
होटल हयात
महनूर गाड़ी से बाहर निकली और सामने की तरफ देखने लगी, सामने होटल हयात की बिल्डिंग देखकर ही उसे कल रात की हल्की-हल्की झलकियां अपनी आंखों के सामने चलती हुई नजर आने लगी थी और फिर आज सुबह की अयांश की बातें भी उसके कानों में गूंजने लगी थी, उसकी आंखों में नमी तैर गई थी।

Write a comment ...