हुई लेकिन अयांश ने अपना हाथ दिखाकर उसे रोक दिया और बोला, “एक बार हो गया ना, बस काफी है। अयांश त्रेहान के साथ एक बार भी बहुत किस्मत से होता है... दूसरी बार का मौका तो खुद अयांश त्रेहान ही किसी को नहीं देता!”
ये बोलकर वो पीछे की तरफ हट गया और अब अपनी शर्ट के बटन बंद करने लगा। मिताली को थोड़ा बुरा तो लगा लेकिन फिलहाल 2 करोड़ के चेक के सामने तो उसे और कुछ समझ ही नहीं आ रहा था...
अयांशउसके चेहरे की स्माइल देख रहा था, उसके खुद के होठों पर एक तिरछी मुस्कुराहट थी, लेकिन अगले ही पल वो मुस्कुराहट गायब हो गई जब साइड टेबल पर रखा हुआ उसका फोन बजने लगा और स्क्रीन पर नाम लिखा हुआ था — मालविका बजाज....
वहीं दूसरी तरफ एक 2BHK फ्लैट में टेबल पर एक फोन रखा हुआ था जो बज रहा था और स्क्रीन पर नाम फ्लैश हो रहा था — चिराग, उसके साथ हार्ट इमोजी भी बनी हुई थी। एक लड़की किचन में अपने लिए चाय बना रही थी और जैसे ही उसने फोन की रिंगटोन सुनी, वो तुरंत भागते हुए टेबल की तरफ आई और फिर कॉल रिसीव कर बोली, “हेलो!”
सामने से चिराग की आवाज आई, “मैंने अपने बॉस से परमिशन ले ली है। मैं 1 घंटे पहले ही फ्री हो जाऊंगा... लेकिन अगर मैं पहले फ्लैट पर आऊंगा तो बहुत टाइम वेस्ट होगा, इसलिए तुम एक काम करो — बिल्डिंग से बाहर निकल कर त्रेहान इंडस्ट्रीज के लिए ऑटो लो, मैं तुम्हें यहीं से अपने साथ मार्केट ले चलूंगा।”
चिराग की बात सुनकर वो लड़की फीकी सी मुस्कुराई और बोली, “लेकिन इन सब की क्या जरूरत है चिराग जी? मेरा मतलब है, मेरे पास कपड़े हैं, मुझे नए कपड़ों की...”
उसकी बात पूरी होती उससे पहले ही चिराग फ्रस्ट्रेटेड होकर बोला, “ओह प्लीज महनूर, ये तुम्हारा छोटा सा गांव नहीं है, जहां पर तुम वो अजीब से कपड़े पहनोगी। ये मुंबई है और अगर अब तुम यहां पर आई हो तो तुम्हें यहां का लाइफस्टाइल भी अपनाना पड़ेगा। मैं नहीं चाहता कि मेरी होने वाली वाइफ इतने बेकार से कपड़े पहन कर मेरे साथ कहीं जाए, इसलिए प्लीज आर्ग्यू मत करो और जल्दी से रेडी हो जाओ। तुम्हारे पास सिर्फ एक घंटा है... जल्दी से रेडी हो जाओ और मुझे त्रेहान इंडस्ट्रीज के बाहर मिलो।”
ये बोलकर चिराग ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया और महनूर अपने फोन की तरफ देखने लगी... उसके हिसाब से उसके पास जो कपड़े थे वो बिल्कुल ठीक थे, लेकिन अब चिराग की बात सुनकर उसे बेमन से ही नए कपड़े लेने के लिए चिराग के साथ मार्केट जाना पड़ रहा था... तभी उसे याद आया कि वो किचन में चाय रखकर आई है। वो अब तुरंत किचन की तरफ भाग गई।
तकरीबन 1 घंटे बाद,
महनूर ऑटो से बाहर निकली। ऑटो वाले ने उससे पैसे लिए और वहां से आगे बढ़ गया। महनूर अब सामने त्रेहान इंडस्ट्रीज की तरफ देख रही थी और तभी अचानक से उसकी नजर इंडस्ट्रीज के बिल्कुल बाहर दरवाजे पर खड़े कुछ बच्चों पर गई जिनके हाथों में बलूंस थे, वे बलूंस बेचने वाले थे और उनके साथ एक छोटी सी लड़की भी थी जो त्रेहान इंडस्ट्रीज के अंदर की तरफ भाग रही थी। दरवाजे पर गार्ड नहीं था इसलिए किसी ने उसे रोका भी नहीं और वो जल्दी से भागते हुए अंदर की तरफ चली गई....
इंडस्ट्रीज के मेन गेट पर ही अंदर से बाहर गाड़ियां आ जा रही थीं, तो महनूर की आंखें बड़ी हो गईं। कहीं वो छोटी बच्ची किसी गाड़ी के नीचे ना आ जाए, ये सोचकर वो जल्दी से उस बच्ची के पीछे-पीछे भागी।
और उसी वक्त दरवाजे पर अयांश त्रेहान की गाड़ी एंटर हुई।
अयांश जो गाड़ी में बैकसीट पर बैठा अपने फोन की तरफ देख रहा था, अचानक से ही उसकी नजर महनूर पर गई, जिसने अब उस छोटी सी बच्ची को अपनी गोद में उठा लिया था और उसे अच्छे से अपने सीने से लगाया हुआ था क्योंकि
वो बच्ची अयांश की ही गाड़ी के नीचे आने वाली थी...

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