
मित्तल फार्महाउस!
अंगद स्नेहा को लेकर लॉन्ग ड्राइव पर आया हुआ था, हालांकि ये लॉन्ग ड्राइव पहले से डिसाइडिड नहीं थी!
अंगद स्नेहा को स्पेशल फील करवाना चाहता था, जब से स्नेहा ने उसे शिकायत की थी तब से ही वो अपनी पॉकेट में पायलों का जोड़ा लेकर घूम रहा था जो अब उसने स्नेहा को पहना दिए थे और फिर उसके बाद वो उसे फार्म हाउस में लेकर आया था।
जैसे ही उसने स्नेहा को बिस्तर पर बिठाया स्नेहा खुद में ही सिमटने लगी, अंगद उसके सामने खड़ा अपनी शर्ट के बटन खोल रहा था।
स्नेहा ने अपने होठों को हल्का सा अंदर की तरफ दबा लिया था, उसकी नज़रें कभी अंगद की तरफ जा रही थी तो कभी शर्म से वो अपनी नज़रें नीचे की तरफ झुका लेती!
वही अंगद के चेहरे पर भी बेहद इंटेंस एक्सप्रेशंस थे और अब अपनी शर्ट उतार कर साइड में फेंकने के बाद वो स्नेहा के पैरों की तरफ आया, स्नेहा ने जैसे ही उसे अपने पैरों की तरफ बढ़ते हुए देखा....उसने हल्का सा अपने पैरों को ऊपर की तरफ खींच लिया लेकिन तभी अंगद ने उसके एक पैर को अच्छे से पकड़ कर उसे अपने पैर ऊपर करने से रोक लिया और फिर उसके पैरों पर झुक गया।

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