
चंदा ने जैसे ही फोन पर सामने वाले की बात सुनी उसकी हार्टबीट जैसे एक पल के लिए स्किप हो गई थी, उसकी आंखों में नमी तैर गई थी। वो तुरंत अपने रूम से बाहर निकली और बाहर पार्किंग एरिया में आई जहां पर बहुत सारी गाड़ियां खड़ी थी।
वो एक गाड़ी में बैठते हुए ड्राइवर से बोली "जल्दी से सिटी हॉस्पिटल चलिए!”
वो ड्राइवर भी तुरंत गाड़ी में बैठ गया और अगले ही पल गाड़ी सिसोदिया महल से बाहर निकल गई!
चंदा गाड़ी की बैक सीट पर बैठी थी और उसने अपने सीने पर अपना हाथ रखा हुआ था, इस वक्त उसे हद से ज्यादा डर लग रहा था! उसे फोन पर किसी ने कहा था कि राजवेंद्र का एक्सीडेंट हो गया है और उसे सिटी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है! राजवेंद्र का एक्सीडेंट का सोचकर ही उसका दिल कांपने लगा था...
तकरीबन 5 मिनट बाद ही चंदा ने नोटिस किया कि ड्राइवर उसे किसी और ही रास्ते पर ले जा रहा है, सिटी हॉस्पिटल का रास्ता वो भी जानती थी! वहीं पर तो मनोहर जी एडमिट थे तो उसे महल से सिटी हॉस्पिटल का रास्ता बहुत अच्छी तरह से पता था, लेकिन वो ड्राइवर तो उसे बाहर की तरफ लेकर जा रहा था… वो जल्दी से बोली "आप मुझे कहां लेकर जा रहे हैं?”
वो ड्राइवर कुछ नहीं बोला, बस चुपचाप अपनी गाड़ी चलाता रहा!

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