
अधीर बरकत के बाबा की तरफ देख रहा था। उसे दूर-दूर तक अंदाजा नहीं था कि उसके सामने जो शख्स नीचे जमीन पर गिरा हुआ है… वो प्रीतम जी मतलब बरकत के बाबा है!!
अब बरकत के बाबा अपनी जगह से उठे। किसी ने उन्हें सहारा देकर ऊपर की तरफ उठाया था और इस बात पर प्रीतम जी को अब अधीर पर और भी ज्यादा गुस्सा आ रहा था। अपनी गलती मानने की बजाय वो एक तो उनके साथ गाली गलौज कर रहा था और ऊपर से उसने एक बार भी ये जरूरी नहीं समझा कि वो अपना सहारा देकर प्रीतम जी को ऊपर उठाएं।

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